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2017 के मुकाबले 2022 के चुनाव में बढ़े दागदार प्रत्याशी, धनी उम्मीदवारों में भी इजाफा


लखनऊ, 3 मार्च 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अंतिम चरण के मतदान नजदीक आते ही 2017 के मुकाबले 2022 के विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों की विस्तृत तुलनात्मक रिपोर्ट भी सामने आ गई है। 2017 के मुकाबले में 2022 में चुनाव के मैदान में उतरे प्रत्याशी हर मामले में आगे हैं।

उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने इस रिपोर्ट को जारी किया है। जिसमें 2017 विधानसभा चुनाव की अपेक्षा 2022 में दागी प्रत्याशियों में हुई बढ़ोत्तरी होने के साथ धनकुबेर प्रत्याशियों में नौ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। 2017 के अपेक्षा 2022 में महिलाओं उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो गई है। 2022 में पहले से सातवें चरण तक चुनाव लडऩे वाले 4442 में से 4406 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है इन 4406 उम्मीदवारों में से 1209 राष्ट्रीय दलों से , 921 राज्य दलों से, 1266 गैर मान्यता प्राप्त दलों से और 1010 निर्दालिये उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है वही 36 उम्मीदवारों का शपथपत्र स्पष्ट ना होने के कारण उनका विष्लेषण नहीं किया जा सका।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में उतरे 4406 में से 1142 प्रत्याशी (26 प्रतिशत) ने अपने आपराधिक मामले घोषित किये हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में 4823 में से 859 (18 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये थे। इस बार 889(20प्रतिशत) ने ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये हैं। विधानसभा चुनाव 2017 में 704 (15 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये थे। घोषित आपराधिक मामले दलवार इस प्रकार है समाजवादी पार्टी के 347 में से 224 (65 प्रतिशत), सुहेलदेव भारतीये समाज पार्टी के 19 में से 11 (58 प्रतिशत), राष्ट्रीय लोकदल के 33 में से 19 (58 प्रतिशत), भाजपा के 374 में से 169 (45 प्रतिशत), काग्रेस के 397 में से 160 (40 प्रतिशत), बसपा के 399 में से 153 (38 प्रतिशत), अपना दल (सोने लाल) के 17 में से 6 (35 प्रतिशत) और आम आदमी पार्टी 345 में से 62 (18 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषत किये। गंभीर आपराधिक मामले में भी सपा के 347 में से 163 (47 प्रतिशत), सुहेलदेव भारतीये समाज पार्टी के 19 में से 11 (58 प्रतिशत), आरएलडी के 33 में से 17 (52 प्रतिशत),भाजपा के 374 में से 131 (35 प्रतिशत), कांग्रेस के 397 में से 108 (27 प्रतिशत ), बसपा के 399 में से 199 (30 प्रतिशत), अपना दल (सोने लाल ) के 17 में से 4 (24 प्रतिशत) और आम आदमी पार्टी के 345 में से 50 (15 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है। 69 उम्मीदवारों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित किये हैं। इन 69 में से दस ने अपने ऊपर दुष्कर्म (आईपीसी-376) से संबंधित मामला घोषित किया है। 37 ने हत्या (आईपीसी-302), 159 उम्मीदवारों ने हत्या का प्रयास (आईपीसी-307) से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं।

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