लखनऊ, 23 मई 2022 : मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के छात्रों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच बीती 19 मई को हुए विवाद की जांच की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। निर्णय के अनुपालन के क्रम में विश्वविद्यालय ने छात्र क्रिया कलाप परिषद के अध्यक्ष प्रो. बीके पांडेय और जनसंपर्क अधिकारी डा. अभिजीत मिश्र को जांच समिति की रिपोर्ट आने तक पद से मुक्त कर दिया गया है।
जांच केलिए चार सदस्यीय कमेटीबनी
नवनियुक्त जनसंपर्क अधिकारीडा. डीएस सिंहने बताया किघटना की जांचके लिए एकउच्च स्तरीय चारसदस्यीय जांच समितिका गठन कियागया है। समितिसाक्ष्यों के आधारपर रिपोर्ट तैयारकर रही है।जांच समिति मेंजिला प्रशासन वपुलिस प्रशासन सेएक-एक सदस्यनामित करने केलिए विश्वविद्यालय कीओर से जिलाधिकारीसे लिखित अनुरोधपहले ही कियाजा चुका है।उधर विद्यार्थी परिषदने विश्वविद्यालय प्रशासनऔर जिला प्रशासनसे मांग कीहै कि वहप्रो. पांडेय औरडा. अभिजीत केअलावा उन शिक्षकोंपर भी कार्यवाहीकरे, जो इसघटना के कथितरूप से जिम्मेदारहैं। प्रांत मंत्रीसौरभ गौड़ नेप्रो. पांडेय औरडा. अभिजीत कोनिलंबित करने कीभी मांग कीहै।
गुआक्टा निर्णय परकायम, वित्तविहीन कालेजके प्राचार्य पीछेहटे : दीनदयाल उपाध्यायगोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्धमहाविद्यालयों में 24 मई सेहोने वाली परीक्षाके बहिष्कार कोलेकर कालेजों मेंदो भाग होगया है। वित्तविहीनकालेजों के प्राचार्यव शिक्षकों काविरोध थम गयाहै जबकि गोरखपुरविश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय एसोसिएशन ( गुआक्टा) विरोध को लेकरअडिग है। गुआक्टाके पदाधिकारियों नेपरीक्षा केंद्रों का निरीक्षणकरने और 31 मईको विश्वविद्यालय प्रशासनिकभवन पर तालाबंदीके निर्णय कोदोहराया है।
यह हैशिक्षकों की मांग
महाविद्यालयों के शिक्षकोंकी मांग हैकि उनके यहांभी स्नातक केशिक्षकों को शोधनिर्देशक बनाया जाए औरनए शिक्षकों कोपीएचडी कराने की अनुमतिदी जाए। इसीप्रकार दो वर्षके कॉपी मूल्यांकनके बकाया कोअविलंब भुगतान किया जाए।हालांकि इन मामलोंमें विश्वविद्यालय प्रशासनने पहले हीअपना रूख स्पष्टकर दिया है।लेकिन, गुआक्टा त्वरित कार्रवाईपर अड़ा हुआहै। उधर, वित्तविहीनकॉलेजों के कईप्राचार्यों ने परीक्षामें सहयोग कोलेकर लिखित आश्वासनविश्वविद्यालय प्रशासन को दियाहै।
जारी रहेगाविरोध प्रदर्शन
सूत्रों के मुताबिकलिखित आश्वासन केबाद विरोध कररहे कुछ कॉलेजोंको फिर सेपरीक्षा केंद्र बना दियागया है। गुआक्टाके महामंत्री डा. धीरेंद्र प्रताप सिंह नेकहा है किगुआक्टा का विरोधप्रदर्शन जारी है।शिक्षक प्रायोगिक परीक्षाएं नहींकरा रहे हैं।डिग्री कालेजों में 24 सेपरीक्षाएं शुरू होंगी, सभी शिक्षक परीक्षाका बहिष्कार करेंगे।मूल्यांकन कार्य से भीशिक्षक अपने कोअलग रखे हुएहैं।
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