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अखिलेश ने सरकार को सदन में घेरने के लिए कल बुलाई विधानमंडल दल की बैठक


लखनऊ, 21 मई, 2022 : समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल की बैठक कल यानी 22 मई को प्रदेश कार्यालय में दोपहर 12 बजे से होगी। पहले यह बैठक आज शाम को पांच बजे होनी थी पर ऐन मौके पर सपा प्रमुख ने इसे रद कर दिया। बैठक में विधान सभा सदस्यों के साथ ही विधान परिषद सदस्यों की भी उपस्थिति अनिवार्य की गई है।

इस बैठक में सपा विधानमंडल दल के नेता अखिलेश यादव अपने विधायकों के साथ आगामी विधानमंडल सत्र को लेकर रणनीति बनाएंगे। सपा कानून व्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, बिजली व किसानों सहित अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार को सदन में घेरेगी।

बता दें कि विधानमंडल के बजट सत्र 23 तारीख से शुरू होने जा रहा है। इस बार विधायक ई विधान प्रणाली के जरि‍ए स्‍मार्ट तरीके से अपने सवाल पूछ सकेंग। इसलिए आज सभी विधायकों को ई विधान प्रणाली को उपयोग करने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर हमलावर होते हुए कहा था कि योगी सरकार को सदन में बुनियादी सवालों का जवाब न देना पड़े इसलिए मात्र नौ दिन में निपटाना चाहती है। विधानसभा सत्र ज्यादा दिन का होना चाहिए। बोले कि प्रदेश की जनता ने समाजवादी पार्टी को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया। अखिलेश ने भाजपा पर अंग्रेजों की तरह समाज को बांटने व राज करने का आरोप लगाया था।

पेट्रोल, डीजल, कोयला, लोहा, स्टील की कीमतों को गिनाते हुए महंगाई का हवाला भी दिया था। सपा प्रमुख ने कहा था, एयरपोर्ट, रेल, सड़क, एलआइसी को बेचा जा रहा है। सरकार बनने के बाद अब वह गरीबों को पहचानने से इन्कार कर रही है। गांव में मुनादी करा अपात्र साबित कर 24 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गेहूं का दाम वसूलने की धमकी दी जा रही है। सरकार के मित्रों ने जब किसानों से गेहूं खरीद लिया तो निर्यात पर रोक लगा दी गई। लाखों क्विंटल गेहूं देश के कई बंदरगाहों पर ट्रकों में लोड है।

अब आटा महंगा खरीदने के लिए देश की जनता को तैयार होना पड़ेगा। अखिलेश यादव ने कहा था कि थानों में अराजकता व दलाली का अड्डा बनने की बात को स्वयं मुख्यमंत्री ने स्वीकारते हुए इससे बचने की नसीहत अपने पार्टी नेताओं को दी है। योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्‍होंने कहा कि बुलडोजर का इस्तेमाल राजनीतिक दलों, कुछ जातियों व मुस्लिमों को डराने के लिए किया जा रहा है। अयोध्या में पांच वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपियों के घर पर उसे नहीं चलाया गया। इसी तरह चंदौली से लेकर अन्य कई जिलों की घटना का उदाहरण दिया था।
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