अखिलेश यादव का सफारी पार्क पर ट्वीट, सरकार के लिए लिखी ऐसी बात
- chandrapratapsingh
- Apr 28, 2022
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इटावा, 28 अप्रैल 2022 : समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायक सिंह यादव ने बीते दिनों इटावा लायन सफारी पार्क का भ्रमण करके खुशी का इजहार किया था, वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को सफारी पार्क को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने सरकार से सफारी पार्क में हिरणों की मौत की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए सरकार से गंभीरता बरतने को कहा है। बुधवार को सैफई पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुरुवार की सुबह मैनपुरी के करहल के लिए रवाना हो गए।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव बुधवार की शाम सैफई स्थित आवास आए थे और नजदीकी परिचितों से मुलाकात की थी। गुरवार की सुबह उन्होंने इटावा लायन सफारी पार्क को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने पिता मुलायम सिंह यादव के सफारी भ्रमण की फोटो पोस्ट करते हुए अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा- इटावा सफारी पार्क में जंगल की ओर से बफर जोन में घुस आए तेंदुए के कारण हिरणों की मौत को गंभीरता से लेकर, सरकार को तुरंत तेंदुआ पकड़ने की सार्थ योजना बनानी चाहिए। सफारी प्रशासन की मुस्तैदी के साथ हर संभव प्रयास कर, भविष्य में ऐसी घुसपैठ को नाकाम करने का पुख्ता इंतजाम होना चाहिए।
बताते चलें कि बीते दिनों सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने लायन सफारी पार्क का भ्रमण करके खुशी जताई थी। उन्होंने सफारी निदेशक से कहा था कि बेहतर ढंग से पार्क पर काम किया जाए। यदि धन की कमी लगे तो बताएं वह स्वयं सरकार से बात करेंगे।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव गुरुवार की सुबह सैफई से मैनपुरी जनपद के करहल विधान सभा के गांव नगला मोती में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निकल गए। वे बुधवार की दोपहर दो बजे सैफई पहुंचे थे। यहां से शाम छह बजे मुलायम सिंह यादव के निकट सहयोगी रहे बाबू दर्शन सिंह यादव की पत्नी शकुंतला देवी के निधन पर शोक संवदेना व्यक्त उनके आवास पर गए थे। रात्रि विश्राम सैफई किया था।
यह था मामला : इटावा सफारी पार्क में एक अप्रैल को तेंदुआ फिशर वन फोरेस्ट के जंगल से हिरण सफारी में घुस आया था। इसके बाद कई हिरणों की मौत होना सामने आया था। हालांकि एक सप्ताह तक सफारी प्रशासन हिरणों की मौत को सामान्य मौत बताता रहा, उसके बाद तीन हिरणों की मौत को तेंदुआ के द्वारा मारा जाना स्वीकार किया था। इनका पोस्टमार्टम भी कराया गया था। तेंदुआ की खोजबीन के लिए एक दर्जन कर्मचारी लगाए गए थे। पिंजड़ा भी लगाया गया लेकिन तेंदुआ उसमें नहीं फंसा। 28 अप्रैल तक तेंदुआ पकड़ में नहीं आया। बाउंड्रीवाल छोटी होने के कारण तेंदुआ घुस आया था।
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