लखनऊ, 8 मार्च 2022 : रामपुर में जमीन केकब्जे के कईमामलों के साथअन्य केस मेंसजा मिलने केबाद जेल मेंबंद रामपुर सेसमाजवादी पार्टी के सांसदआजम खां कोइलाहाबाद हाई कोर्टने मंगलवार कोजमानत दे दीहै। आजम खांकरीब दो वर्षसे सीतापुर कीजेल में बंदहैं।
समाजवादीपार्टी के सांसदआजम खां कोइलाहाबाद हाई कोर्टसे बड़ी राहतमिली है। इलाहाबादहाई कोर्ट कीलखनऊ बेंच नेफर्जीवाड़ा के एकमामले में आजमखां की जमानतयाचिका की मंजूरकर ली है।इसके बाद भीअभी उनको जेलसे बाहर आनेका मौका नहींमिलेगा। मुलायम सिंह यादवतथा अखिलेश यादवसरकार में कैबिनेटमंत्री रहे आजमखां पर फर्जीवाड़ाका आरोप है।आजम खां करीबदो वर्ष सेसीतापुर की जेलमें बंद हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने आजम खां को जमानत देने का का निर्देश दिया। आजम खां के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (2) में चार्जशीट दाखिल हुई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां को पद के दुरुपयोग के एक मामले में जमानत दे दी है। जमानत मिलने के बाद भी वह अभी भी सीतापुर की जेल में बंद रहेंगे। उसके खिलाफ दो मामलों में अभी की फैसला सुरक्षित है।
आजम खां को सरकारी मुहर और लेटर पैड का गलत इस्तेमाल करने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिली है। हाई कोर्ट ने सरकारी लेटर पैड एवं मुहर का गलत इस्तेमाल करने के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की ओर से दाखिल जमानत अर्जी मंगलवार को मंजूर कर ली। वह अन्य मामलों में अभी जेल में ही रहेंगे। यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने दिया। अदालत के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से कहा गया था कि आजम खां काफी समय से जेल में हैं तथा उनके विरुद्ध लगाया गया आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणनीय है। इसके अलावा मामला राजनीति से प्रेरित है। दूसरी ओर जमानत का विरोध करते हुए सरकारी वकील का तर्क था कि आजम खां के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज कोतवाली में एक फरवरी 2019 वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया है कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है। इसके बाद अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भेज कर आरोप लगाया कि आजम खां ने सरकारी लेटर हेड एवं सरकारी मुहर का दुरुपयोग करके भाजपा के साथ ही साथ आरएसएस एवं मौलाना सैयद कल्बे जावाद नकवी को बदनाम कर उनकी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचा रहे हैं।
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