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अद्भुत व्यापारी जिसे गौशाला की गायें देती हैं Business Tips – व्यापार पहुंचा 127 करोड़ के पार



 

अमिया शर्मा भारत के एक ऐसे उभरते उद्योगपति हैं जिनकी दिलचस्पी बिना शेड की फैक्ट्री चलाकर मुनाफा कमाने में है। फिलहाल उनका कारोबार 127 करोड़ के आसपास है। अमिया शर्मा कृषि क्षेत्र के कारोबारी है।


फसल तभी बढ़िया होती है जब मौसम अनुकूल हो, खाद, पानी, बीज आदि जरुरतें वक्त पर पूरी हों। अमिया शर्मा का कहना है वर्तमान में कृषि एक ऐसा ही क्षेत्र है। सरकार की योजनाएं, उत्पादकता, सयंत्र, बाजार और अन्य आवश्यकताएं सब कुछ कृषि क्षेत्र में संतुलित है। जिसके चलते कृषि व्यापार में ना सिर्फ मुनाफा बढ़ा है बल्कि नए बाजार और किसानों के व्यापक हित भी सधे हैं।

 



उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद में अंडुपुर, परसपुर में अमिया शर्मा ने अत्याधुनिक स्वचालित मकई सिलेज प्लांट में निवेश किया है। मकई सिलेज या हरा चारा की मांग भारत के साथ साथ दुनिया के हर उस देश में है जहां पशुपालन होता है। स्टेट टुडे के साथ विशेष चर्चा में अमिया शर्मा ने कहा कि मक्के का सिलेज तैयार करने के लिए फसल सिर्फ ढाई महीने में ही तैयार हो जाती है। एक बीघे में करीब 60 क्विंटल के आसपास मकई की पौध खड़ी हो जाती है। एक क्विंटल का दाम ढाई सौ रुपए किसानों को वर्तमान में दिया जा रहा है। जबकि मक्का की फसल पूरी तरह से तैयार होने पर पांच-छ हजार रुपए की ही बिकती है। इस लिहाज से किसान को हरा चारा यानी मकई सिलेज बेचने में ज्यादा मुनाफा होता है और खेत भी जल्द खाली हो जाता है।   

 

एक दौर में क्रिकेट को अपना करियर समझने वाले अमिया शर्मा को आईआरएस अधिकारी की नौकरी भी रास नहीं आई। कुछ और हाथ आजमाने के बाद वो पूरी तरह से व्यवसायिक दुनिया में आ गए। नए आइडिया और भरपूर जोखिम लेना आदत बना चुके अमिया शर्मा ने अपना कारोबार 127 करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया है। अब, उनका ध्यान स्वचालित मकई सिलेज संयंत्र के साथ गोंडा में कृषि में क्रांति लाने पर केंद्रित है।

 



यह संयंत्र स्थायी रूप से उच्च गुणवत्ता वाले मकई सिलेज का उत्पादन करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करता है। यह संयंत्र न केवल पशुधन के लिए चारे की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करता है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करता है, जो क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में योगदान देता है।

 

अमिया शर्मा का कहना है कि  "हमारा लक्ष्य परंपरागत कृषि से अलग नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए स्थानीय किसानों को सशक्त बनाने के साथ आमदनी बढ़ाना है। स्वचालित मकई सिलेज संयंत्र कृषि में नवाचार और स्थिरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।"

 

इस निवेश का सबसे दिलचस्प पहलू अमिया शर्मा की वह गौशाला है जहां गौसेवा करते हुए उन्हें आए दिन खेती किसानी से लाभ कमाने और कारोबार आगे बढ़ाने के नए विचार आते हैं। अपनी गौशाला में ही उन्हें हरे चारे की उपयोगिता और व्यवसायिकता समझ आई।




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