इतिहास में जब जब राम मंदिर का जिक्र आएगा और मुलायम सिंह यादव की चर्चा होगी तब तब कारसेवकों पर गोलियां चलवाने की घटना दुहराई जाएगी। आम जनता शायद इसे याद करना छोड़ भी देती लेकिन 2017 के यूपी विधान सभा चुनाव में खुद मुलायम सिंह यादव ने मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए भरी सभा में ये कह कर वोट मांगे कि राम मंदिर आंदोलन के समय प्रदेश में उनकी सरकार थी , वो मुख्यमंत्री थे और तब उनके आदेश से ही कारसेवकों पर गोलियां चलाईं गई थीं। जिसमें कई कारसेवक मारे गए थे।
अब जबकि राम मंदिर का अयोध्या में भव्य निर्माण शुरु हो चुका है संभव है कि इस तीन-चार दशक पहले की इस घटना का जिक्र ना किया जाता। लेकिन जब खुद नेताजी वोटबैंक पालिटिक्स के लिए भरी सभाओं में किसी विजेता की तरह इस बात का बखान करें तो स्वाभाविक है कि उनके परिवार का कोई सदस्य अगर राम में और राममंदिर में आस्था जताए तो खबर तो बनती है।
वर्तमान में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 11 लाख 11 हजार रुपये का दान किया है। इस मौके पर अपर्णा यादव ने कहा कि वह यह दान स्वेच्छा से कर रही हैं। साथ ही उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलवाने के आरोपों पर भी बयान दिया है। मैं अपने परिवार के लिए जिम्मेदारी नहीं ले सकती। अतीत कभी भी भविष्य के बराबर नहीं होता है।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए देशभर में 150000 टोलियां धन संग्रह कर रही हैं। इसी सिलसिले में शुक्रवार को अवध प्रांत के प्रचारक कौशल और कार्यवाह प्रशांत भाटिया समाजवादी पार्टी के संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के आवास पर पहुंचे। अपर्णा यादव ने प्रांत प्रचारक कौशल को राम मंदिर निर्माण के लिए 11 लाख रुपये समर्पित किए।
इस दौरान अपर्णा यादव ने कहा कि मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए अयोध्या में हुई गोलीकांड को दुखद घटना थी। अपर्णा ने मुलायम सिंह यादव द्वारा अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने के आरोपों पर कहा कि उन्होंने पहले जो किया और जिन परिस्थितियों में जो कुछ भी हुआ, वो बहुत दुखद था। उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती। जो बीत गया वो आज में बदल नहीं सकता है।
टीम स्टेट टुडे
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