केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बंगाल दौरा फिलहाल टल गया है। उन्हें रविवार को कोलकाता पहुंचना था। यहां सांगठनिक बैठक करने के बाद सोमवार को नेता प्रतिपक्ष सुभेंदु अधिकारी के गृह जिला पूर्व मेदिनीपुर के मेचेदा में शाह एक जनसभा को भी संबोधित करने वाले थे। लेकिन विशेष परिस्थितियों के चलते शाह का बंगाल दौरा टल गया है।
बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल
बंगाल के पड़ोसी राज्य बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। डेढ़ साल बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 'महागठबंधन' छोड़कर भाजपा के साथ जाने की चर्चा तेज है। कहा जा रहा है कि बिहार में राजनीतिक बदलाव के कारण शाह का बंगाल दौरा टला है।
बिहार में शनिवार को सभी पार्टियों की बैठक हुई। सबसे पहले आरजेडी, फिर कांग्रेस, उसके बाद हम, फिर बीजेपी और आखिर में जेडीयू की मीटिंग हुई। बिहार में सत्ता परिवर्तन के कयास लगाए जा रहे हैं। सत्ता परिवर्तन के दारोमदार बीजेपी पर टिका हुआ है। अब एक बार फिर रविवार को सुबह 9 बजे बीजेपी की, 10 बजे जेडीयू की और आखिर में एनडीए (जेडीयू-बीजेपी-हम) की मीटिंग होगी। इसके बाद नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर इस्तीफा और नई सरकार के लिए समर्थन पर पत्र सौपेंगे। कहा जा रहा है कि दोपहर तीन बजे के बाद वो शपथ लेंगे।
इस्तीफा के तुरंत बाद शपथ
नीतीश कुमार ने सीएम आवास पर जेडीयू विधायकों की बैठक बुलाई। इसमें विधायकों को बताया गया कि अब वो बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने जा रहे हैं। वैसे, ये महज औपचारिकता है। वहीं, बीजेपी खेमे में कोर कमेटी की बैठक हुई। इसमें प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े के अलावा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और स्टेट बीजेपी के सीनियर नेता मौजूद रहे। इसके बाद विधायकों और सांसदों की बैठक हुई। अब रविवार की सुबह बीजेपी, जेडीयू और एनडीए विधायकों कि बैठक होगी।
इसके बाद नीतीश कुमार इस्तीफा और समर्थन वाली चिट्ठी एक साथ लेकर राजभवन जाएंगे। पहले इस्तीफा देंगे, उसके कुछ घंटों बाद शपथ। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के रविवार को पटना पहुंचने की संभावना है। बताया जा रहा है कि रविवार को ही सीएम नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
इस बीच, बीजेपी ने बिहार के अपने सहयोगियों को नीतीश के लिए तैयार कर लिया है। मांझी ने तो पहले ही हामी भर दी थी। अमित शाह ने चिराग पासवान को मना लिया। उपेंद्र कुशवाहा को भी बीजेपी ने तैयार कर लिया है।
कुल मिलाकर कहें तो एनडीए में कहीं कोई दिक्कत नहीं है। नीतीश कुमार की ताजपोशी के लिए पूरी फिल्डिंग सज चुकी है। अब सिर्फ नीतीश कुमार को उस चिट्ठी का इंतजार है, जिसका वो बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
विपक्षी खेमे में आरजेडी खासकर लालू-तेजस्वी के लिए अच्छी खबर ये है कि उनके विधायक इनटैक्ट हैं। पार्टी की ओर से लालू यादव को फैसला लेने के लिए अधिकृत किया गया है। हालांकि, आरजेडी नेताओं को अब भी नीतीश से उम्मीद हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए अच्छी खबर नहीं है। पूर्णिया में पार्टी ने विधायकों की बैठक बुलाई थी। जिसमें आधे विधायक नहीं पहुंचे। इसका नतीजा रहा कि मीटिंग को ही टालना पड़ा। वैसे, कहा तो ये भी जा रहा है कि कांग्रेस के विधायक जेडीयू के संपर्क में हैं। अगर, ऐसा होता है तो राहुल गांधी के बिहार एंट्री से पहले ही पार्टी टूट जाएगी।
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