लखनऊ, 17 मई 2022 : भगवान शिव की आराधना के दिन सोमवार को वाराणसी में बाबा विश्वेश्वरनाथ मंदिर के निकट ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में उनका एक और प्रतिरूप शिवलिंग के रूप में मिला। मंदिर पक्ष के वकील ने बताया कि मस्जिद परिसर में बने वजूखाने का पानी निकालने पर शिवलिंग सामने आया है। कोर्ट के आदेश पर उक्त स्थान को सील कर दिया गया और और वजूखाना में आने-जाने पर पाबंदी लगा दी है।
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एक तरफ कानूनी लड़ाई चल रही है तो दूसरी तरफ अब हिंदू वादी संगठनों और भाजपा नेता इस मद्दे पर मुखर होने लगे हैं। ताजा बयान देवरिया से भाजपा विधायक डा. शलभ मणि त्रिपाठी का आया है। मंगलवार को वजूखाने में शिवलिंग मिलने पर हैरानी जताते हुए उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि 'जानते थे कि पवित्र शिवलिंग है, इसीलिए वहां वजूखाना बना डाला, महादेव पर...' वह आगे लिखते हैं- 'तो ये थी आपकी गंगा जमुनी तहजीब और इसीलिए सर्वे का था इतना खौफ'
इससे पहले उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी ज्ञानवापी प्रकरण पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था- 'सत्य को आप कितना भी छिपा लीजिये लेकिन एक दिन सामने आ ही जाता है क्योंकि सत्य ही शिव है। बाबा की जय, हर हर महादेव।'
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने पर दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे हैं। प्रतिवादी पक्ष ने हौज को फव्वारा बताया। शिवलिंग के आकार-प्रकार को लेकर कई तरह की चर्चा रही। इसे हरे रंग का पन्ने का बताया गया, लेकिन किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की। बताया जा रहा है कि शिवलिंग पर पांच स्थानों पर क्रास लगाया गया है। इसके चारों ओर सीमेंट और ईंट से गोल घेरा बना हुआ है।
इस शिवलिंग का व्यास करीब छह फीट का और लंबाई 10 फीट से अधिक बताई जा रही है। हौज वर्गाकार है, जिसकी एक ओर की लंबाई करीब 22 फीट है और गहराई लगभग छह फीट है। इसमें समान दूरी पर 30 नल तीन तरफ लगे हुए हैं। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ, हालांकि उसकी सत्यता की पुष्टि नहीं हो सकी।
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