लखनऊ, 15 मई 2023 : नगरीय निकाय चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा अब अगले साल होने वाले लोक सभा चुनाव की तैयारियों में जुटेगी। निकायों में मिली जीत भी शहरी इलाकों में भाजपा के मिशन-2024 के लक्ष्य संधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। भाजपा यूं तो निकाय चुनाव से पहले भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी तैयारियां कर रही थी। निकाय चुनाव के कारण इसमें रुकावट आई।
निकाय चुनाव टलने के कारण यह समयावधि कुछ लंबी खिंच गई। इसी दरम्यान भाजपा की नई प्रदेश टीम का भी गठन हो चुका है। निकाय चुनाव को लोक सभा चुनाव के लिए पूर्वाभ्यास माना जा रहा था। इस चुनाव में मिली बड़ी जीत ने भाजपा को नई ऊर्जा देने के साथ अपने विरोधियों पर मनोवैज्ञानिक बढ़त और दबाव दोनों ही बनाने का काम किया है।
गौरतलब है कि भाजपा ने इस बार सभी 17 नगर निगमों, 199 में से 89 नगर पालिकाओं और 544 में से 191 नगर पंचायतों में अपना परचम लहराया है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा देने वाली भाजपा के लिए लोक सभा चुनाव में भी विकास एक अहम मुद्दा होगा। केंद्र और राज्य सरकार की कई महत्वपूर्ण विकासपरक योजनाएं नगरीय निकायों के माध्यम से संचालित की जा रही हैं।
भाजपा इस बात को अच्छी तरह समझती है कि निकायों के माध्यम से इन योजनाओं का लाभ नगरीय क्षेत्रों के बड़े वर्ग तक पहुंचाकर पार्टी उनके बीच अपनी लोकप्रियता, विश्वसनीयता और साख बढ़ा सकती है। वहीं उसे यह भी अहसास है कि निकायों में मिली जीत उससे जवाबदेही की मांग भी करेगी। इसलिए भाजपा लोक सभा चुनाव के लिए गोटियां बिछाने में निकायों को भी माध्यम बनाएगी।
सूत्रों के अनुसार निकायों के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथग्रहण के बाद पार्टी उनकी बैठक बुलाकर उन्हें लोक सभा चुनाव के दृष्टिगत अपने एजेंडा से अवगत कराएगी। उन्हें यह भी बताएगी कि उनकी कार्यशैली साफ-सुथरी हो ताकि लोक सभा चुनाव के दौरान पार्टी को जनता के बीच जवाब और सफाई देने की अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े।
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