लखनऊ, 23 जनवरी 2022 : कांग्रेस पार्टी मेंभगदड़ जारी है।पार्टी की ओरसे घोषित कियेगए प्रत्याशियों केकांग्रेस छोड़कर दूसरे दलोंका दामन थामनेका सिलसिला जारीहै। इसे देखतेहुए पार्टी केकार्यकर्ता भी अबकहने लगे हैंकि कांग्रेस केकर्ता-धर्ताओं कोप्रत्याशियों की पहचाननहीं है। वेपार्टी के फीडबैकतंत्र और स्क्रीनिंगप्रक्रिया को लेकरभी अंदरखाने सवालकर रहे हैं।
कांग्रेस ने 13 जनवरीको 125 प्रत्याशियों की अपनीपहली सूची जारीकी थी। उसमेंरामपुर की चमरव्वासीट से प्रत्याशीबनाये गए यूसुफअली यूसुफ नेअगले ही दिनसमाजवादी पार्टी में शामिलहो गए थे।यह बात औरहै कि सपाने उन्हें टिकटके काबिल नहींसमझा तो वहपुराने ठिकाने में वापसआने के लिएमजबूर हुए। नसिर्फ उन्होंने माफीनामालिखकर कांग्रेस सेक्षमा मांगी बल्किअपना वीडियो जारीकरना पड़ा जिसमेंसपा मुखिया अखिलेशयादव पर उन्हेंधोखा देने काआरोप लगाया। कांग्रेसने भी उन्हेंगले लगाने मेंदेर नहीं कीऔर अपना चुनावचिन्ह भी सौंपदिया।
कांग्रेस को दूसरा झटका भी रामपुर में ही लगा। यहां की स्वार सीट से पार्टी के प्रत्याशी घोषित किये गए हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां ने कांग्रेस का साथ छोड़ अपना दल (सोनेलाल) से हाथ मिला लिया और अब उसके उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। जैसे इतना ही कम न था, कांग्रेस की ओर से बरेली कैंट की प्रत्याशी घोषित की गईं सुप्रिया ऐरन अपने पति व कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन के साथ शनिवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं। सपा ने उन्हें बरेली कैंट सीट से ही अपना उम्मीदवार घोषित करने में देर नहीं की।
इससे पहले भी कांग्रेस नेताओं का पार्टी को छोड़कर दूसरे दलों में जाने का सिलसिला जारी था लेकिन, वह तब था जब पार्टी ने विधान सभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए थे। गौरतलब है कि कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित करने से पहले जिला कमेटियों और विभिन्न माध्यमों से उनके बारे में फीडबैक हासिल किया था। टिकट के आवेदकों से साक्षात्कार करने के लिए पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी जिलों में गई थी। पार्टी का दावा है कि हर जिले में उसका संगठनात्मक तंत्र है। इसके बावजूद प्रत्याशियों के पार्टी छोडऩे के बारे में पार्टी को भनक नहीं लग सकी।
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