लखनऊ, 27 मई 2022 : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सदन में किए गए दावों को झूठा करार देते हुए कहा कि भाजपा सरकार में अपराध बहुत बढ़ गए हैं। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े इसके गवाह हैं। प्रदेश की जनता महंगाई व बेरोजगारी से त्रस्त है। महिलाएं असुरक्षित हैं। भाजपा सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन सरकार से उन्हें धोखा मिला है। चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का हजारों करोड़ रुपये बकाया है।
विधानभवन स्थित अपने कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पलटवार किया। कहा- मुख्यमंत्री झूठ बोलते हैं। सपा सरकार में एक भी चीनी मिल नहीं बिकी। सपा सरकार ने नई चीनी मिले चलाईं थीं। अगर कोई चीनी मिल बिकी हो तो सरकार बताए।
इस सरकार ने मंडी व्यवस्था बर्बाद कर दी। किसानों को फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। सरकार आवारा जानवरों की समस्या का कोई हल नहीं निकाल पाई। भाजपा सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएं ध्वस्त हैं। नीति आयोग के आंकड़ों से स्पष्ट है, भाजपा सरकार ने यूपी का विकास रोक दिया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि सपा सरकार में सभी भर्तियां पारदर्शी तरीके से हुईं। भाजपा सरकार में भर्तियां में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। दारोगा भर्ती में धांधली व घोटाला हुआ है। अब तक 100 से ज्यादा लोग पकड़े जा चुके हैं। सरकार भर्ती को क्यों नहीं रद कर रही है।
सपा अध्यक्ष ने कहा सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला हुआ है। दर्जन भर से अधिक परीक्षाओं के पेपर लीक हुए। सरकार ने नौजवानों को धोखा दिया है। प्राइमरी शिक्षा और मिड डे मील योजना को सरकार ने बर्बाद कर दिया। भाजपा सरकार पिछड़ी जातियों की गिनती नहीं होने देना चाहती है। प्रदेश में जातीय जनगणना होनी चाहिए। भाजपा सरकार ने बड़े-बड़े इनवेस्टर्स मीट कराए लेकिन निवेश नहीं आया। मुख्यमंत्री सदन में डा. लोहिया का नाम लेते हैं, मै जल्द ही उन्हें डा. लोहिया की किताब हिन्दू बनाम हिन्दू भिजवाऊंगा।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवाद के बिना सामाजिक न्याय 'राम राज्य' अधूरा है। 'राम राज्य' बनाने के लिए आपको सामाजिक न्याय करने की जरूरत है। सपा जाति जनगणना के पक्ष में है। सरकार कह रही है कि वे डेटा सेंटर बनाएंगे तो सरकार जाति जनगणना के लिए आगे क्यों नहीं आ रही है।
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