लखनऊ, 20 अगस्त 2022 : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मानसून व फसल बोआई की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए किसानों को अतिरिक्त सहायता देने का निर्णय लिया है। किसानों को पूरी बिजली देने के साथ ही बकाये पर उनके ट्यूबवेल का बिजली कनेक्शन नहीं काटने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने पावर कारपोरेशन को ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति बढ़ाने के लिए भी कहा है।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को उच्चस्तरीय बैठक में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ट्यूबवेल की तकनीकी खराबी को हर हाल में 24 से 36 घंटे के भीतर ठीक कराया जाए। जहां ट्यूबवेल पर निर्भरता ज्यादा है, वहां सोलर पैनल लगाए जाएं। कम वर्षा के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच एक-एक अन्नदाता किसान का हित सुरक्षित रखा जाएगा। खेती-किसानी की जमीनी स्थिति का सूक्ष्मता से आकलन करते हुए किसानों को हर संभव मदद दी जाएगी। इस संबंध में अविलंब सभी विकल्पों को समाहित करते हुए राहत की बेहतर कार्ययोजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 33 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से 40 से 60 प्रतिशत तक ही वर्षा हुई है। 19 जिलों में तो 40 प्रतिशत से भी कम वर्षा हुई है। इन जिलों में खरीफ फसलों की बुआई प्रभावित हुई है। हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा। प्रदेश में वर्षा की स्थिति, फसल बोआई की सही स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट अगले तीन दिन के भीतर भारत सरकार को भेजी जाए।
खरीफ अभियान 2022-23 के तहत 20 अगस्त तक की स्थिति के अनुसार प्रदेश में 96.03 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य की तुलना में 93.22 लाख हेक्टेयर की बोआई हो सकी है, जो कि लक्ष्य का 97.7 प्रतिशत है। गत वर्ष इसी तिथि तक 98.9 लाख हेक्टेयर बोआई हो चुकी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कम बारिश के कारण कई क्षेत्रों में धान की पैदावार पर विपरीत असर पड़ने की आशंका है। वर्तमान परिस्थितियों के बीच सब्जी की खेती को प्रोत्साहित करना बेहतर विकल्प हो सकता है। किसानों को वैकल्पिक खेती के बारे में जागरूक किया जाए।
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