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संभल जाओ जनता! कोरोना से हुईं मौतों से अब श्मशान भरना शुरू


पंजाबी बाग शमशान घाट , दिल्ली

दिल्ली में कोरोना के मरीजों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अस्पतालों की व्यवस्थाओं पर और दिल्ली सरकार के मैनेजमेंट पर सवाल उठाएं हैं। हालत इतनी खराब है कि कोरोना से मरने वालों के लिए शमशान घाट में जगह नहीं दिख रही। दिल्ली के पंजाबी बाग का शमशान घाट में हर तरफ चिताएं ही जल रही हैं

दिल्ली की एक तस्वीर देख कर आप को सदमा लग सकता है। कोरोना किस तरह कहर बरपा रहा है उसे बयां करने के लिए दिल्ली के पंजाबी बाग शमशान घाट की ये तस्वीरें काफी है। हर चिता पर लाश है। इतनी लाशें कि लकड़िया कम पड़ रही हैं। अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं है इस शमशान घाट में।


कोरोना से बचाव सिर्फ आपकी अपनी सावधानी है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली में कोरोना के हाल पर सुध ली है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की हालत जानवरों से बुरी है। इसके पीछे की डरावनी जमीनी हकीकत दिल्लीवाले पिछले कई दिनों से देख रहे हैं। हॉस्पिटलों में बेड नहीं है, मरीज जहां-तहां पड़े हैं। कोई कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट्स पर सवाल उठा रहा है, कोई हॉस्पिटल पर राजनीति करने का आरोप लगा रहा है तो कहीं मौत के आंकड़े पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। इस बीच आम दिल्लीवाला परेशान है कि आखिर वो कहां जाए।



इस वक्त दिल्ली में कोरोना के केस सुपरफास्ट स्पीड से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार सुबह तक दिल्ली में कोरोना के केस 34 हजार 687 हो चुके थे। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली में कोरोना से अबतक 1085 मौत हो चुकी हैं। वहीं 1501 लोग ठीक हो गए हैं।


दिल्ली में जब शुरुआत में कोरोना फैला को मृत्यु दर कोई खास नहीं थी। लेकिन अब जून में कोरोना मानों जैसे अपने असली रंग में आया हो। सिर्फ जून-जून के 12 दिनों में 612 मौतें बताई गई हैं। कोरोना से दिल्ली में पहली मौत 13 मार्च को हुई थी। फिर 100वीं मौत 13 मई को। फिर 200वीं मौत 22 मई को हुई। इसके बाद 1 जून को 500वीं और 11 जून को ही 1000वीं मौत हो गई।


दिल्ली में कोरोना से अबतक कितने लोग जान गंवा चुके हैं इसपर भी राजनीति चालू है। दिल्ली की तीनों नगर निगमों की मानें अबतक कोरोना संक्रमित 2098 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। वहीं सरकारी आंकड़े सिर्फ 1085 मौत बता रहे हैं। फिलहाल सरकार ने कहा तो है कि इसकी जांच को सामने लाने के लिए ऑडिट कमिटी बनाई गई है।

कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनके शव के रखरखाव के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि दिल्ली में और उनके अस्पतालों में बहुत बुरा हाल है। होम मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस का अनुपालन नहीं हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से इस मामले में जवाब दाखिल करने को भी कहा है।


सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यहां तक कि कोरोना मरीज की मौत के बाद उनके परिजनों को इस बारे में सूचना देने की भी जहमत नहीं उठाई जा रही है। कई ऐसे मामले दिखे हैं जिनमें परिजन अपनों की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हो पाए हैं।


सुप्रीम कोर्ट ने मामले में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तामिलनाडु को भी नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में इन राज्यों के चीफ सेक्रेटरी से कहा है कि वह मरीजों के मैनेजमेंट के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें।


टीम स्टेट टुडे



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