लखनऊ, 28 मार्च 2022 : भ्रष्टाचार के खिलाफयोगी सरकार जोरोटालरेंस की नीतिपर काम कररही है। अपनीदूसरी पारी मेंमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथबहुत सख्त नजरआ रहे हैं।योगी सरकार नेलखनऊ के छहऐसे अधिशासी अभियंताओंके खिलाफ कड़ीकार्रवाई करने काफैसला किया है, जिन्होंने बिजली कनेक्शन देनेमें बड़े स्तरपर गड़बड़ी कीहै। इस कार्रवाईमें कई जेईऔर सहायक अभियंताभी जद मेंआएंगे।
मकान बनवानेके लिए पहलेअस्थायी कनेक्शन महीनों वसालों तक चलानाऔर फिर उसेमिलीभगत करके खत्मकर देना। इसखेल में कईअधिशासी अभियंताओं की भूमिकासंदिग्ध पायी गईहै। ऐसे अधिशासीअभियंताओं को चिन्हितकरके कार्रवाई कीतैयारी है। यहकार्रवाई अप्रैल माह मेंकी जा सकतीहै। इनमें कुछअधिशासी अभियंता से पदोन्नतिपाकर अधीक्षण अभियंताभी हो गएहैं। राजधानी केसभी 26 खंडों में अस्थायीकनेक्शन से स्थायीकनेक्शन को लेकरखूब खेल हुआ।इनमें से कुछको बर्खास्त तककिया जा सकताहै। इसकी जांचरिपोर्ट चंद सप्ताहपहले ही शक्तिभवन को तीनसदस्यीय टीम द्वारासौंपी जा चुकीहै। पावर कारपोरेशनके चेयरमैन द्वारायह कार्रवाई कीजा सकती है।
जांच टीम ने पाया कि अस्थायी कनेक्शन का जो राजस्व जमा होना चाहिए था वह जमा नहीं किया गया और उपभोक्ता से मिलीभगत करके स्थायी कनेक्शन दे दिया गया। इससे करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान बिजली महकमे को हुआ। वहीं उपभोक्ता व अभियंता ने बिजली विभाग को आर्थिक चोट पहुंचायी है। यह खेल सबसे अधिक वृंदावन खंड, बीकेटी, चौक, चिनहट के साथ दो अन्य खंडों में हुआ। यहां तैनात रहे अधिशासी अभियंता की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों की माने तो इन पर कार्रवाई के लिए शक्ति भवन से मसौदा तैयार कर लिया गया है। इनमें जेई व सहायक अभियंता की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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