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अदालत के बाद जनता दरबार में गए थे मंत्री, सफाई में बोले- मैं भागा नहीं, कानपुर में ही हूं


लखनऊ, 7 अगस्त 2022 : अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) तृतीय की कोर्ट में हुए अभूतपूर्व घटनाक्रम को लेकर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री राकेश सचान Rakesh Sachan के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी गई है।

इसमें कोर्ट कर्मी कामिनी ने उनपर आदेश की मूल प्रति लेकर फरार होने का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस अफसरों ने जांच के बाद मुकदमे की बात कही है। वहीं अदालत के बाद सीधे अपने विधानसभा क्षेत्र में गए मंत्री ने सफाई दी कि मैं भागा नहीं हूं बल्कि कानपुर में ही हूं। पूरे प्रकरण में सीएम ने कानपुर डीएम से रिपोर्ट तलब की है।

क्या हुआ घटनाक्रम

कानपुर की अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) तृतीय की कोर्ट Kanpur Court Case में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान Rakesh Sachan के खिलाफ मामले में सुनवाई के बाद शनिवार को फैसला आना था। सुबह से उन्हें दोषी ठहराये जाने और कोर्ट से फरार होने की चर्चाएं तेज हो गईं थीं। हालांकि बीच उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण जाने की बात सामने आई थी लेकिन देर शाम कोर्ट कर्मी ने कोतवाली में तरहीर दी तो पूरा प्रकरण सामने आया

कोर्ट में रीडर कामिनी ने पुलिस की तहरीर में आरोप लगाया है कि मंत्री राकेश सचान Rakesh Sachan कोर्ट में अपने खिलाफ हुए निर्णय की मूल प्रति लेकर फरार हो गए हैं। शनिवार को कोर्ट ने उन्हें 31 साल पुराने अवैध असलहा प्रकरण में दोषी ठहराया है। कोतवाली में दी गई तहरीर को पुलिस अफसरों ने जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने की बात कही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर के डीएम से मामले की रिपोर्ट मांगी है। राकेश कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं।

अदालत के बाद जनता दरबार में गए थे मंत्री

एमएसएमई मंत्री UP MSME Minister राकेश सचान Rakesh Sachan अदालत की कार्यवाही के बाद पुखरायां कस्बा स्थित कार्यालय में लगाए जनता दरबार में पहुंचे। उन्होंने वहां अपना पक्ष रखते हुए कहा कि छात्र राजनीति के दौर में कई मुकदमे लंबित हैं, जिसमें किसी मामले की जिरह होनी थी। मामले में न्यायालय से तारीख मिली, लेकिन नियत तिथि की जानकारी नहीं है। इंटरनेट मीडिया पर जो खबरें चल रही हैं, वह भ्रामक हैं।

मंत्री ने कही ये बात

यूपी सरकार में एमएसएमई मंत्री MSME Minister राकेश सचान Rakesh Sachan ने कहा है कि मैं 1991 के एक मामले में लगभग 11 महीने बाद शनिवार सुबह 11 बजे कोर्ट पहुंचा था। वहां पता चला कि तीन बजे के बाद तक रुकना पड़ सकता है। क्षेत्र में कई कार्यक्रम लगे थे, इसलिए अपने अधिवक्ता को हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र लगाने के लिए कहकर लौट आया। फरारी का तो प्रश्न ही नहीं उठता, क्योंकि वहां से लौटकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल हुआ। वहीं, आदेश की कापी लेकर फरार होने के आरोप भी निराधार हैं। इसकी पुष्टि के लिए न्यायालय परिसर के सीसीटीवी फुटेज देखे जा सकते हैं। हम न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं। मीरजापुर और वाराणसी के कार्यक्रम निरस्त कर मैं अभी भी कानपुर में ही हूं।

यह है मामला : नौबस्ता एसओ ब्रजमोहन उदेनिया ने 13 अगस्त, 1991 को सचान के खिलाफ केस दर्ज किया था। राकेश के पास से उनके रिश्तेदार की रायफल मिली थी। राकेश लाइसेंस नहीं दिखा सके। पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। उसी दिन नौबस्ता में नृपेंद्र सचान की हत्या हुई थी। शक था कि राकेश मामले में अवैध असलहा लेकर निकले हैं हालांकि उन पर असलहा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था।

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