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कोरोना वायरस के हर अटैक का मुंहतोड़ जवाब दे रही है भारतीय रेल – जानकर हैरान हो जाएंगे ऐसे कारनामे



भारतीय रेल देश की जनता के लिए हर मायने में वरदान बन रही है। आम दिनों में भारतीय रेल अगर करोड़ों लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने का जरिया थी तो कोरोनाकाल में कभी ऑक्सीजन एक्सप्रेस बनकर तो कभी कोविड अस्पताल बनकर लोगों की जान बचा रही है।


देश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती तादाद के बीच रेलवे ने कोविड कोच को मरीजों की देखभाल के लिए तैयार कर लिया है। मौजूदा समय में रेलवे के पास 4002 ऐसे कोच हैं, ज‍िनको कोविड कोच में बदल दिया गया है।

यानी ये रेलवे कोच चलते-फ‍िरते अस्‍पताल के रूप में बदल गए हैं। इसमें एक साथ 64,000 मरीजों की देखभाल की जा सकती है।



कोविड कोच का खर्च


रेलवे ने 4000 कोविड कोच तैयार करने में करीब 1000 करोड़ रुपये का खर्च किया है। कोविड कोच उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र और दिल्‍ली में तैनात किए जाएंगे। इन्हीं राज्यों में संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है और अस्पतालों में बेड की किल्लत हो गई है। गंभीर मरीजों को अस्‍पतालों में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में रेलवे के ये कोच अलग अलग जोन में तैनात कर ना सिर्फ गंभीर मरीजों के लिए अस्पतालों पर लोड घटाएंगे बल्कि संक्रमित लोगों के इलाज के लिए अस्पताल का काम भी करेंगे।



रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया है कि भारतीय रेलवे ने भोपाल में 20 कोविड केयर कोचों का प्रबंध किया है, जिनमें 320 बेड्स होंगे। ये कोच 25 अप्रैल से कामकाज शुरू कर देंगे। 4,002 ट्रेन कोच कोविड केयर कम आइसोलेशन केंद्रों में तब्दील किया गया है।



रेलवे ने पिछले साल अपने स्लीपर और कुछ जनरल कोच को कोविड कोच के लिए मॉडिफाई किया था। इन कोचेस में ऑक्सीजन सिलिंडर और बाकी जरूरी उपकरण भी रखे गए हैं। पिछले साल 200 कोच का इस्तेमाल हो पाया था। रेलवे के इन कोच में कुछ को पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के मऊ, बिहार के भागलपुर, दिल्ली के शकूरबस्ती और आनंद बिहार जैसे स्टेशनों पर तैनात किया था। साथ ही कुछ जगहों पर इनका इस्तेमाल भी हुआ था, लेकिन उस समय भी बड़े पैमाने पर कोविड कोच का इस्तेमाल नहीं किया गया था।



जिंदगी की ऑक्सीजन लेकर भाग रही एक्सप्रेस


रेलवे ने पिछले 24 घंटों में कुल 10 कंटेनरों के जरिए करीब 150 टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन विभिन्न राज्यों को पहुंचाई है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें शनिवार को तरल मेडिकल ऑक्सीजन लेकर महाराष्ट्र के नासिक और उत्तर प्रदेश में लखनऊ पहुंचीं। इन ट्रेनों से कुछ कंटेनरों को रास्ते में नागपुर और वाराणसी में उतारा गया। पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 21 अप्रैल को सात खाली कंटेनरों के साथ मुंबई से विशाखापत्तनम के लिए रवाना हुई थी।


टीम स्टेट टुडे


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