गोरखपुर, 29 अप्रैल 2022 : तहसील और थाने पर लोगों को न्याय नहीं मिल रहा क्या? आखिर इतनी बड़ी संख्या में लोगों को मेरे तक आने की जरूरत क्यों पड़ रही। यह स्थिति ठीक नहीं। इसमें सुधार नहीं आया तो कार्रवाई के लिए तैयार रहिए। शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में अपनी समस्या कहने के लिए उमड़ी भीड़ को देखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने यह हिदायत अफसरों को दे डाली। मुख्यमंत्री ने करीब 100 लाेगों की समस्या खुद सुनी और बाकी लोगों की समस्या डीएम और एसएसपी ने उनके निर्देश पर सुनी। शुक्रवार को जनता दर्शन में करीब 600 लोग अपनी समस्या के निस्तारण के लिए गोरखनाथ मंदिर पहुंचे हुए थे।
गोरखनाथ मंदिर में की पूजा अर्चना
दो दिन के दौरे पर गुरुवार की शाम गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री की सुबह की दिनचर्या परंपरागत रही। तड़के अपने आवास से निकलने के बाद सबसे पहले उन्होंने बाबा गोरखनाथ के दरबार में जाकर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दर्शन-पूजन किया। इसी क्रम में उन्होंने अपने दादा गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधिस्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। हमेशा की तरह मंदिर परिसर के भ्रमण के क्रम वह गोशाला गए। वहां वह करीब आधा घंटा रहे, इस दौरान उन्होंने गायों को दुलारा-पुचकारा और अपने हाथ से गुड़-चना खिलाया।
जमीन से जुड़े मामलों की भरमार
इसी क्रम में वह हिंदू सेवाश्रम पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्या कहने के लिए उनका इंतजार कर रहे थे। संख्या काफी थी, सो मुख्यमंत्री ने 100 लोगों से सीधे मुलाकात की और बाकी लोगों का समस्यात्मक पत्र लेने के लिए डीएम और एसएसपी को निर्देशित कर दिया। जनता दर्शन में ज्यादातर मामले जमीन-जायदाद से जुड़े थे, जिसे मुख्यमंत्री ने स्थानीय स्तर पर निपटाने का निर्देश अधिकारियों को दिया। जनता दर्शन के बाद मुख्यमंत्री जब मंदिर कार्यालय की ओर आए तो वहां भी करीब 100 लोग उनसे मिलने का इंतजार कर रहे थे।
कालू व गुल्लू को दुलारा
मुख्यमंत्री ने उन्हें भी निराश नहीं किया। लालकक्ष में बैठकर बारी-बारी से सबसे मुलाकात की। ज्यादातर लोग बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री का आशीर्वाद लेने आए हुए थे। कुछ समय योगी ने अपने श्वान कालू और गुल्लू के साथ भी गुजारा।
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