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रक्षामंत्री ने कहा, गोरखपुर वि.वि की स्थापना में गोरक्षपीठ का अहम योगदान


गोरखपुर, 1 मई 2022 : गोरखपुर विश्‍वविद्यालयके छात्र रहेरक्षामंत्री राजनाथ सिंह रविवारको दीनदयाल उपाध्यायगोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजितराष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलनका ऑनलाइन शुभारंभकिया। इस दौरानउन्‍होंने गोरखपुरविश्वविद्यालय में बिताएअपने दो सालकी सुनहरी यादोंको साझा किया।

विश्वविद्यालय की स्थापनामें गोरक्ष पीठका अहम योगदान

गोरखपुर विश्वविद्यालय मेंछात्र राजनीति कीचर्चा करते हुएउन्होंने कहा किशायद गोरखपुर देशका एकमात्र शहरहै, जहां छात्रसंघके नाम परएक चौराहा है।विश्वविद्यालय की स्थापनाकी परिस्थितियों कीचर्चा करते हुएराजनाथ सिंह नेकहा कि यहआजादी के बादस्थापित होने वालाप्रदेश का पहलाविश्वविद्यालय है। इसक्रम में उन्होंनेविश्वविद्यालय की स्थापनामें गोरक्ष पीठके योगदान कीचर्चा की। उन्होंनेविश्वविद्यालय के शिक्षकोंको याद भीकिया।

यादों में जीवनके सुनहरे पलोंको संजोने कीहोती है ताकत

इस अवसरपर उपस्‍थितलोगों को संबोधितकरते हुए राजनाथसिंह ने कहाकि यादों मेंजीवन के सुनहरेपलों को संजोनेकी ताकत हुईहै। पुरातन छात्रसम्मेलन ऐसी यादोंको साझा करनेका उपयुक्त मंचहोता है। गोरखपुरविश्वविद्यालय में अध्ययनसे जुड़ी बहुतसी यादें मेरेजेहन में आजभी ताजा हैं।

गोरखपुर विश्वविद्यालय मेंशिक्षा ग्रहण करना सौभाग्‍य कीबात

उन्होंने कहा किमैं दुनिया केकिसी भी मंचपर होता हूँ, मेरा परिचय हमेशागोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्रके रूप मेंही दिया जाताहै। इसे मैंअपना सौभाग्य मानताहूं। उन्होंने विश्वविद्यालयसे जुड़ी अपनीस्मृतियों को साझाकरते हुए कहाकि उन दिनोंमेरे तेवर काफीतेज थे लेकिनकभी उसका बेजाइस्तेमाल नहीं किया।उन्होंने उस दौरानतत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी कीसभा को अकेलेबाधित करने केप्रसंग का जिक्रभी किया। साथही छात्रों कीसमस्याओं को लेकरधरना-प्रदर्शन कीयादों को भीसाझा किया।

कुलपति ने डिस्टिंग्विशअवार्ड से सम्मानितकिया

उनके सम्बोधनके बाद कुलपतिप्रो. राजेश सिंहने उन्हें डिस्टिंग्विशअवार्ड से सम्मानितकिया। साथ हीराजनाथ सिंह केनाम पर विज्ञानसंकाय के टॉपरव प्रो. देवेंद्रशर्मा की यादमें भौतिक विज्ञानके स्नातकोत्तर टॉपरको गोल्ड मेडलदेने की घोषणाकी। इससे पूर्वइलाहाबाद उच्च न्यायालयके न्यायाधीश सलिलकुमार राय, उमेशचन्द्र शर्मा, सांसद जगदम्बिकापाल और दक्षिणबिहार केंद्रीय विश्वविद्यालयके कुलपति प्रो. केएन सिंह नेभी बतौर पुरातनछात्र विश्वविद्यालय सेजुड़े अपने संस्मरणोंको साझा किया।

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