नई दिल्ली, 15 मार्च 2022 : जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को दिल्ली स्थित सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने शरद यादव को इसके लिए 15 दिन का समय दिया है। साल 2017 में जेडीयू की याचिका पर शरद यादव को राज्यसभा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि शरद यादव को अयोग्य ठहराए चार साल से अधिक समय बीत चुका है। ऐसे में उनके लिए सरकारी आवास बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है।
हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र द्वारा एक आवेदन का निपटारा किया जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में उनके कब्जे वाले एक सरकारी बंगले की छुट्टी पर रोक लगाने की मांग की गई थी क्योंकि उन्हें 2017 में राज्यसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था। इससे पहले केंद्र सरकार के स्थायी वकील अजय दिगपाल ने 15 दिसंबर, 2017 के आदेश को यह कहते हुए रद्द करने की मांग की थी कि शरद यादव बिना किसी अधिकार या पात्रता के सरकारी आवास में रह रहे हैं।
बता दें कि शरद यादव ने 2017 में राज्यसभा से अपनी अयोग्यता को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और एक अंतरिम आदेश के रूप में कोर्ट ने केंद्र की याचिका पर फैसला होने तक शरद यादव को सरकारी आवास के उपयोग सहित एक सांसद को मिलने वाली आधिकारिक सुविधाओं का लाभ उठाने की अनुमति दी थी। हालांकि, जून 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए कहा था कि वह अपने आधिकारिक आवास को बरकरार रख सकते हैं लेकिन वेतन और अन्य लाभों के हकदार नहीं होंगे।
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