लखनऊ, 31 मई 2023 : आयुष कॉलेजों में शैक्षिक सत्र 2021-22 में नीट-यूजी की मेरिट लिस्ट से छेड़छाड़ कर 891 छात्रों को फर्जी तरीके से दाखिला दिए जाने के मामले में पूर्व आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी समेत तत्कालीन अधिकारियों पर ईडी भी शिकंजा कस सकता है। आयुष घोटाले में हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई भी केस दर्ज करने की तैयारी में है।
सूत्रों के अनुसार, मामले में ईडी ने भी एसटीएफ की जांच से जुड़े तथ्यों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। आरोपियों के विरुद्ध कोर्ट में दाखिल किए गए आरोप पत्र को भी देखा जा रहा है। ईडी मामले में मनी लांड्रिंग की दृष्टि से तथ्यों को देख रहा है। हालांकि उसे पहले सीबीआई जांच शुरू होने की प्रतीक्षा है।
हाई कोर्ट ने दिया है सीबीआई का आदेश
बहुचर्चित आयुष घोटाले में हाई कोर्ट ने 25 मई को सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सीबीआई जांच में पूर्व मंत्री के साथ ही कई बड़े अधिकारियों की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शैक्षिक सत्र 2021-22 में आयुष कॉलेजों में प्रवेश की जिम्मेदारी तत्कालीन आयुर्वेद निदेशक डॉ. एसएन सिंह को सौंपी गई थी।
एसटीएफ की जांच में सामने आया था कि ऑनलाइन काउंसलिंग कराने वाली कंपनी वी थ्री सॉफ्ट सॉल्यूशन के अधिकारियों की मिलीभगत से नीट-यूजी की मेरिट लिस्ट बदली गई थी। सबसे अधिक फर्जी प्रवेश निजी आयुर्वेद कॉलेजों में हुए थे।
आयुष घोटाले में एसटीएफ ने पूर्व निदेशक आयुर्वेद प्रो. एसएन सिंह व पूर्व प्रभारी शिक्षा आर्युवेद डॉ.उमाकांत यादव समेत 15 आरोपियों के विरुद्ध कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था और कई अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच जारी है।
मेधावी छात्राें के अंकपत्रों में हेराफेरी
पड़ताल में यह भी सामने आया था कि आयुष कॉलेजों में दाखिले में गड़बड़ी के लिए दक्षिण भारत के मेधावी छात्राें के अंकपत्रों में हेराफेरी कर अपात्र छात्रों का दाखिला कराया गया था। पूर्व में राज्य सरकार ने भी केंद्र सरकार को पत्र भेजकर आयुष घोटाले की सीबीआई जांच कराए जाने की सिफारिश की थी।
वहीं, हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच का आदेश होने के बाद एसटीएफ भी अपनी जांच से जुड़े सभी तथ्यों व दस्तावेजों की फाइल दुरुस्त करने में जुटी है, जिससे समय आने पर उन्हें सीबीआई को सौंपा जा सके।
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