मणिपुर, 12 जुलाई 2023 : मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य में इंटरनेट बैन को लेकर चिंता जताई है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से लोगों को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने के तरीके खोजने के लिए कहा है।
इंटरनेट बैन पर राज्य सरकार चिंतित
मणिपुर हाई कोर्ट विभिन्न पक्षों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मोबाइल इंटरनेट सेवाओं की बहाली की मांग की गई थी। मणिपुर में तीन मई को हिंसा भड़की थी, जिसके बाद इंटरनेट बंद कर दी गई थीं। न्यायमूर्ति अहानथेम बिमोल सिंह और न्यायमूर्ति ए गुनेश्वर शर्मा की पीठ ने शुक्रवार को निर्देश दिया। राज्य अधिकारियों, विशेष रूप से गृह विभाग को इस मामले में इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए तंत्र/तरीके तैयार करने पर विचार करना चाहिए। चरणबद्ध तरीके से इसपर ध्यान देना चाहिए।
कोर्ट ने राज्य सरकार को दिया निर्देश
पीठ ने कहा कि राज्य के अधिकारियों को इस पहलू पर विचार करने और अगली तारीख पर एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया जाता है। सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार के वकील ने कहा कि मणिपुर सरकार ने पहले ब्रॉडबैंड सेवाओं (आईएल और एफटीटीएच) के माध्यम से इंटरनेट पर प्रतिबंध हटाने के लिए आवश्यक आदेश जारी किए थे।
कोर्ट में सरकार के वकील ने क्या दी दलील?
वकील ने कहा कि इसके लिए कुछ शर्तें तय की गई थी। उन्होंने कहा कि कई लोगों को इंटरनेट सेवाएं प्रदान की गई। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि चूंकि व्हाइट सूची वाले मोबाइल फोन के माध्यम से कोई डेटा लीक नहीं हुआ है। इसलिए, इंटरनेट से बैन हटाने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए।
वकील ने कहा कि अधिकारियों ने कुछ मोबाइल नंबरों को व्हाइट लिस्ट में डालकर मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध को हटाने के बारे में परीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, किसी अन्य नंबर पर कोई डेटा लीक नहीं हुआ है, जो व्हाइट लिस्ट में नहीं हैं।
मणिपुर में हिंसा के बाद इंटरनेट प्रतिबंध
बता दें कि मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद तीन मई से राज्य में अनिश्चितकालीन मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध लागू है। कोर्ट इस मामले पर 31 अगस्त को फिर सुनवाई करेगा। मणिपुर हिंसा में अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है।
Comentários