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बीमार स्वास्थ महकमे का इलाज करने में जुटे डिप्टी सीएम का बड़ा एक्शन


लखनऊ, 22 अप्रैल 2022 : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शुक्रवार की सुबह यूपी के 'बीमार' स्वास्थ्य महकमे का 'इलाज' करने महमूदाबाद, सीतापुर पहुंचे। उन्होंने महमूदाबाद में बसअड्डे के पास अपनी गाड़ी को खड़ा कर दिया। इसके बाद वह पैदल ही चलकर महमूदाबाद सीएचसी गए।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने सबसे पहले उपस्थिति रजिस्टर चेक किया। इस दौरान सीएचसी में ओटी टेक्निशियन, डाक्टर और सफाई कर्मचारी नदारद मिले। इस पर डिप्‍टी सीएम ने नाराजगी जताई। उन्‍होंने सीतापुर सीएमओ व डीजी हेल्थ से शाम तक रिपोर्ट तलब की है। वहीं नदारद कर्मचारियों का वेतन काटने का भी निर्देश दिया है।
किसी ने कहा कि वीरेंद्र की ड्यूटी दो बजे से है, यह सुना तो डिप्टी सीएम ने सीएचसी अधीक्षक से ड्यूटी चार्ट मांग लिया। अधीक्षक ड्यूटी चार्ट नहीं दिखा सके तो डिप्टी सीएम ने कहा कि डाक्टर साहब आप मुंह जुबानी कैसे चला सकते हो। गीता देवी एक महीने से अवकाश पर थीं। अवकाश से संबंधित कोई भी कागज सीएचसी अधीक्षक नहीं दिखा सके। डिप्टी सीएम इस बात पर भड़क गए। अवकाश की स्वीकृति पत्र मांग लिया और कहा कि आप मुंह जुबानी अवकाश कैसे दे सकते हो।

जब जान गए, तभी लिख दिया सीएल : रजिस्‍टर चेकिंग के दौरान उन्‍हों बाद में नदारद कर्मचारियों के नाम के आगे सीएल लिखा दिखा। इस पर उन्‍होंने कहा कि आपने सीएल इसी पेन से लिखा है, लिख के दिखाइए। स्याही मिलाओ पेन की। कहा कि महिला अस्पताल के निरीक्षण की खबर मिली तो आपने रजिस्टर कंपलीट कर लिया।

इस दौरान एक कर्मचारी राहुल चौधरी को कोविड सैंपल ले जाने के लिए पीजीआइ में संबद्ध होना बताया गया। उन्होंने कहा कि किसने संबद्ध किया है? बोले, अब हमारे यहां खुद लैब खुल गई है तो पीजीआइ सैंपल क्यों लेने जाएंगे। इसके बाद उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक से सीएमओ से बात कराने के लिए कहा।

चिकित्सा अधीक्षक ने डिप्टी सीएम को मोबाइल पकड़ाया तो पहले उन्होंने अपना परिचय दिया। कहा, डाक्टर साहब, ब्रजेश पाठक बोल रहा हूं... डिप्टी सीएम ने बताया, डाक्टर पर यहां पर 37 कर्मचारी हैं। अभी हम उपस्थिति रजिस्टर का दूसरा पन्ना चेक कर रहे हैं और छह कर्मचारी गायब हैं। उन्होंने कहा कि आपने राहुल चौधरी को पीजीआइ भेज रखा है कोविड सैंपल ले जाने के लिए... हमको तो चिकित्सा अधीक्षक महोदय ने कहा है कि सीएमओ ने ड्यूटी लगाई है।

इसके बाद पता चला कि राहुल चौधरी तो वर्षों से नहीं आए। चिकित्सा अधीक्षक ने उन्हें देखा ही नहीं। डिप्टी सीएम सीएमओ से बोले, डाक्टर साहब अगर आप दो दिन पहले आईं थीं तो आपने यह भी जांच नहीं की कि आपके कर्मचारी कहां हैं? उन्होंने बताया कि उपस्थिति रजिस्टर उनके सामने ही है और राहुल चौधरी के हस्ताक्षर उस पर कई वर्षों से नहीं हैं।

सीएमओ ने मोबाइल पर ही जवाब दिया तो डिप्टी सीएम आगबबूला हो गए। कहा, डाक्टर साहब आप अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सही ढंग से नहीं कर रहीं हैं। अगर आप इस तरह से काम करोगी तो मुझे कुछ करना पड़ेगा। बात आगे बढ़ी तो चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि कर्मचारी एक वर्ष से नहीं आए हैं। इस पर डिप्टी सीएम ने मोबाइल पर ही सीएमओ को राहुल चौधरी का पता लगाने के निर्देश दिए।

आपने चेक किया, कबसे नहीं चला वाटर कूलर : सीएचसी परिसर में लगे वाटर कूलर में पानी ही नहीं आ रहा था। डिप्टी सीएम ने आरओ के बारे में पूछा। जांच की तो आरओ में भी पानी नहीं आ रहा था। आरओ का कनेक्शन नहीं मिला तो फिर सीएचसी अधीक्षक की क्लास लगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि आपने चेक किया, आरओ कब से नहीं चला है। आरओ चले कैसे, इसका तो कनेक्शन ही नहीं कराया।

मरीज को भगवान मानकर चलो : निरीक्षण के समय डिप्टी सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग भी की। इस दौरान उन्‍होंने सभी सीएमओ से कहा कि जिले के सभी अस्पतालों की जांच कर लें। मरीज को भगवान मानकर चलें। मरीज को लगे कि वह घर में है, लेकिन यहां तो कोई पूछने वाला ही नहीं।

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