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अब यूपी में मचने जा रही है भारत-नेपाल मैत्री और बुंदेलखंड महोत्सव की धूम - Jaiveer Singh




भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव-2023 का आयोजन भारत नेपाल सीमावर्ती जनपदों में 01 से 21 फरवरी तक


  • मैत्री महोत्सव-2023 के आयोजन से 1000 कलाकारों को मिलेगा रोजगार-जयवीर सिंह

  • भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव-2023 के आयोजन हेतु 01 करोड़ 59 लाख 96 हजार रूपये की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव-2023 के आयोजन का निर्णय लिया गया है। यह महोत्सव प्रदेश के भारत-नेपाल सीमावर्ती जनपदांे में आयोजित किया जायेगा। इस महोत्सव से लगभग 1000 कलाकारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसके आयोजन के लिए संस्कृति विभाग द्वारा 01 करोड़ 59 लाख 96 हजार रूपये की धनराशि स्वीकृति की गयी है।


प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सीमावर्ती 08 जनपदों में महोत्सव के भव्य आयोजन हेतु संस्कृति विभाग उ0प्र0 की ओर से तिथियॉ निर्धारित कर दी गयी हैं। जिला प्रशासन एवं सहयोगी संस्थाओं से विचार विमर्श के बाद कार्यक्रम की तिथियों में परिवर्तन की अनुमति दी जा सकती है।


पर्यटन मंत्री ने बताया कि प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार 01 से 03 फरवरी तक सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, सिद्धार्थनगर में महोत्सव का आयोजन किया जायेगा। इसी प्रकार 05-06 फरवरी, 2024 को जवाहर लाल नेहरू पीजी कालेज महराजगंज, 08 फरवरी को बुद्ध पीजी महाविद्यालय कुशीनगर तथा 10-11 फरवरी को राजकीय एमएलके महाविद्यालय बलरामपुर में महोत्सव का आयोजन किया जायेगा।


पर्यटन मंत्री ने बताया कि 13 फरवरी को सत्यनारायण उच्चशिक्षण संस्थान, तुलसीपुर श्रावस्ती, 15-16 फरवरी लार्डबुद्धा इण्टर कालेज, बहराइच, 18 फरवरी को राजकीय एकलव्य आश्रम पद्धति इण्टर कालेज, लखीमपुरखीरी तथा 20-21 फरवरी को राजकीय एलबीएस महाविद्यालय/बेनहर इण्टर कालेज/गॉधी स्टेडियम प्रेक्षागृह पीलीभीत में महोत्सव का आयोजन किया जायेगा।


 


बुन्देलखण्ड महोत्सव महाभारत के प्रणेता महर्षि वेदव्यास की जन्मस्थली जालौन दर्शकों को विभिन्न रोमांचक गतिविधियों के साक्षी होने का देगा अवसर


आगन्तुक रोमांच एवं हॉट एयर वैलूनिंग का उठायेंगे आनन्द


महाभारत जैसे महान ग्रंथों और समाज के नैतिक मूल्यों एवं आदर्शों की स्थापना के लिए तपस्या करने वाले साहित्य-दर्शन के प्रणेता वेदव्यास की जन्मस्थली जालौन में बुंदेलखंड गौरव महोत्सव पहुंच चुका है। शायद यह पहला मौका होगा, जब पर्यटकों को आकाश की ऊंचाइयों से इस पावन धरा के दर्शन का अवसर प्राप्त होगा। हॉट एयर बैलून के माध्यम से सामान्य लोग इसका आनंद ले सकेंगे। झांसी और ललितपुर के बाद जालौन पहुंचे बुंदेलखंड गौरव महोत्सव में रोमांच, योग-ध्यान और ज्ञान का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। यहां 01 फरवरी को हॉट एयर बैलून, योग, हेरिटेज वाक, टेथर्ड फ्लाइट्स, फायर क्रेकर शो के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने का मौका मिलेगा।


यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड गौरव महोत्सव के अंतरगत आयोजित होने वाली हैरिटेज वॉक के दौरान लोगों को वेदव्यास मंदिर के बारे में करीब से जानने का मौका मिलेगा। साथ ही वहां पर भगवान गणेश की आकृति वाले नीम के पेड़ से जुड़ी आस्था के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने बताया कि बेतवा के तट पर बने इस मंदिर की आसपास के क्षेत्र में बहुत सी मान्यताएं है। महोत्सव में दोनों दिन राजकीय इंटर कालेज मैदान में सुबह 6.30 बजे से हॉट एयर बैलून, इंदिरा स्टेडियम में 7.30 बजे से 8.30 बजे तक योग, 09.30 से 10.30 बजे तक हेरिटेज वॉक कालपी, शाम 06.30 से रात 8.30 बजे तक राजकीय इंटर कालेज मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम और राजकीय इंटर कालेज मैदान में ही शाम 06.30 से 7.30 बजे तक टेथर्ड फ्लाइट्स होगा। इतना ही नहीं शाम को यादगार बनाने के लिए फायर क्रैकर्स शो भी आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही राई लोक नृत्य और गायन, उप्र का नृत्य, लोकप्रिय गायन होगा। आखिर में बधावा लोक नृत्य, फूलों की होली और लोकप्रिय गायन होगा।


जयवीर सिंह ने बताया कि इस भव्य महोत्सव की शुरुआत झांसी से हुई है, वहां 23 से 25 जनवरी और देवघर-ललितपुर में 28 जनवरी से 29 जनवरी 2024 तक भव्य आयोजन हो चुका है। हमीरपुर में 5 फ़रवरी से 6 फ़रवरी 2024 तक, महोबा में 9 फ़रवरी से 10 फ़रवरी तक, चित्रकूट में 13 फ़रवरी से 14 फ़रवरी 2024 तक और इस उत्सव का समापन कलिंजर बांदा में होगा, कलिंजर बांदा में 16 फ़रवरी से शुरू होकर 18 फ़रवरी 2024 को आधिकारिक तौर पर इसका समापन किया जाएगा। इस उत्सव का लक्ष्य कम ज्ञात ऐतिहासिक क्षेत्रों, इसकी सांस्कृतिक विचित्रताओं, गुंबददार विरासत को बढ़ावा देना और आगंतुकों को इस क्षेत्र की कम ज्ञात उप संस्कृतियों और मौखिक इतिहासों का एक विस्तृत अनुभव इत्यादि प्रदान करना है। इसके माध्यम से बुंदेलखंड के इतिहास जन-जन तक पहुंच सकेगा।


पर्यटन मंत्री ने बताया कि बुंदेलखंड गौरव महोत्सव अब इस क्षेत्र के विभिन्न शहरों-जालौन, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट और कालिंजर बांदा में जारी रहेगा। प्रत्येक गंतव्य अपने अनूठे आकर्षण को प्रस्तुत करेगा, जिसमें ऐतिहासिक स्थलों, पारंपरिक कला रूपों, स्वादिष्ट व्यंजनों और अनूठे अन्दाज़ में स्वागत से आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देगा। महोत्सव स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कलाकारों के लिए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने, बुंदेलखंड की सांस्कृतिक विरासत में योगदान और उसको बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि एक पर्यटक के आने से छह लोगों को रोजगार मिलता है। बुन्देलखण्ड गौरव महोत्सव से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन भी सृजित होंगे।

 

जनपद फिरोजाबाद का पुराना नाम चन्द्रनगर किये जाने के लिए शासन स्तर पर शीघ्र ही निर्णय लिया जायेगा


  • भगवान महावीर के कालजयी उपदेश सदियों तक आने वाली पीढ़ी का मार्ग आलोकित करते रहेंगे-जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने भगवान महावीर को नमन करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिये गये अहिंसा, करूणा, अपरिग्रह, सदाचार और शाकाहार के कालजयी संदेश आने वाली पीढ़ियों का मार्ग आलोकित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में फिरोजाबाद के शासक जैन राजा चन्द्रसेन थे और फिरोजाबाद का नाम चन्द्रनगर था। विदेशी आक्रान्ताओं द्वारा 15वीं सदी में फिरोजाबाद का नाम परिवर्तित किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा अतिशीघ्र ही इसका पुराना नाम चन्द्रनगर बहाल किया जायेगा। इसके साथ ही पर्यटन विकास की विभिन्न योजनायें संचालित की जायेगी।


पर्यटन मंत्री आज यहां गोमतीनगर स्थित उ0प्र0 जैन विद्या शोध संस्थान के 33वॉ स्थापना दिवस के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर श्री महावीर जी की जैन शोध संस्थान परिसर में स्थापित प्रतिमा का अनावरण भी किया। उन्होंने कहा कि 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ की जन्म स्थली शौरीपुर और पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारतरत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी की जन्म स्थली बटेश्वर का विकास 138 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है।


जयवीर सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में 24वें तीर्थंकर महावीर का मोक्ष कल्याणक सालभर जैन संस्थान के उपाध्यक्ष डा0 अभय कुमार जैन के नेतृत्व में संस्थान और सहयोगी संस्थानों के साथ मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक क्षेत्र और शोध क्षेत्र में भारत 2047 तक विश्वगुरू की भूमिका में होगा और इस प्रकार विकसित भारत का सपना साकार होगा।


पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामी ने कहा कि अयोध्या में पाँच जैन तीर्थंकरों का जन्म हुआ है यह भूमि श्रीराम जन्मभूमि के रूप में भी अत्यन्त पवित्र है। विशेष सचिव संस्कृति राकेश शर्मा ने भी विचार व्यक्त किये। उपाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अभय कुमार जैन स्वागत भाषण में ने कहा कि हम महावीर के अहिंसा, करुणा और अपरिग्रह के सिद्धांत और सदाचार और शाकाहार के उपदेश संस्थान के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने का प्रयास सतत् करते रहेंगे। सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत निदेशक अमित अग्निहोत्री एवं बौद्ध संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश सिंह ने किया।


भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष जम्बू प्रसाद जैन, प्रादेशिक अध्यक्ष जवाहर लाल जैन पूर्व डीजीपी ए के जैन, वयोवृद्ध धर्मवीर जैन, कैलाश जैन,वी.के. जैन, 2550 वीं निर्वाण महोत्सव के अध्यक्ष आदीश जैन, मंत्री बृजेश जैन बंटी, संयोजक संजीव जैन, अभिषेक जैन डॉ. ए.के. जैन सहित जैन समाज के गणमान्य उपस्थित रहे। महावीर दर्शन विचार गोष्ठी में प्रो. सुधा जैन, प्रो. पवन अग्रवाल, डॉ. पत्रिका जैन, सुनयना जैन संजीव नाहर ने उद्गार व्यक्त किये।


इस अवसर पर छात्र-छात्राओं की पेन्टिंग एवं निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उ.प्र. ललित कला अकादमी की ओर से महावीर चित्र-कला प्रदर्शनी का आयोजन हुआ।


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