अयोध्या में सोमवार राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ। रामलला की मूर्ति पर सजे 14 आभूषणों को तैयार करने के लिए 132 कारीगरों ने दिनरात मेहनत की है। इनमें मुकुट, तिलक, अंगूठी, हार, पंचलदा हार, विजय माला, वैजयंती, करधनी, कमर और बाजू बंद, कंगन, पग कड़ा, पैजनियां और धनुष-बाण शामिल हैं। इनमें कुल 18,576 गोल हीरे, 2,984 माणिक, 615 पन्ने और 439 अनकट डायमंड लगे हैं।
आप को बता दें कि सिर्फ सोना ही नहीं, हीरों-पन्नों से लदे हैं रामलला, एक-एक आभूषण की अनूठी है कहानी
अयोध्या में रामलला की मूर्ति सोने के आभूषणों से लदी है। इनमें विजय माला सबसे वजनी है। सोने से बनी इस माला का वजन करीब दो किलो है। इसके अलावा रामलला का सोने से बना मुकुट 1.7 किलो का है। इसमें 74 कैरेट हीरे, 135 कैरेट जांबियन पन्ने और 262 कैरेट माणिक लगे हैं। इसके मध्य में भगवान सूर्य अंकित हैं और दाईं ओर मोतियों की लड़ियां पिरोई गई हैं।
मुकुट
यह रामलला का दूसरा सबसे वजनी आभूषण है। करीब 1.7 किलो वजनी इस मुकुट में माणिक्य, पन्ने और हीरे जड़े हैं। इसके बीचोंबीच सूर्य भगवान अंकित हैं और दाईं ओर मोतियों की लड़ियां पिरोई गई हैं। इसमें साथ ही 22 कैरेट गोल्ड से एक आभामंडल भी बनाया गया है जिसका वजन करीब 500 ग्राम है। इसकी प्रेरणा हिंदू ग्रंथों और टीवी सीरियल रामायण से ली गई है। इसके मध्य में बनाया गया सूर्य उनके सूर्यवंशी होने का प्रतीक है। इसमें साथ ही मोर बनाया गया है। यह राष्ट्रीय पक्षी होने के साथ ही हमेशा से राजशाही का प्रतीक रहा है। इसमें लगा पन्ना बुद्धि और माणिक सूर्य का प्रतीक है जबकि प्राकृतिक हीरे शुद्धता और ईमानदारी का प्रतीक है।
तिलक
इसका वजन करीब 16 ग्राम है। अयोध्या में भगवान रामलला की मूर्ति पर लगाए गए तिलक में तीन कैरेट का हीरा लगा है। साथ ही इसमें कई छोटे हीरे और बर्मीज माणिक जड़े हुए हैं। रामलला के तिलक को इस तरह डिजाइन किया गया है कि सुबह सूर्य की पहली किरण तिलक पर पड़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के मुताबिक इसे इस तरह डिजाइन किया गया है।
कंगन और अंगूठियां
रामलला को एक जोड़ी कंगन पहनाए गए हैं जिनका वजह करीब 850 ग्राम है। इसमें 100 कैरेट हीरे और 320 कैरेट माणिक और पन्ने जड़े हैं। बाएं और दाएं हाथ की उंगलियों में दो अंगूठियां पहनाई गई हैं जिनमें से मोती लटक रहे हैं। दाएं हाथ की अंगूठी में जांबियन पन्ना लगा है जबकि बाएं हाथ की अंगूठी में 26 ग्राम का माणिक लगा है। इसी तरह पग कड़े में हीरे और माणिक जड़े हैं। रामलला के पैरों में खूबसूरत पैजनियां पहनाई गई हैं जिनका वजन 560 ग्राम है।
धनुष और बाण
रामलला के बाएं हाथ में सोने का धनुष है जिसमें मोती, माणिक्य और पन्ने की लटकन है। दाएं हाथ में सोने का बाण है। 24 कैरेट सोने से बने धनुष-बाण का कुल वजन करीब एक किलो है। इसके अलावा रामलला को खेलने के लिए चांदी से बने खिलौने दिए गए हैं। इनमें चांदी से बने झुनझुने, हाथी, घोड़ा, ऊंट, खिलौना गाड़ी और लट्टू रखे गए हैं।
कंठा, पंचलदा और विजयमाला
रामलला के गले में अर्द्धच्रंदाकार रत्नों से जड़ित सोने का कंठा है। इसमें मंगल का विधान रचते पुष्प अर्पित हैं और मध्य में सूर्य है। इसी तरह पंचलदा में दंडकारण्य से प्रेरित है जहां भगवान राम वनवास के दौरान रहे थे। दो किलो वजनी विजयमाला हिंदू परंपराओं से प्रेरित है। सोने से निर्मित करधनी में कई रत्न जड़े हैं। इसमें साथ ही पांच घंटियां लगी हैं जो पवित्रता का बोध कराती हैं। साथ ही रामलला की दोनों भुजाओं में सोने और रत्नों से जड़ित भुजबंद पहनाए गए हैं।
रामलला की मूर्ति के लिए सभी आभूषणों की डिजाइन और मेकिंग लखनऊ के हरसहायमल श्यामलाल जूलर्स ने की हैं। इस कंपनी के पास 130 साल का अनुभव है।
सूरत की ग्रीन लैब डायमंड कंपनी के मालिक मुकेश पटेल ने अयोध्या में बालक राम की प्रतिमा को पहनाने के लिए 11 करोड़ रुपए का मुकुट भेंट किया है। इस मुकुट का कुल वजन 6 किलोग्राम है, जिसमें साढ़े 4 किलोग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है। इसमें कई हीरे, माणिक, मोती, मोती, नीलम जड़े हुए हैं।
जैसे ही अयोध्या के मंदिर में स्थापित होने वाली प्रतिमा फाइनल हुई, कंपनी ने अपने दो कर्मचारियों को विशेष विमान से अयोध्या भेजा। ये कर्मचारी प्रतिमा के सिर का नाप लेकर आए। फिर इस नाप से मुकुट तैयार किया गया। प्राण प्रतिष्ठा के दिन इस मुकुट को मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया गया है।
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