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जल निगम उत्तर प्रदेश पहुंचा रहा है हर घर के नल तक जलधारा



उत्तर प्रदेश के प्रत्येक गांव में हर घर को साफ पीने का पानी मिले ये सरकार की प्राथमिकता है। उद्देश्य को पूरा करनेक लिए सरकार द्वारा जल जीवन मिशन 2019-20 लांच किया गया। जल निगम उत्तर प्रदेश की अगुवाई में चल रही यह महत्वाकांक्षी योजना 2024 तक पूरी होनी है। इस योजना के तहत सभी घरों को फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन दिया जा रहा है।साल 2020-21 के लिए 35 लाख हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। केंद्र की मोदी सरकार हर घर तक स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति पाइपलाइ के जरिए करना चाहती है जिसे उत्तर प्रदेश में योगी सरकार प्राथमिकता के आधार पर जल निगम के जरिए पूरा करा रही है।


गांव की लाइफलाइन होगी जल जीवन मिशन की पाइपलाइन


जल निगम के मुख्य अभियंता जी.पी शुक्ला की अगुवाई में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। नवंबर 2020 तक साढ़े सात लाख हाउसहोल्ड तक फंक्शनल पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन, लक्ष्य से आगे बढ़कर विभाग ने सात लाख पचहत्तर हजार घरों तक पानी पहुंचा दिया है। दिसंबर 2020 में इसे 13 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य है। लॉकडाउन के बाद अनलॉक के दौर में पहले दिन से विभाग ने तत्परता दिखाते हुए मिशन को आगे बढ़ाया है।



जल निगम के मुख्य अभियंता जी.पी. शुक्ला ने स्टेट टुडे के साथ विशेष चर्चा में बताया कि इस समय जल निगम उत्तर प्रदेश द्वारा 1882 नई योजनाएं चलाई जा रही हैं जबकि 3112 पुरानी योजनाएं में रिट्रोफिटिंग की जा रही है। जल जीवन मिशन के तहत पाइप पेयजल योजनाएं चल रही हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल के लिए नए युग की शुरुआत हैं।


खत्म होगा मथुरा के नगला चंद्रभान गांव का संकट



भारतीय जनता पार्टी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन सिद्धांत पर चलती हैं। विडंबना ये है कि दीनदयाल उपाध्याय की जन्मस्थली मथुरा का गांव नगला चंद्रभान आज भी खारे पानी की समस्या से जूझ रहा है। योगी सरकार बनने के बाद इस गांव को पेयजल संकट से मुक्ति मिलने की आस जगी थी। मुख्य अभियंता जी.पी.शुक्ला के मुताबिक विभाग नगला चंद्रभान में नई पाइप पेयजल योजना पर काम चल रहा है। अगले 6 महीने में नगला चंद्रभान गांव के लोगों को खारे पानी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।


विंध्य और बुंदेलखंड के हर घर को मिलेगा स्वच्छ पेयजल



बुंदेलखंड और विंध्य अंचल में सरकार की पूर्ववर्ती योजनाएं जल जीवन मिशन में समाहित हो गई हैं। अब क्षेत्र के सभी डैम, रिजर्वायर और नदियों से पानी लिया जा रहा है। यमुना और बेतवा से पानी लेकर पूरे बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र को कवर किया जा रहा है। अगले दो वर्ष में ये कार्य भी पूरा हो जाएगा। विभागीय टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब काम शुरु हो गया है।


सरकार की प्राथमिकता है हर घर तक स्वच्छ पेयजल


प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में हर घर तक साफ पानी की सप्लाई वर्तमान योगी सरकार की प्राथमिकता में है। इसके लिए जल निगम मिशन की तरह कार्य पूरा करने में लगा है। साफ और पीने योग्य पानी के जो भी स्रोत हैं मसलन डैम, रिजर्वायर, नदी, नहरें आदि सभी जगहों से वाटर सप्लाई को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके साथ ही विभाग वाटर रिचार्जिंग की भी पूरी चिंता कर रहा है। मनरेगा और अन्य योजनाओं के जरिए वॉटर बफर रिचार्ज करने की व्यवस्था की जा रही है। कुंए और तालाब बनाने के साथ ही रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के जरिए वॉटर रिचार्ज करने का काम किया जा रहा है।



ग्रामीण सहभागिता से पूरा होगा जल जीवन मिशन


आमतौर पर सरकार की कोई योजना जब गांव तक पहुंचती है तो ग्रामीण उसे सरकारी योजना मानकर सब कुछ सरकार पर ही छोड़ देते हैं। परन्तु इस बार ऐसा नहीं है। जल जीवन मिशन योजना को पूरा करने के साथ साथ ग्रामीणों को जागरूक करने का काम भी विभाग की तरफ से लगातार किया जा रहा है। इसके लिए जल निगम ने इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसीज़ का चयन किया है जो प्रत्येक गांव में हर घर तक पहुंच कर लोगों को जागरुक करेंगी। इस प्रक्रिया में ग्रामीणों को ये समझाने की कोशिश की जा रही है कि योजना सरकारी होने के बावजूद वो इसे अपना मानें। जब गांव के लोग मानेंगे कि वो ही योजना के असली मालिक है तभी योजना का असल मकसद पूरा होगा।


दरअसल जल निगम के सामने सबसे बड़ी समस्या तब पैदा होती है जब इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा होने के बाद मेंटिनेंस का काम विधिवत नहीं हो पाता। सरकार या सरकारी नुमाइंदा जगह जगह तैनात नहीं किया जा सकता। इसलिए जल जीवन मिशन में जल निगम का पूरा जोर इस बात पर है कि ग्रामीण इस योजना को अपना समझ कर स्वीकार करें। इसके कंस्ट्रक्शन में भी 10 या 5 परसेंट कंट्रीब्यूशन पब्लिक से ही लिया जाएगा और उसका (ओ एंड एम) ऑपरेशन और मेंटिनेस स्कीम बनने के बाद ग्रामीणों द्वारा ही किया जाएगा। इसके लिए ग्राम पंचायतों द्वारा ग्राम स्तर लगभग हर जगह पेयजल समितियां बनी है। इसी तरह जिला स्तर पर जिला स्वच्छता पेयजल मिशन और राज्य स्तर पर राज्य स्वच्छता पेयजल मिशन का क्रियान्वयन हो रहा है।


ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी और एनजीओ आदि का चयन किया जा रहा है जो अंतिम चरण में है। बहुत जल्द एनजीओ फील्ड में जाकर अपना काम शुरु करेंगे और लोगों को स्वच्छ पेयजल और पूरी स्वच्छ पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए लोगों को जागरुक करेंगे।


टीम स्टेट टुडे



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