बेंगलुरु, 14 फरवरी 2022 : हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई शुरु हो गई है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मीडिया से जिम्मेदार बनने की अपील की है। हाईकोर्ट ने अपील करते हुए कहा कि, मीडिया से हमारा अनुरोध है कि वे अधिक जिम्मेदार बनें। वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का सरकारी आदेश प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यह सरकारी आदेश अनुच्छेद 25 के तहत है और यह कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है।
चीफ जस्टिस रितुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की 3 जजों की बेंच ने अधिवक्ता कामत से पूछा कि क्या कुरान में जो बातें कही गई हैं। वह आवश्यक धार्मिक प्रथा है? वरिष्ठ अधिवक्ता कामत ने जवाब दिया कि मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं...
पीठ ने पिछले हफ्ते अपने अंतरिम आदेश में स्कूल कालेजों में विद्यार्थियों के लिए किसी भी धार्मिक पहनावे की अनुमति नहीं थी। साथ ही शिक्षण संस्थानों के परिसर में हिजाब और भगवा शाल दोनों के पहनावे पर रोक लगा दी थी।
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