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केशव ने कहा- एक साल में प्रदेश की 61 नदियों का मनरेगा से होगा पुनरोद्धार


लखनऊ, 20 मई 2022 : उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर ग्राम्य विकास विभाग ने बुंदेलखंड की 20 नदियों सहित 61 नदियों के पुनरोद्धार की कार्य योजना बनाई है। इसको एक वर्ष के अंदर कराए जाने की तैयारी है। पुनरोद्धार के कार्य में आइआइटी कानपुर, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाइड्रोलाजी रुड़की, बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ आदि संस्थानों से भी सलाह ली जाएगी।

उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि विलुप्तता के कगार पर जा रही नदियों को पुनर्जीवित व पुनरोद्धार किया जाना जल संरक्षण के दृष्टिकोण से तो बहुउपयोगी सिद्ध होगा ही, साथ ही मनरेगा से अधिक से अधिक श्रमिकों को रोजगार भी मिलेगा। इस कार्य से जल संचयन के साथ पीने व सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता हो सकेगी।

समीपवर्ती क्षेत्रों में कृषि, वानिकी जैसी गतिविधियों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे कृषि उत्पादन भी बढ़ेगा। यही नहीं आसपास के तालाब और पोखर भी इन नदियों के पानी से भरे जा सकेंगे। उप मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा के माध्यम से कराए जाने वाले इस कार्य में सभी मानकों, शर्तों और शासनादेशों का अनुपालन कराया जाए।

ग्राम्य विकास विभाग के अनुसार नदियों के पुनरोद्धार कार्य में आइआइटी कानपुर, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाइड्रोलाजी रुड़की, बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ व इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी वाराणसी से सलाह लिए जाने की योजना भी बनाई गई है। अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2018 से नदियों के पुनरोद्धार का कार्य किया जा रहा है, अब तक 2618 किलोमीटर लंबाई में नदियों के पुनरोद्धार में 13,205 लाख की धनराशि खर्च की गई है।

उत्‍तर प्रदेश की कुछ प्रमुख नदियां : गंगा, जमुना, रामगंगा, काली, गंडक, सरयू, गोमती,वरुणा, पांडो, ईसन, रिहंद,टोंस, केन, चंबल, बेतवा, सई नदी, सरायन नदी, सेंगर नदी, सोन नदी आदि नदियां हैं। इनमें से कई नदियों का जल स्‍तर गर्मी में काफी कम हो जाता है लेकिन सूखती नहीं हैं।

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