लखनऊ, 26 जनवरी 2022 : इसे राजनीतिक दांव और चाल कहते हैं। यह कहा जाता रहा है कि राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है औऱ इसमें कुछ भी असंभव नहीं है तो यह सच ही है। अब ताजा मामला प्रतापगढ़ का ले लीजिए। यहां कभी रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के बगलगीर रहे गुलशन को अब उनके ही खिलाफ चुनाव मैदान में उतार दिया गया है, और वो भी उस कुंडा सीट से जिस पर राजा भैया का वर्चस्व रहा है।
यूपी विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने मंगलवार की रात जारी सूची में प्रतापगढ़ की तीन सीट के प्रत्याशियों के नाम घोषित किए। इनमें एक नाम है गुलशन यादव जिन्हें कुंडा सीट से मुकाबले में उतारा गया है। कुंडा के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव मौजूदा सपा जिलाध्यक्ष के भाई हैं।
2002 के बाद सपा ने राजा भैया के खिलाफ उतारा उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी ने आखिरी बार वर्ष 2002 में पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के खिलाफ कुंडा सीट से मोहम्मद शमी को प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद वर्ष 2007, 2012, 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा ने कुंडा सीट पर राजा भैया को समर्थन दिया था। राजा भैया से दूरी बनने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस बार तो राजा भैया के करीबी रहे गुलशन यादव को ही उनके खिलाफ टिकट दे दिया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि गुलशन यादव प्रतापगढ़ के बलीपुर गांव में करीब आठ साल पहले सीओ कुंडा जियाउल हक की हत्या के मुकदमे में नामजद आरोपित है और इसमें राजा भैया भी सह आरोपित रहे। यानी उस वक्त तक राजा भैया और गुलशन में नजदीकियां रही हैं लेकिन अब वे अलग हो चुके हैं और राजनीतिक जंग में आमने सामने हैं। सीओ हत्याकांड में सीबीआइ ने सभी आरोपितों को क्लीन चिट दे थी लेकिन हाई कोर्ट ने पुर्न विवेचना का आदेश जारी किया है।
コメント