![](https://static.wixstatic.com/media/c167e8_643feb7b9b0e449fa30cef4d6ff41e94~mv2.jpg/v1/fill/w_144,h_81,al_c,q_80,usm_0.66_1.00_0.01,blur_2,enc_auto/c167e8_643feb7b9b0e449fa30cef4d6ff41e94~mv2.jpg)
कोरोनाकाल में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से देश की जनता ने राहत की सांस ली है। सड़कों पर मुहर्रम के जुलूस निकालने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर जुलूस निकालने की इजाजत देंगे तो अराजकता फैलेगी। शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाब ने पूरे देश में मुहर्रम जुलूस निकालने की मांग वाली याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर हम जुलूस निकालने की इजाजत देंगे तो इससे आराजकता फैलेगी और फिर एक समुदाय विशेष को कोरोना फैलाने के नाम पर निशाना बनाया जाएगा, जो सुप्रीम कोर्ट नहीं चाहेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह ऐसा कोई आदेश नहीं देगा जिससे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा हो। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की पीठ ने कहा कि मुहर्रम जुलूस के लिए कोई स्पष्ट स्थान नहीं होता है, जहां प्रतिबंध या सावधानी बरती जा सके।
![](https://static.wixstatic.com/media/c167e8_5375bf30be79473594cda93ac912fd60~mv2.jpg/v1/fill/w_146,h_82,al_c,q_80,usm_0.66_1.00_0.01,blur_2,enc_auto/c167e8_5375bf30be79473594cda93ac912fd60~mv2.jpg)
जगन्नाथपुरी रथयात्रा का जिक्र
कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने जग्नाथपुरी यात्रा की दलील दी तो अदालत ने कहा कि आप पूरे देश के लिए इजाजत मांग रहे हैं। जगन्नाथपुरी यात्रा एक खास जगह पर होती है, जहां रथ एक जगह से दूसरी जगह जाता है। अगर किसी एक जगह की बात होती तो हम खतरे का आकलन कर आदेश दे सकते थे।
टीम स्टेट टुडे