google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page

निज़ामी बंधु और दास्तानगोई के साथ Gomti Book Festival पर चढ़ा सूफियाना रंग

ree

लखनऊ, 27 सितंबर: लखनऊ विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक प्रांगण में चल रहे चौथे गोमती पुस्तक महोत्सव आठवें दिन दास्तां ओ संगीत का भव्य संगम देखने को मिला। इस सांस्कृतिक शाम ने दर्शकों को सम्मोहित कर लिया।शाम की शुरुआत हिमांशु बाजपेयी और प्रज्ञा शर्मा की मनमोहक दास्तानगोई से हुई, जिन्होंने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति के जरिए श्रोताओं को मौखिक परंपराओं की अमर दुनिया में पहुंचा दिया। दोनों कलाकारों ने अपनी विशिष्ट शैली में देवी अहिल्याबाई होलकर की दास्तान सुनाई। मराठा साम्राज्य के दौरान इंदौर की इस रानी ने महेश्वर को होलकर वंश की राजधानी के रूप में स्थापित किया था।

उसके बाद मशहूर निज़ामी बंधुओं की कव्वाली ने माहौल में जोश भर दिया। फिल्म रॉकस्टार (2011) के प्रसिद्ध गीत कुन फाया कुन के लिए ख्यात निज़ामी बंधु ने अपनी सूफियाना आवाज़ और दिलकश अंदाज से मौजूद लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उनकी प्रस्तुति ने इस उत्सव को एक अविस्मरणीय सांस्कृतिक ऊँचाई पर पहुंचा दिया।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के माननीय उपमुख्यमंत्री भी पधारे। इस अवसर पर उन्होंने अमिताभ कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ‘राजनाथ सिंह: आधुनिक भारत के लौह पुरुष’ का विमोचन किया।

प्रशासनिक अधिकारियों का साहित्य

‘फाइल के कागज़ से साहित्य की कलम तक’ शीर्षक से आयोजित विशेष सत्र में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों

डॉ. हरिओम (प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास), डॉ. अजय शंकर पांडेय (पूर्व आयुक्त, झांसी मंडल), और डॉ. सुधाकर अदीब (पूर्व निदेशक, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान) ने साहित्य से अपने जुड़ाव पर विचार साझा किए। सत्र का समन्वय डॉ ललित किशोर मंडोरा,हिंदी संपादक, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत ने किया।

डॉ. हरिओम ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने व्यस्त प्रशासनिक जीवन के बीच समय निकालकर लेखन जारी रखा और हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में सक्रिय रहे। उनकी कैलाश मानसरोवर यात्रा पर आधारित यात्रा-वृत्तांत को पाठकों से व्यापक सराहना मिली है। सत्र के दौरान उन्होंने अपनी दो रचनाएँ भी सुनाईं, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा।

डॉ. अजय शंकर पांडेय और डॉ. सुधाकर अदीब ने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (NBT) के हाल के कार्यक्रमों की सराहना की, जिन्होंने प्रतिभाशाली लेखकों को व्यापक रूप से जोड़ा है। उन्होंने न्यास के अध्यक्ष और निदेशक को इस सक्रिय प्रयास के लिए बधाई दी।

बच्चे हुए वैदिक गणित से रूबरू

चिल्ड्रन कॉर्नर में आज लखनऊ के विभिन्न स्कूलों के 800 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। सुबह का सत्र ‘कहानी की दुनिया में’ (डॉ. अनीता भटनागर जैन द्वारा) से आरंभ हुआ, जिसमें उन्होंने बच्चों को एक ऐसी कहानी सुनाई जिसमें सही उत्तर देने पर प्रकृति उन्हें किताबों से पुरस्कृत करती है।

इसके बाद विवेक कुमार के साथ ‘फन विद वैदिक मैथ्स’ सत्र में बच्चों ने आसान गणना के ऐसे दिलचस्प तरीके सीखे, जिनसे गणित उनके लिए और अधिक आनंददायक बन गया।

तीसरे सत्र ‘कोरियोग्राफी एंड बॉडी मूवमेंट’ में फरमान और मुस्कान ने बच्चों को रिबन और गुब्बारों के साथ रचनात्मक नृत्य के प्रयोग कराए। अंतिम सत्र उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित क्विज़ का था, जिसके विजेताओं को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखित और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘एग्ज़ाम वॉरियर’ पुरस्कार स्वरूप भेंट की गई।

लखनऊ में बहती हैं नौ नदियां: डॉ व्यंकटेश दत्ता

नमामि गंगे मिशन के तहत आज गोमती पुस्तक महोत्सव के लेखक गंज के मंच पर " रिवर्स : रेस्टोरेशन एंड रेसिलियंस " का सत्र आयोजित किया गया। सत्र के दौरान डॉ व्यंकटेश दत्ता, विभागाध्यक्ष, अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय ने बताया कि लखनऊ में नौ नदियां हैं। इसमें कुकरैल नदी को दोबारा पुनर्जीवित किया जा रहा है लेकिन अभी भी शहर आठ नदियां हैं जिस पर काम करने की आवश्यकता है। एक नदी है बेहटा जो कि हरदोई से निकलकर मॉल होते हुए गोमती नदी आकर मिलती है। जिले की इन नदियों, तालाब आदि पर शोध कार्य भी किया गया है जिसकी 250 पन्नों की रिपोर्ट भी प्रशासन को सौंपी गई है। वहीं डॉ शैलेन्द्र सिंह, टी एस ए प्रमुख ने नदी के किनारों के नदी के स्वास्थ्य जांचने के गुर सिखाए। उन्होंने विस्तार से बताया कि यदि कोई कछुआ बीमार है तो किस तरह व्यवहार करता है।

इस मौके पर नमामि गंगे योजना के जनसंपर्क अधिकारी मोहम्मद नजीब हसन ने योजना की गतिविधियों पर प्रकाश डाला साथ ही भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर दीपिका चतुर्वेदी जो कि गोमती नदी पर पुस्तक एलांग़ द बैंक्स ऑफ रिवर गोमती लिखीं हैं उपस्थित थीं। उन्होंने पुस्तक के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

कल होगा गोमती पुस्तक महोत्सव का समापन

कल गोमती बुक फेस्टिवल का अंतिम दिन है। आइए लखनऊ के इस साहित्यिक महाकुंभ के भव्य समापन समारोह का हिस्सा बनिए! कहानियों, संस्कृति और विचारों के इस उत्सव में शामिल हों, जहां बच्चों के लिए क्विज़ और बुक कवर डिज़ाइनिंग वर्कशॉप होंगी। हजारों किताबें आपका इंतजार करेंगी और शाम को लोकप्रिय बैंड ‘पराशर’ की लाइव परफॉर्मेंस इस महोत्सव को यादगार बना देगी।



Comments

Couldn’t Load Comments
It looks like there was a technical problem. Try reconnecting or refreshing the page.
bottom of page
google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0