लखनऊ, 4 अप्रैल 2022 : फर्जी काल सेंटर के जरिए मैक्स लाइफ इंश्याेरेंस कंपनी के नाम पर दो सौ लोगों से ठगी करने वाले गिरोह में शामिल अन्य जालसाजों के बारे में एसटीएफ छानबीन कर रही है। एसटीएफ के प्रभारी एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक गिरोह के पास से पौने तीन लाख लोगों के डाटा बरामद किए गए हैं। सभी डाटा का फारेंसिक आडिट कराया जाएगा। गिरोह को किन लोगों ने डाटा उपलब्ध कराया था। इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं। सभी बिंदुओं पर पड़ताल के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं।
प्रभारी एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपितों का आपराधिक इतिहास का पता लगाया जा रहा है। बड़ी संख्या में लोगों का डाटा गिरोह के पास आया था। यह संवेदनशील मामला है और इसके सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। इंश्योरेंस कंपनियों का डाटा हैंकिंग के माध्यम से गिरोह को मिला था या संबंधित कंपनी का कोई कर्मचारी इसमें शामिल है। इसकी जानकारी की जा रही है। फर्जी बैंक खाते भी खोले गए हैं, जिसमें बैंक कर्मियों की मिलीभगत सामने आई है। बैंक का कौन कर्मचारी इसमें शामिल है, इसके बारे में भी छानबीन कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा इंश्योरेन्स कंपनी के इंफारमेशन सिक्योरिटी पालिसी की जांच के आदेश दिए गए हैं। जल्द ही फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि स्पेशल टास्क फोर्स ने फर्जी काल सेंटर चलाने वाले गिरोह का राजफाश किया था। गिरोह में शामिल युवती समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आरोपितों ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के नाम पर दो सौ से लोगों से प्रीमियम जमा कराने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की है। आरोपितों में सरगना रायबरेली निवासी अंकित सिंह, प्रिया सिंह व उनका एक साथी अनुज गौड़ शामिल है।
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