- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभल में किया कल्कि धाम का शिलान्यास
- दुनिया भर में पहली बार भारत अनुसरण नहीं उदाहरण पेश कर रहा : मोदी
- बोले मोदी, संकल्पों के साथ आगे बढ़ रही भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा
- भारत पराभव से विजय की ओर बढ़ने वाला राष्ट्र : मोदी
ईश्वर ने मुझे राष्ट्र रूपी मंदिर के निर्माण का जिम्मा सौंपा है : मोदी
संभल, 19 फरवरी। श्री कल्कि धाम के शिलान्यास के लिए संभल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अब पराभव से विजय की ओर प्रस्थान करने वाला राष्ट्र बन गया है। हम पर सैकड़ो वर्षों से आक्रमण हुए। कोई और देश होता तो नष्ट हो गया होता। हम फिर भी डटे हैं। सदियों के बलिदान अब फलीभूत हो रहे हैं। जैसे लंबे समय से पड़ा बीज वर्षा काल में अंकुरित होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे प्रमोद कृष्णम् यहां मंदिर बना रहे हैं, वैसे ही ईश्वर ने मुझे राष्ट्र रूपी मंदिर के निर्माण का जिम्मा सौंपा है। उसको भव्यता दे रहा हूं। भारत पहली बार उस मुकाम पर है कि अब वह अनुसरण नहीं दुनिया भर में उदाहरण पेश कर रहा है। हम इनोवेशन और आईटी सेक्टर में संभावना के तौर पर देखे जा रहे हैं। हम दुनिया में पांचवी अर्थव्यवस्था हैं। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाले पहले देश हैं। वंदे भारत, नमो भारत ट्रेनों का संचालन किया गया है। जल्द ही बुलेट ट्रेन चलने जा रही है। अब देश का हर व्यक्ति गौरव गौरवान्वित महसूस करता है। अब हमारी शक्ति अनंत और संभावनाएं अपार हैं।
कालचक्र बदल गया है, नए युग की शुरुआत हो चुकी है
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री कल्कि धाम मंदिर परिसर 5 एकड़ में बनकर तैयार होगा। इसका निर्माण कार्य पूरा होने में 5 साल लगेंगे। इस मंदिर का निर्माण भी बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से होगा। सोमनाथ मंदिर और अयोध्या का राम मंदिर भी बंसी पहाड़पुर के पत्थरों से ही बना है। मंदिर के शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी। इसमें स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। श्री कल्कि धाम मंदिर में 10 गर्भगृह होंगे। जिनमें भगवान विष्णु के 10 अवतारों के विग्रह स्थापित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कालचक्र बदल चुका है अब नए युग की शुरुआत हो चुकी है।
पीएम बोले मां के लिए प्रमोद कृष्णम ने खपा दिया अपना पूरा जीवन
पीएम ने कहा कि पिछले दिनों प्रमोद कृष्णम जब निमंत्रण देने आए थे। उसके आधार पर कह रहा हूं, आज जितना आनंद उन्हें हो रहा है, उससे ज्यादा सुख उनकी मां की आत्मा को मिल रहा होगा। मां के वचन के लिए बेटा कैसे जीवन खपा सकते हैं। ये प्रमोद जी ने बता दिया है। मेरे पास देने के लिए कुछ नहीं है, मैं सिर्फ भावना व्यक्त कर सकता हूं।
अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर के साक्षी बने अब कल्कि धाम में
पीएम मोदी ने विपक्ष पर इशारों ही इशारों में हमला बोला। उन्होंने चंदे पर चुटकी लेत हुए कहा है कि आज जमाना ऐसा बदल गया है कि सुदामा अगर पोटली में चावल देते, वीडियो निकल जाती तो सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर हो जाती है कि भगवान कृष्ण भ्रष्टाचार कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि रामलला के विराजमान होने का अलौलिक अनुभव है। अभी भी क्षण भावुक कर जाता है। इसी बीच देश से सैकड़ों किमी दूर अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर के वे साक्षी बने हैं। कल्पना से परे काम भी हकीकत बन रहे हैं। काशी का कायाकल्प और इसी दौर में महाकाल के महालोक की महिमा हम सबने देखी है। आज एक ओर तीर्थों का विकास हो रहा है, तो शहरों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो रहा है। मंदिर बन रहे हैं, तो कॉलेज भी बन रहे हैं विदेशी निवेश भी आ रहा है। ये परिवर्तन प्रमाण है, समय का चक्र घूम चुका है.
कल्कि धाम देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने कहा कि कल्कि धाम में आज कई संत, धर्मगुरु और अन्य जाने-माने लोग शामिल हुए हैं। वहीं, उज्जैन के बाबा महाकाल मंदिर से जुड़े महात्मा वैदिक मंत्र के बीच पूजन का कार्यक्रम संपन्न कराया है। उन्होंने कहा कि यहां 10 गर्भगृह होंगे, भगवान के दसों रूपों को रखा जाएगा। यहां ईश्वरीय अवतार को अलग-अलग तरह से प्रस्तुत किया जाएगा। ये ईश्वर की कृपा है कि भगवान ने मुझे इस काम का माध्यम बनाया है। उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि धाम देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है. इसका निर्माण कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जगतगुरु अवधेशानंद गिरि, कैलाशानंद गिरी समेत देशभर से आए कई संत महात्मा उपस्थित थे।
भारत में जो पहले असंभव था, आज वो संभव हुआ है : योगी आदित्यनाथ
- मुख्यमंत्री ने संभल में श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह को किया संबोधित
- संभल के ऐंचोड़ा कंबोह में प्रधानमंत्री ने किया कल्कि धाम का शिलान्यास
- बोले सीएम - आस्था का सम्मान और आजीविका की गारंटी देती है डबल इंजन की सरकार
संभल, 19 फरवरी। भारत में जो पहले असंभव माना जाता था, आज वो संभव हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र नई समृद्धियों को प्राप्त कर रहा है। यहां आस्था का सम्मान और आजीविका की गारंटी दोनों ही है। पहले की सरकारों ने न तो आस्था का सम्मान किया और ना ही आजीविका ही दी। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐंचोड़ा कंबोह में आयोजित श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह के दौरान कहीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संभल में स्वागत करते हुए कहा कि भगवान विष्णु के 10वें अवतार की भावी अवतरण भूमि पर प्रधानमंत्री का आगमन हुआ है। अयोध्या में पांच सदी के इंतजार को समाप्त करने और पहली बार संयुक्त अरब अमीरात में भी भव्य मंदिर के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री का आगमन संभल जनपद में हुआ है। पिछले 10 साल में हमने एक नये भारत का दर्शन किया है। इस नये भारत में हर नागरिक को सुरक्षा की गारंटी के साथ ही राष्ट्र को समृद्धि के नये सोपान तक पहुंचाने का संकल्प भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी में काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण, अयोध्या धाम में रामलला का पुन: विराजमान होना, केदारनाथ और बद्रीनाथ का पुनरोद्धार, महाकाल में महालोक की स्थापना नये भारत की तस्वीर है। यहां हर युवा को आजीविका और आस्था की गारंटी भी है। यही मोदी की गारंटी है। पहले की सरकारों ने आस्था के साथ खिलवाड़ किया। वो न आस्था दे पाए और ना ही आजीविका उपलब्ध करा पाए। मगर, आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की परंपराओं को वैश्विक मान्यता मिल रही है। हर साल 21 जून को दुनिया के 200 देश भारत की ऋषि परंपरा से जुड़कर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं।
सीएम ने कहा कि भारत में जो पहले असंभव था, आज वो संभव हुआ है। यह इसलिए हुआ क्योंकि हमारे पास एक यशस्वी नेतृत्व है। हमें गर्व होता है जब प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान दुनिया के मंच पर होता है। पूरी दुनिया उन्हें उम्मीद की निगाह से देखती है। उन्होंने बताया कि संभल में गंगा एक्सप्रेसवे बन रहा है। 2025 में प्रयागराज कुंभ के दौरान सरकार का प्रयास होगा कि पश्चिमी यूपी के लोग इस एक्सप्रेसवे के जरिए तेज गति से प्रयागराज पहुंचें। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास तेजी से हुआ है। जल्द मुरादाबाद का एयरपोर्ट भी बनने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज यहां प्रधानमंत्री का आगमन हुआ है, जहां कलियुग और सतयुग के संधिकाल में भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि का अवतरण होगा। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जो शुरुआत हुई है, उसी क्रम में प्रधानमंत्री यहां पहुंचे हैं।
इस अवसर पर आचार्य प्रमोद कृष्णम्, जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी जी महाराज, स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी सहित बड़ी संख्या में संतजन उपस्थित रहे।
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