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Shri Ram Mandir में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के पांचवें दिन क्या-क्या हुआ - बदलती अयोध्या की अनोखी जानकारियां जो अब से पहले किसी ने नहीं देखीं.. रामोत्सव


- श्रीराम लला के विग्रह को पहले शर्करा अधिवास और फलाधिवास में रखा गया

- विग्रह को पुष्पाधिवास में रखकर पूरी की गई अधिवास प्रक्रिया


अयोध्या, 20 जनवरी। श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शनिवार को पांचवें दिन सुबह नौ बजे से शुरू हुआ। शनिवार को पूजा अनुष्ठान शाम तक चला।



प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी को दोपहर बाद सरयू नदी से प्रारम्भ हुआ था, जिसके बाद 17 जनवरी को श्रीरामलला की मूर्ति का मंदिर परिसर में आगमन हुआ था।



प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में श्रीरामलला के विग्रह के अधिवास के साथ शनिवार को मुख्यतः वास्तुपूजा हुई। इस पूजा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से अनिल मिश्र सपरिवार और विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक एवं अन्य लोगों ने पूजा की।



प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्रीरामलला की मुख्य प्रतिमा गर्भ गृह में विराजमान है और विविध अधिवास में है।


आज श्रीरामलला के विग्रह को पहले शर्करा अधिवास और फलाधिवास में रखा गया। इसके बाद 81 कलशों में एकत्रित विविध औषधियुक्त जल से स्नान कराया गया। फिर विग्रह को पुष्पाधिवास में रखकर अधिवास प्रक्रिया पूरी हुई।



रविवार 21 जनवरी को भी विग्रह के अधिवास की प्रक्रिया जारी रहेगी। श्रीरामलला का पुराना विग्रह अभी पूर्ववत् विद्यमान है। उचित समय पर उसे पूरे धार्मिक विधि विधान के साथ मंदिर में विराजमान किया जाएगा।



 


अयोध्या धाम में मंदिर होंगे स्वच्छ, ईश के चरणों में चढ़े फूलों से बनाई जाएगी धूप



  • अयोध्या नगर निगम की पहल, राम जन्मभूमि मंदिर और अन्य मंदिरों के फूलों को किया जाएगा रिसाइकिल

  • मंदिरों के साथ ही अयोध्या धाम को स्वच्छ बनाए रखने की योगी सरकार की मंशा के अनुरूप हो रहा कार्य

  • प्राण प्रतिष्ठा के बाद परियोजना के तहत बड़ी संख्या में महिलाओं को मिलेगा रोजगार

  • प्रतिदिन 9 मीट्रिक टन फूल वेस्ट रिसाइकिल किए जाने की है उम्मीद

अयोध्या, 20 जनवरी। अयोध्या धाम में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान और इसके बाद मंदिर में उपयोग होने वाले और श्रीचरणों में चढ़ने वाले फूलों के कारण मंदिर परिसर में गंदगी न हो, इसके लिए अयोध्या नगर निगम ने अनूठी पहल की है। इस पहल के तहत अयोध्या धाम के सभी मंदिरों में चढ़े फूलों को प्रॉसेस करके धूपबत्ती बनाई जा रही है। प्राण प्रतिष्ठा में बड़ी तादाद में चढ़ने वाले फूलों को भी नगर निगम इसी तरह प्रॉसेस करेगा, जबकि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद भी मंदिर परिसर में उपयोग होने वाले फूलों से धूपबत्ती बनाई जाएगी, ताकि मंदिर को न सिर्फ स्वच्छ रखा जा सके, बल्कि फूलों की प्रॉसेसिंग के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार से भी जोड़ा जा सके। एक आंकलन के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धाम के सभी मंदिरों से प्रतिदिन 9 मीट्रिक टन फूल वेस्ट रिसाइकिल किए जाने की उम्मीद है, जबकि अभी यह 2.3 मीट्रिक टन ही हो रहा है।




घर ला सकते हैं भगवान राम का आशीर्वाद


अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के अनुसार प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या जी में हर साल असंख्य तीर्थयात्री आते हैं, जिससे टनों पुष्प अपशिष्ट उत्पन्न होता है। इस पुष्प अपशिष्ट को एकत्र करके इसे प्राकृतिक अगरबत्ती में परिवर्तित किया जाता है। यह पहल, अयोध्या के मंदिर के फूलों को एक नया जीवन प्रदान करती है और पूरे भारत के भक्तों के लिए एक शुभ, सुगंधित अनुभव बनाती है, जो श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उत्सव में शामिल हो सकते हैं और अयोध्या जी और भगवान राम का आशीर्वाद घर ला सकते हैं, चाहे वे कहीं से भी हों। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक कार्यक्रम के बाद इस प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी, क्योंकि 22 के बाद लाखों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालुओं के अयोध्या धाम आने की संभावना है। ये श्रद्धालु विभिन्न मंदिरों में फूलों के माध्यम से अपने आराध्य के प्रति आस्था व्यक्त करेंगे। फूलों के कारण मंदिरों और धाम में कचरे की स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए फूलों की प्रॉसेसिंग के साथ ही धूप बनाने के कार्य में तेजी लाई जाएगी।





फूलों के संग्रह और पुनर्चक्रण के लिए हुआ एमओयू


एडीए उपाध्यक्ष के ओएसडी विनीत पाठक ने बताया कि 21 अक्टूबर 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अयोध्या के मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों से बनी बांस रहित धूप को लॉन्च किया था। उन्होंने बताया कि यह परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार, अयोध्या नगर निगम और नमामि गंगे कार्यक्रम के समर्थन और मार्गदर्शन के कारण संभव हो पाई है। इसके लिए फूल नाम के संगठन को जिम्मेदारी दी गई है जिसने फूलों के कचरे के संग्रह और पुनर्चक्रण के लिए अयोध्या नगर निगम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि सौम्य चंदन तेल की सुगंध से युक्त ये धूप पूरी दुनिया में राम जन्म भूमि का आशीर्वाद ले जा रही है। लाखों भारतीयों के दैनिक पूजा अनुष्ठानों के लिए तेजी से उपलब्धता के लिए फूल द्वारा क्यू-कॉम प्लेटफॉर्म और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उत्पाद लॉन्च किए गए हैं।


प्राण प्रतिष्ठा के बाद होगा विस्तार, मिलेगा रोजगार


प्राण प्रतिष्ठा से पहले अभी वर्तमान में अयोध्या धाम से प्रतिदिन 2.3 मीट्रिक टन अपशिष्ट फूलों का पुनर्चक्रण किया जा रहा है। इसका प्लांट 8000 वर्ग/फीट क्षेत्र में फैला हुआ है। वहीं 20 महिलाएं इस कार्य में लगी हैं। विनीत पाठक ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखते हुए आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत भविष्य की कार्ययोजना निर्धारित की गई है। इसके तहत प्रति दिन 9 मीट्रिक टन पुष्प अपशिष्ट का पुनर्चक्रण सुनिश्चित किया जाएगा, जबकि इसके माध्यम से 275 महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा। यही नहीं, आगंतुकों के लिए अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया देखने, विधि सीखने और घर पर हस्तनिर्मित अगरबत्ती ले जाने का अनुभव केंद्र जैसी व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि के साथ अधिक संख्या में फूलों के पुनर्चक्रण के लिए बड़े संयंत्र की स्थापना भी होगी।


दैनिक आधार पर इन मंदिरों से हो रहा फूलों का संग्रह

• हनुमान गढ़ी

• कनक भवन

• नागेश्वर नाथ मंदिर

• श्री काले राम मंदिर

• गोरे राम मंदिर

• बड़े देवकाली मंदिर

• छोटे देवकाली मंदिर

• स्वामीनारायण मंदिर, कनक भवन मंदिर

• प्रभु श्री राम जन्मभूमि मंदिर से पुष्प संग्रह 22 जनवरी से



 

इनलैंड वॉटरवेज के लिहाज से अब पूरी दुनिया में हो रही अयोध्या के 'सरयू मॉडल' की चर्चा



  • -सीएम योगी के हाथों देश में पहली बार अयोध्या से सोलर बोट परिचालन का मार्ग हुआ प्रशस्त, अन्य कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हुआ सरयू का किनारा

  • इनलैंड वॉटरवेज मैकेनिज्म के विकास के साथ ही सौर व स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नौका परिवहन के जरिए भी अयोध्या में रखा जा रहा है मील का पत्थर

  • नव्य अयोध्या' को साकार करने के केवल नगरीय सड़क परिवहन ही नहीं बल्कि जल परिवहन पर भी अयोध्या में बड़े स्तर पर हो रहा काम

अयोध्या, 20 जनवरी। उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर अयोध्या को विकसित करने का योगी सरकार का सपना वास्तविकता की शक्ल ले चुका है। खास बात यह है कि नव्य अयोध्या के जिस विजन को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ प्रयासरत हैं उसमें शहरी विकास व सौर ऊर्जा आधारित नगरीय परिवहन के साथ ही देश में पहली बार इनलैंड वॉटर मैकेनिज्म को भी विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस क्रम में सीएम योगी द्वारा शुक्रवार को सोलर बोट का उद्घाटन किया गया था और साथ ही अब जल्द ही क्लीन एनर्जी फोकस्ड (विशेषकर विद्युत व सौर ऊर्जा चालित) अन्य बोट्स की खेप को यहां लाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि वर्षों तक पराभव का दंश झेलने वाली अयोध्या अब सरयू नदी में नौका विहार गतिविधियों के साथ ही ऐसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो रही है जो आगे चलकर इसे वाराणसी की तर्ज पर इनलैंड वॉटवेज के नए बड़े सेंटर के तौर पर स्थापित कर सकेगा। इतना ही नहीं, हाल के वर्षों में यहां हुए प्रयासों के कारण अब देश-दुनिया में इनलैंड वॉटरवेज नेविगेशनल ऑपरेशंस के लिहाज से अयोध्या के सरयू मॉडल की चर्चा हो रही है।



स्वच्छ ऊर्जा आधारित नौका परिवहन पर सबसे ज्यादा फोकस


सीएम योगी के विजन अनुसार उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा अभिकरण (यूपीनेडा) द्वारा विकसित की गई रूफ टॉप माउंटेड सोलर बोट सर्विस का शुक्रवार को उद्घाटन कर देश में पहली बार इनलैंड वॉटरवेज के लिहाज से गेमचेंजिंग साबित होने वाले इलेक्ट्रिक सोलर टेक्नोलॉजी बेस्ड बोस सर्विस का शुभारंभ किया था। इस बोट को सरयू घाट के किनारे असेंबल किया गया है तथा देश के विभिन्न कोनों से इसके कल-पुर्जे व अन्य साजो-सामान मंगाए गए हैं। यह बोट पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है। फिलहाल, एक बोट को कंप्लीट कर लिया गया है तथा आने वाले दिनों में ऐसी अन्य बोटों के नियमित संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके अतिरिक्त, सरयू नदी में इलेक्ट्रिक चार्ज बेस्ड वर्किंग वाली बोट्स का भी जल्द ही संचालन शुरू हो जाएगा जिसके लिए सरयू किनारे दो फ्लोटिंग जेटी बेस्ड पावर सोर्स प्लग स्टेशंस सीजे वीआई गंगा 3 व सीजे वीआई गंगा 6 को 15 दिसंबर से ही गुप्तार घाट से नया घाट के बीच स्टेशंड रखा गया है। शुरू में ऐसी दो बोट्स का संचालन नियमित स्तर पर होगा तथा बाद में इस फ्लीट को बढ़ाया जा सकता है।


जटायू क्रूज व वॉटर मेट्रो के संचालन का भी रास्ता हुआ साफ


इसके अलावा, जटायू क्रूज का संचालन भी अयोध्या में हो रहा है तथा नदी में इसके नियमित संचालन के लिए उचित जलस्तर को बनाए रखने के लिए बैराज सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया को भी पूर्ण कर लिया गया है। इसी के बाद अब जल्द ही कोचीन के बाद नॉर्थ इंडिया में पहली बार सरयू नदी में वॉटर मेट्रो के संचालन का रास्ता भी साफ हो गया है जिसे आने वाले कुछ दिनों में पूर्ण कर लिया जाएगा। वहीं, सरयू को नौका विहार के लिहाज से पॉपुलर डेस्टिनेशन बनाने के लिए भी योगी सरकार द्वारा तमाम प्रयास किए गए हैं जिनमें जेट स्की राइड समेत वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज को बढ़ावा देना शामिल है। सरयू किनारे नयाघाट, गुप्तारघाट समेत प्रमुख घाटों पर फ्लोटिंग जेटी की व्यवस्था भी गई है तथा तीर्थ यात्रियों के स्नान आदि क्रियाओं को ध्यान में रखकर इन पर बुनियादी सुविधाओं के विकास की सतत प्रक्रिया भी जारी है।



 

महाराष्ट्र से आए पौधों की खूबसूरती से दिव्यतम नजर आ रहा राम जन्मभूमि परिसर



  • जन्मभूमि परिसर में लगाए जा रहे साढ़े सात हजार से अधिक पौधे

  • प्राण-प्रतिष्ठा के मद्देनजर विशेष तौर पर रखा जा रहा हरियाली का ध्यान

  • हरियाली से भरी है परिसर की नक्षत्र वाटिका,  रामायण कालीन पेड़ों की आध्यात्मिकता से भी जुड़ेगी  

  • योगी सरकार के निर्देश पर वन विभाग ने रामनगरी की खूबसूरती में भी लगा दिया चार चांद

अयोध्या, 20 जनवरी। महाराष्ट्र से आए साढ़े सात हजार पौधों की खूबसूरती से श्रीराम जन्मभूमि परिसर दिव्यतम नजर आने लगा है। 22 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत लगभग आठ हजार से अधिक आगंतुक श्रीराम जन्मभूमि परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शिरकत करेंगे तो आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ वहां की हरियाली भी मन मोह लेगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व उप्र वन विभाग की तरफ से यहां प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की दृष्टि से पौधेयुक्त साढ़े सात हजार गमलों को सजाया जा रहा है। इन गमलों से नाना प्रकार के देशी-विदेशी फूल होंगे, जिनकी अद्भुत छटा मंदिर प्रांगण में बैठे आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित तो करेगी ही, साथ ही रामायण काल की अनुभूति भी प्रतीत कराएगी।



महाराष्ट्र से आए साढ़े सात हजार से अधिक पौधों से दमकेगा परिसर


22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को देखते हुए पूरे परिसर को सजाया जा रहा है। फूलों की साज-सज्जा के साथ ही यहां गमले भी लगाए जा रहे हैं। इसके लिए महाराष्ट्र से साढ़े सात हजार से अधिक गमले व पौधे आए हैं। तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट व उप्र वन विभाग की तरफ से इन्हें परिसर में सजाया जा रहा है। पेड़-पौधों की खुशबू से आगंतुक मंत्रमुग्ध हो जाएं। इसकी तैयारी भी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व सीएम योगी के निर्देश पर वन विभाग की तरफ से युद्ध स्तर पर अंतिम दौर की तैयारी की जा रही है।


इन पौधों से बढ़ेगी परिसर की भव्यता


राम मंदिर प्रांगण में 56 प्रजाति के पौधे लगाए जा रहे हैं। इनमें एग्लोनेमा रेड-लिपिस्टक, पिंक, ऐलोकेशिया ब्लैक वेलवेट- कुकुलता, वेस्टिल, फिलोड्रेनड्रॉम रिंग ऑफ फायर-बिरकिन, जेनाडू, रेड कांगो, पिंक फायर, पिंक प्रिसेंज, डिफेनबेकिया व्हाइट, होमालोमेना ब्रांज,  केलेडियम मिक्स,  मेलपिघिया श्रीराम,  ड्रकाना महात्मा,  सेफलेरा, वेरीगेटेड, लोरोपेटलम, रेडार मचेरा, डिफेनबेकिया बोमानी, मोंसटेरा डेलीसिओसा, आर्केड मिक्स, पीस लिली आदि प्रमुख हैं।  



रामायण कालीन वैभव की अनुभूति करा रही नक्षत्र वाटिका


जन्मभूमि परिसर में स्थापित नक्षत्र वाटिका की खूबसूरती भी भावविभोर कर रही है। हरियाली का ध्यान रखते हुए नक्षत्र वाटिका में तैयार हो चुके पेड़ यहां की शोभा व वातावरण को दिव्य-भव्य करेंगे। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में रामायणकालीन वैभव को दर्शाने वाले नक्षत्र वाटिका में 27 नक्षत्रों से जुड़े 27 पेड़ लगाए गए हैं। राम मंदिर परिसर हरा भरा हो, इसके लिए पूरे प्रांगण में हरियाली का खास ध्यान रखा जा रहा है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नक्षत्र वाटिका में पौधरोपण भी किया था। रामायण कालीन पेड़ों में पीपल, पाकड़, नीम, गुटेल, महुआ, शीशम, खैर, पलास, बेल, मौलिश्री, शमी, कदंब, आम, अर्जुन, गुलर, साल, बरगद, आंवला, चीड़ आदि के पौधे लगाए गए हैं। इनका संबंध भी नक्षत्रों से है।


दूब घास से वाटिका को और बनाया जा रहा आकर्षित


डीएफओ सितांशु पांडेय ने बताया कि नक्षत्र वाटिका पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी। इसे और भव्य रूप दिया जा रहा है। क्योंकि बंदरों ने यहां की मिट्टी को भी खोद दिया था, लिहाजा यहां मिट्टी डालकर सलेक्शन ग्रेड-1 ग्रास व दूब घास लगाए जा रहे हैं। राम जन्मभूमि परिसर के अंदर नक्षत्र वाटिका को विशिष्ट रूप दिया जा रहा है। आयरन ट्री गार्ड लगाए गए हैं, जो पौधों की रक्षा कर रहे हैं।



 

राम आएंगे तो 10 लाख दीपों से अयोध्या सजाएगी योगी सरकार



  • मकानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों व पौराणिक स्थलों पर प्रज्ज्वलित की जाएगी 'राम ज्योति'

  • 'सरयू की मिट्टी' से बने दीपों से रोशन होगी राम की नगरी

  • राममय माहौल में सज चुकी अयोध्या में फिर मनाई जाएगी दीपावली

अयोध्या, 20 जनवरीः महज दो दिन और, 22 जनवरी को श्रीरामलला के दिव्य-भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरा हो जाएगा तो शाम को पूरी रामनगरी 10 लाख दीपों से जगमगाएगी। डबल इंजन की सरकार के आह्वान पर मकानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों व पौराणिक स्थलों पर 'राम ज्योति' प्रज्ज्वलित की जाएगी। राम की नगरी सरयू नदी के तटों की मिट्टी से बने दीपों से रोशन होगी। कभी वनवास से वापस आने पर दीप जलाकर अयोध्या में दीपावली मनाई गई थी तो अब प्राण-प्रतिष्ठा पूर्ण होने के उपरांत 'राम ज्योति' जलाकर दीपावली मनाई जाएगी। सात वर्षों से दीपोत्सव का भव्यतम आयोजन करा रही योगी सरकार 22 जनवरी को फिर से दीपों से अयोध्या सजाएगी, जिसका दिव्यतम दीदार दुनिया करेगी।


100 मंदिरों व सार्वजनिक स्थलों पर जलाए जाएंगे दीप


योगी सरकार ने 2017 में सत्ता संभालने के बाद ही दीपोत्सव का आयोजन कराया था। 2017 में 1.71 लाख दीपों से अयोध्या सजाने वाली योगी सरकार ने 2023 दीपोत्सव में 22.23 लाख दीप सजाकर नया रिकॉर्ड बनाया था। वहीं श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य उत्सव के उपरांत भी योगी सरकार की तरफ से पूरी अयोध्या को दीपों से सजाया जाएगा। योगी सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से इसकी भव्य तैयारी की जा रही है। रामलला, राम की पैड़ी, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, सरयू तट, लता मंगेशकर चौक, मणिराम दास छावनी समेत 100 मंदिरों, प्रमुख चौराहों व सार्वजनिक स्थलों पर दीप जलाए जाएंगे।


निजी प्रतिष्ठानों पर प्रज्ज्वलित दीप भी वातावरण को करेंगे राममय


प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर अयोध्या, प्रदेश, देश और दुनिया में राम भक्त उत्साहित हैं। 500 वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान राम पूरे वैभव के साथ अपने मंदिर में विराजने जा रहे हैं। डबल इंजन की सरकार ने इस ऐतिहासिक अवसर को पूरे देश में पर्व की तरह मनाने की अपील की है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रात में हर देशवासी से अपने घर में दीप प्रज्ज्वलित करने को कहा गया है। योगी सरकार ने अपील की है कि प्रदेशवासी सिर्फ घरों में ही नहीं, बल्कि दुकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों (होटल, फैक्ट्री, कारखाने, प्लांट आदि), कार्यालयों (सरकारी व निजी) और पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्थलों पर भी दीपोत्सव करें। 'राम ज्योति' के माध्यम से बिखरी आभा से पूरा वातावरण राममय हो जाए।



स्थानीय कुम्हारों से लिए जा रहे दीप


क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि 22 जनवरी की सांझ 100 प्रमुख मंदिरों व सार्वजनिक स्थलों पर दीप जलाए जाएंगे। इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। सरकार की मंशानुरूप दीप जलाए जाएंगे तो इसमें स्थानीय कुम्हारों की मदद ली जा रही है। उनसे दीपों को क्रय किया जा रहा है। मुख्य आयोजन के उपरांत सरकार के साथ ही जनसहभागिता से भी इसे काफी वृहद पैमाने पर किया जाएगा।



 

अयोध्या धाम में 51 स्थानों पर 22 हजार से अधिक वाहनों की होगी पार्किंग


  • - योगी सरकार ने धाम में सरकारी, नजूल, निजी भूमि को पार्किंग के लिए किया चिन्हित

  • - ड्रोन से की जाएगी वीवीआईपी पार्किंग की निगरानी, रामपथ और भक्ति पथ पर पार्क होंगी वीवीआईपी मेहमानों की गाड़ियां

अयोध्या, 20 जनवरी: योगी सरकार ने श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों के वाहनों की पार्किंग के लिए पुख्ता इंतजाम किये हैं। योगी सरकार ने पार्किंग की व्यवस्था प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम और उसके बाद आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए अयोध्या धाम में पार्किंग के लिए 51 स्थानों को चिन्हित किया है। इन पार्किंग में 22,825 वाहनों को पार्क किया जा सकेगा। इतना ही नहीं पार्किंग के लिए किसी को भटकना न पड़े इसके लिए पार्किंग स्थलों को गूगल मैप पर अपलोड कर दिया गया है। वहीं पार्किंग स्थलों को वीवीआईपी, वीआईपी और अन्य मेहमानों के लिए भी रिजर्व किया गया है। इन पार्किंग को वायरलेस और पीए सिस्टम से लैस किया गया है।


इन स्थानों पर की गई पार्किंग की व्यवस्था


एडीजी ट्रैफिक बीडी पॉल्सन ने बताया कि अयोध्या धाम में श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों की गाड़ियों को पार्क करने के लिए 51 स्थानों को चिन्हित किया गया है। इनमें एक समय में एक साथ करीब 22,825 वाहनों को पार्क किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि रामपथ पर 5 स्थानों, भक्ति पथ मार्ग पर 1 स्थान, धर्म पथ मार्ग पर चार स्थानों, परिक्रमा मार्ग पर पांच स्थानों, बंधा मार्ग पर दो स्थानों, टेढ़ी बाजार रामपथ से महोबरा मार्ग पर एक और टेढ़ी बाजार रामपथ से उनवल मार्ग पर 7 स्थानों को पार्किंग के लिए चिन्हित किया गया। इसके अलावा अयोध्या से गोंडा मार्ग पर दो, एनएच 27 पर दस स्थानों, तीर्थ क्षेत्र पुरम में सात स्थानों और कारसेवक पुरम टेंट सिटी के आस-पास तीन स्थानों, रामकथा मंडपम टेंट सिटी पर चार स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इन पार्किंग को सरकारी, नजूल, निजी और पर्यटन विभाग की भूमि पर बनाया गया है। इसके अलावा अयोध्या धाम में बनी मल्टीलेवल पार्किंग में भी गाड़ियों को पार्क किया जाएगा।


ड्रोन से वीवीआईपी पार्किंग स्थल की होगी निगरानी


अयोध्या ट्रैफिक सीओ राजेश तिवारी ने बताया कि रामपथ और भक्ति पथ स्थित 6 पार्किंग स्थानों को वीवीआईपी मेहमानों के वाहनों के लिए रिजर्व किया गया है। यहां पर वीवीआईपी मेहमानों की 1225 गाड़ियों को पार्क किया जाएगा। इसके अलावा धर्म पथ मार्ग और परिक्रमा मार्ग पर नौ पार्किंग स्थानों को वीआईपी के लिए रिजर्व किया गया है। यहां पर वीआईपी की दस हजार से अधिक गाड़ियों को पार्क किया जाएगा। इसके अलावा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों के लिए अलग-अलग स्थानों पर पार्किंग को रिजर्व किया गया है। वहीं पुलिस फोर्स के लिए एनएच-27 में आठ पार्किंग स्थानों को रिजर्व किया गया है। यहां पुलिस की दो हजार से अधिक गाड़ियों को पार्क किया जाएगा। साथ ही यहां पर सुरक्षा के लिहाज से काफी पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। इन पार्किंग स्थल की निगरानी ड्रोन से की जाएगी।


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