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चित्रकूट में RSS का महत्वपूर्ण निर्णय – क्यों कहा था संघ प्रमुख ने हिंदू - मुस्लिम का डीएनए एक



राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए देश के साधु-संतों का सहारा लेगा। संघ का मानना है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण आंदोलन में संतों की खास भूमिका रही। अब उसी तर्ज पर संतों को आगे कर हिंदुत्व के एजेंडे को धार दी जाएगी। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद और संघ के अन्य अनुषंगिक संगठनों के लोगों को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी।


पांच दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन बैठक के आखिरी दिन मंगलवार को आरएसएस की बैठक में हिंदुत्व मुद्दे पर खास चर्चा हुई।



संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि कुंभ की तरह अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में साधु-संतों की भागीदारी से हिंदुत्व एजेंडा आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या में दीपावली पर दीपोत्सव और मथुरा में जन्माष्टमी पर पर्व आयोजित किया जाना सराहनीय है।


संघ प्रमुख ने चित्रकूट में लगने वाले अमावस्या मेले और दीपावली में दीपदान मेले को भी भव्यता देने पर जोर दिया। साथ ही देश के अन्य धार्मिक कार्यक्रमों को भव्य बनाने की वकालत की। गांवों में रामलीला और अन्य धार्मिक कार्यक्रम होते रहने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की सलाह दी।



संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आखिल भारतीय प्रांत प्रचारकों की बैठक के बाद स्वयंसेवकों से कहा कि तन, मन व धन से राष्ट्र निर्माण में जुटें।


चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान के प्रकल्प आरोग्यधाम में नौ से 12 जुलाई तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक चली। चार दिन की बैठक का सार संघ के शताब्दी वर्ष 2025 तक गांव-गांव तक शाखाओं को पहुंचाना रहा। इसको लेकर अखिल भारतीय कमेटी, क्षेत्र व प्रांत प्रचारकों के साथ भी मंथन हुआ।


टीम स्टेट टुडे


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