लखनऊ, 5 मई 2022 : रामपुर में शत्रु संपत्ति पर कब्जा करने के मामले में समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य आजम खां की जमानत याचिका पर अभी बहस जारी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां की जमानत याचिका के फैसले पर सभी की निगाह लगी है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में गुरुवार को रामपुर सदर से समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खां की जमानत अर्जी पर सुनवाई थी। आजम खां की तरफ से बहस पूरी हो गई है और राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी पक्ष रख रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता की पेश दलील को कोर्ट ने सुना है। आजम खां की जमानत याचिका पर होने वाले फैसले का अब सभी को इंतजार है।
पूर्व मंत्री आजम खां के खिलाफ दर्ज 72 आपराधिक केस में से उनको अब तक 71 में जमानत मिल चुकी है। राज्य सरकार की तरफ से एक तरफ एक दर्जन मामलों में जमानत निरस्त कराने के लिए अर्जी दी गई है। आजम खां की तरफ से जिस मामले में जमानत के लिए अर्जी दी गई है वह शत्रु संपत्ति से जुड़ा है। तीन वर्ष पहले यह मुकदमा रामपुर जनपद के अजीम नगर थाने में दर्ज किया गया था। आजम खां पर आरोप है कि उन्होंने रामपुर में कई शत्रु संपत्तियों पर कब्जा करके उनको जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल कर लिया है। इनमें से अधिकांश पर अवैध कब्जा है। इतना ही नहीं शहर की कई अन्य प्रापर्टी पर आजम खां का कब्जा बताया जा रहा है। इनमें से कई को उन्होंने अपने फार्म हाउस में शामिल किया है।
आजम की याचिका पर राज्य सरकार ने मांगा था समय : आजम खां की ओर से जमानत याचिका दाखिल होने के बाद यूपी सरकार ने हाई कोर्ट में अर्जी देकर कुछ और तथ्य प्रस्तुत करने के लिए वक्त मांगा था। अदालत ने चार मई को सुनवाई की तारीख तय की थी मगर ईद के अवकाश की वजह से चीफ जस्टिस के आदेश के तहत चार मई के सभी केस की सुनवाई आज पांच मई को हुो रही है। प्रदेश सरकार की ओर से 29 अप्रैल को ही हलफनामा दाखिल किया ज चुका है।
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