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सिडबी ने कोविड तैयारियों के लिए त्वरित ऋण की श्वास और आरोग योजनाएं शुरू कीं



आवश्यक वित्तीय सहायता के साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों ((एमएसएमई) की सहायता करने के लिए काम कर रही भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने कोविड महामारी से निपटने में सहयोग के लिए श्वास और आरोग नाम से दो नयी योजनाओं की शुरुआत की है। इनमें श्वास जहां कोविड19 की दूसरी लहर के खिलाफ युद्ध में हेल्थकेयर क्षेत्र में सिडबी की सहायता से संबंधित है वहीं आरोग को महामारी के दौरान एमएसएमई इकाइयों की रिकवरी और संवृद्धि के लिए के तुरंत कर्ज की सहायता उपलब्ध कराने के लिए शुरु किया गया है। यह योजना भारत सरकार के मार्ग दर्शन में तैयार की गयी है जो ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटरस, ऑक्सीमीटर और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति से संबंधित उत्पादन को बढ़ाने और सेवाओं उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान करती है।


देश में कोविड -19 की दूसरी लहर के बड़े पैमाने पर बढ़ने से देश के स्वास्थ्य ढांचे पर अभूतपूर्व बोझ पड़ा है। भारत सरकार ने अस्पतालों में ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। कोविड से लड़ने के लिए सिडबी ने इन नयी योजनाओं की शुरुआत की है ताकि एमएसएमई इकाइयों की मदद हो सके और वे शीघ्रता से अपनी सुविधाओं का विस्तार कर सकें।



इस अवसर पर, सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने कहा कि हमारा प्रयास है कि पात्र एमएसएमई इकाइयां जो इस संकट की घड़ी में नागरिकों की मदद के लिये समस्त स्तरों पर स्वास्थ्य परक सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए अपना परिचालन कर रही हैं, उन्हें ऋण सुविधा उपलब्ध हो।


कोविड -19 से उत्पन्न वर्तमान संकट और राष्ट्रीय आपात स्थिति को देखते हुए सिडबी ने नयी योजनाओं को तैयार किया है ताकि स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदाताओं को महामारी से लड़ने में मदद की जा सके । इन योजनाओं में सभी दस्तावेजों व सूचनाओं के प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर 4.50 फीसदी से 6 फीसदी प्रति वर्ष की आकर्षक ब्याज दर पर एमएसएमई इकाईयों को 2 करोड़ रुपये की राशि तक 100 फीसदी वित्त पोषण की परिकल्पना की गई है। योजनाओं का विवरण सिडबी वेबसाइट पर उपलब्ध है।


इससे पहले बीते साल 25 मार्च को सिडबी ने कोरोना वायरस के खिलाफ आपातकालीन प्रतिक्रिया को सुगम बनाने के लिए सेफ नामक योजना की भी शुरुआत की थी। यह योजना उन सभी एमएसएमई इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए थी जो कोरोना वायरस से लड़ने से संबंधित किसी भी उत्पाद जैसे जैसे हैंड सैनिटाइटर, मास्क), बॉडी सूट, वेंटिलेटर, टेस्टिंग लैब, आदि का निर्माण कर रहे हों। वित्तीय वर्ष 2021 में कोविड19 से लड़ने के लिए उत्पादों का उत्पादन करने वाली 400 से अधिक एमएसएमई इकाइयों को सेफ के तहत कुल 178 करोड़ रुपये की राशि की वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई है।


टीम स्टेट टुडे


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