अमेठी, 31 मई 2022 : केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति ईरानी ने मंगलवार को गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला। कहा कि अमेठी की जनता के आक्रोश के डर से वह 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल भाग गए। उन्हें पता था कि वह चुनाव हार जाएंगे। जनता विकास के लिए संघर्ष करती रही और और वह विश्व व ब्रह्मांड में घूमते रहे। जब वह सांसद यहां से थे तब पत्रकार उनके बारे में अटकले लगाते थे, वह दिल्ली में है या इटली में। खुद तो वह विदेशों का दौरा कर रहे थे, इधर अमेठी की दुर्दशा हो रही थी।
मंत्री स्मृति जिला मुख्यालय गौरीगंज कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित गरीब कल्याण सम्मेलन में बोल रही थीं। आठ साल की विकास यात्रा पर यह सम्मेलन शिमला से पीएम नरेन्द्र मोदी के वर्चुअल संवाद के सजीव प्रसारण व विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए आयोजित किया गया था। सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेठी को वीआइपी कहा जाता था। जब वह 2014 में यहां लोकसभा का चुनाव लड़ने के आयी तो उन्हें वीआइपी जैसा कुछ भी नहीं दिखा। गौरीगंज सीएचसी में एक्सरे मशीन, जिला अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा नहीं थी।
अमेठी व गौरीगंज रेलवे स्टेशन मरम्मत की राह देखते रहे। साठ प्रतिशत घरों में बिजली, तीन लाख से अधिक परिवारों के पास अपना शौचालय नहीं था। केवल अमेठी में राजनीतिक रोटियां सेंककर अपने घर का खजाना भरा जाता रहा। गरीब को गरीब रखा, ताकि वह हमेशा उस गांधी खानदान की ओर हाथ फैलाकर कहे, हमारा उद्धार करो।
नरेन्द्र मोदी ने लिया संकल्प : मंत्री स्मृति ने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी ने जिला मुख्यालय के करीब अंतिम चुनावी रैली की थी। तब उन्होंने भाजपा की सरकार बनने पर अमेठी की जनता का संघर्ष खत्म करने का संकल्प लिया था। इसके बाद आठ साल में वह काम हुए जो कभी नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि अमेठी से एक परिवार ने अपना राजनीतिक मार्ग प्रशस्त किया और यहां के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला।
सदन में मैंने जब अमेठी के बारे में वक्तव्य दिया तो मुझे ढेरों बधाइयां मिली। कहा कि राहुल जब विदेश में टहल रहे थे, तब मैंने पासपोर्ट सेवा केंद्र अमेठी में बनवाया। तीस साल से तिलोई में बस अड्डे की दरकार थी, उसे पूरा किया। हमने उड़ान की यात्रा को अमेठी से जोड़ा।
बना लिया अपना गेस्ट हाउस : उन्होंने कहा कि 40 साल से जनता जिस मेडिकल कालेज के लिए संघर्ष कर रही थी, उसके लिए गांधी खानदान ने जो जमीन ली, उस पर अपना गेस्टहाउस बना लिया। मेडिकल कालेज का सपना भाजपा सरकार ने साकार किया। 200 बेड के अस्पताल व ट्रामा सेंटर का निर्माण हुआ। सीटी स्कैन, डायलिसिस की व्यवस्था हुई।
अखिलेश सरकार में आई अड़चन : पिपरी गांव के लोग गोमती की कटान से परेशान थे। चुनाव के वक्त मैंने उनसे बांध बनवाने का वादा किया था। गांव के लोग उमाभारती के पास बांध बनवाने का पत्र लेकर गए। उस समय लखनऊ में अखिलेश सरकार थी। अड़चन आ गई। योगी सरकार बनी तो यह काम भी शुरू हो गया।
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