क्या आपको पता है चाइना की शाओमी मतलब के mi स्मार्टफोन की हर ऐक्टिविटी को रिकॉर्ड करती है आपके बेड रूम में हो रही हर एक बात भी। ये हम नहीं बल्कि साइबर रिसर्चर बोल रहे हैं।
जी हां, ऐसा ही आँख खोलने वाला खुलासा दुनिया की सबसे मशहूर मैगजीन फोर्ब्स की रिपोर्ट में किया गया था। दिग्गज अनुभवी साइबर रिसर्चर कविप्स गाबि कर्लिग के हवाले से फोर्ब्स को पता चला था कि वो अपने रेडमी नोट 8 स्मार्टफोन फोन पर जो कुछ भी कर रहे थे, उसे मोबाइल खुद रिकॉर्ड कर रहा था और उस पर्सनल डेटा को चीनी टेक दिग्गज कंपनी, अलीबाबा द्वारा होस्ट किए गए रिमोट सर्वर पर भेजा जा रहा था। जो कि शाओमी अर्थात एमआई ने किराए पर लिया था।
जब उन्होंने अपने स्मार्टफोन के डिफॉल्ट mi वेब पेज पर सर्च करना शुरू किया तो उन्होंने पाया कि वहां पर उनकी सभी वेबसाइटों को रिकॉर्ड किया गया है इसमें सभी गूगल सर्च इंजन का भी रिकॉर्ड था इसके अलावा जो भी न्यूज फीड देखे गए उनको भी रिकॉर्ड किया गया था।
शाओमी यानी एमआई का स्मार्टफोन यहाँ तक रिकॉर्ड कर रहा था कि कौन से फोल्डर्स खोले गए और कौन सी स्क्रीन पर स्वाइप किया गया जिनमें स्टेटस बार और सेटिंग्स पेज तक शामिल थे चीनी मोबाइल ने सारे परसनल डेटा को सीधे सिंगापुर और रूस के सर्वरों को भेज दिया। सारे सर्वर जिस वेब डोमेन के लिए काम करते थे वो सभी चीन की राजधानी बीजिंग में ही रजिस्टर्ड थे।
जांच में खुलासा यहाँ तक हो गया की गूगल प्ले , एमआई ब्राउजर और मिंट ब्राउजर भी एक ही डेटा इकट्ठा कर रहे थे एमआई एमए 10, एमआई रेडमी के 20 और एमआई मिक्स 3 स्मार्टफोन का एक ही ब्राउज़र कोड है इसलिए कयास ये भी लगाए जा रहे हैं चाइना की ये कम्पनी इन स्मार्टफोन्स के जरिये भी जासूसी तो नहीं कर रही है।
इण्डिया के कम्युनिकेशन मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स के बनाए गए सेंटर फॉर इक्विपमेंट इंफर्मेशन रजिस्ट्री का शुभारंभ किया था, जो किसी यूजर के ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत करने पर स्मार्टफोन के IMEI नंबर को ब्लॉक कर देगा। सरकार इस IMEI नंबर को सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स के बीच ब्लॉक करना चाहती है ताकि कोई भी सिम कार्ड इस पर काम न करे और चुराया गया समर्टफोन बेकार हो जाए।चोरी या खोए हुए फोन को ब्लॉक या ट्रेस करने के लिए सरकार की ओर से लॉन्च की गई सेंट्रल रजिस्ट्री के भी ज्यादा मददगार साबित होने की उम्मीद कतई न रखियेगा चाइना की कंपनियों के स्मार्टफोन्स के जरिये हो रही हो रही जासूसी कैसे रुकेगी। ये तो न ही भारत सरकार के एक्सपर्ट बताते हैं और न ही यूपी सायबर सेल के पुरोधा। इसलिए जानकारी ही बचाव है चाइनीज कंपनियों के स्मार्टफोन आपके लिए ठीक कोरोना वायरस की तर्ज पर काम कर रहे हैं जो तेजी से फैलने के बाद ही आपको नजर आएगा आपकी प्राइवेट लाइफ पब्लिक हो उससे पहले सावधान हो जाइये।
टीम स्टेट टुडे