लखनऊ, 1 अप्रैल 2022 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोर्ड की परीक्षाओं से पहले छात्र-छात्राओं को उत्साहवर्धन जरुर करते हैं। पीएम मोदी रेडिया तथा टीवी पर मन की बात के साथ ही परीक्षा पे चर्चा को अपना प्रिय कार्यक्रम मानते हैं। पीएम मोदी के परीक्षा पे चर्चा के दौरान लखनऊ में परमवीर चक्र विजेता मनोज पाण्डेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल में छात्र-छात्राओं के साथ स्कूल के स्टाफ तथा उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी भी मौजूद थीं। इस कार्यक्रम में पहले सीएम योगी आदित्यनाथ को मौजूद रहना था, लेकिन अंतिम समय में उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ परीक्षा पे चर्चा 2022 कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा 2022 कार्यक्रम में विद्यार्थियों को तनाव कम करने के मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि मोबाइल के अंदर तो आप रहते ही हैं, कभी अपने अंदर झांककर देखें तो सारी मुश्किलें हल होंगी। इतना ही नहीं उन्होंने अभिभावकों से कहा कि अपने सपनों का बोझ बच्चों पर न लादें। दो वर्ष के बाद आफलाइन परीक्षा देने जा रहे 10वीं और 12वीं के विद्यार्थी काफी तनाव में हैं। पीएम मोदी ने इससे पहले 16 फरवरी, 2018 को परीक्षा पे चर्चा का पहला कार्यक्रम किया था। इस वर्ष इसका पांचवां संस्करण था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा तो मेरा बड़ा प्रिय कार्यक्रम है, लेकिन कोरोना के कारण बीच में मैं आप जैसे साथियों से मिल नहीं पाया। मेरे लिए आज का कार्यक्रम विशेष खुशी का है, क्योंकि एक लंबे अंतराल के बाद आप सबसे मिलने का मौका मिल रहा है। परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी के संबोधन को बच्चों ने बड़े ही ध्यान से सुना। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी परीक्षा से पहले खुद को जानना बहुत जरूरी है। उसमें भी कौन सी बातें हैं जो आपको निराश करती हैं, उन्हें जानकर अलग कर लें। फिर आप ये जाने लें कि कौन सी बातें आपको सहज रूप से प्रेरित करती हैं। आप स्वयं के विषय पर जरूर विश्लेषण कीजिए। उन्होंने कहा कि जब तक हम बच्चे की शक्ति, सीमाएं, रुचि और उसकी अपेक्षा को बारीकी से जानने का प्रयास नहीं करते हैं, तो कहीं न कहीं वो लडख़ड़ा जाता है। इसी कारण मैं तो हर अभिभावक और शिक्षक को कहना चाहूंगा कि आप अपने मन की आशा, अपेक्षा के अनुसार अपने बच्चे पर किसी प्रकार का बोझ बढ़ जाए, इससे बचने का प्रयास करें।
प्रधानमंत्री ने बच्चों से कहा कि मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है। हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं। इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं। पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं। जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाले एक्जाम के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता हैं। खुद को जानना बहुत जरूरी है। उसमें भी कौन सी बातें हैं जो आपको निराश करती हैं, उन्हें जानकर अलग कर लें। फिर आप ये जाने लें कि कौन सी बातें आपको सहज रूप से प्रेरित करती हैं। आप स्वयं के विषय पर जरूर विश्लेषण कीजिए। दिन भर में कुछ पल ऐसे निकालिए, जब आप ऑनलाइन भी नहीं होंगे, आफलाइन भी नहीं होंगे बल्कि इनरलाइन होंगे। जितना अपने अंदर जाएंगे, आप अपनी ऊर्जा को अनुभव करेंगे। अपने इन अनुभवों को, जिस प्रक्रिया से आप गुजरे हैं, उसको आप कतई छोटा मत मानिए। दूसरा आपके मन में जो पैनिक होता है, उसके लिए मेरा आपसे आग्रह है कि आप किसी दबाव में मत रहिए। जितनी सहज दिनचर्या आपकी रहती है, उसी सहज दिनचर्या में आप अपने आने वाले परीक्षा के समय को भी बिताइए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार तो त्योहारों के बीच में परीक्षाएं होती हैं। इस वजह से त्योहारों का मजा नहीं ले पाते, लेकिन अगर परीक्षाओं को को ही त्योहार बना दें, तो उसमें कईं रंग भर जाते हैं। पीएम मोदी ने इस दौरान अभिभावक के साथ शिक्षकों को भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि अब बच्चा दिन भर क्या करता है, उसके लिए मां-बाप के पास समय नहीं है। शिक्षक को केवल सिलेबस से लेना देना है कि मेरा काम हो गया, मैंने बहुत अच्छी तरह पढ़ाया, लेकिन बच्चे का मन तो कुछ और करता है। आप लोग बच्चे को जब बेहतर ढंग से समझेंगे तो फिर उसको कम समय में निखार देंगे। अपने इन अनुभवों को, जिस प्रक्रिया से आप गुजरे हैं, उसको आप कतई छोटा मत मानिए।
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