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ट्विटर की बत्ती गुल! ट्विटर के संदिग्ध अधिकारियों को संसदीय समिति की कड़ी फटकार



भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में अपनी गतिविधियों को लेकर संदिग्ध होती जा रहे ट्विटर को भारत की संसदीय समिति ने जमकर लताड़ लगाई है। नए आईटी नियमों को मानने से हीलाहवाली कर रहा ट्विटर भारत सरकार से अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में देश विरोधी कारनामों में जुटा है।


माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के अधिकारियों ने शुक्रवार को संसदीय समिति के सामने सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने को लेकर उठाए गए कदमों पर अपना पक्ष रखा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने पिछले हफ्ते इस प्‍लेटफॉर्म के दुरुपयोग से संबंधित मसलों पर ट्विटर को तलब किया था।

संसदीय समिति ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों के जवाब से नाराज होकर कड़ी फटकार लगाई है।

जानकार बता रहे हैं कि संसदीय पैनल के सदस्यों ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई कि वे अपनी नीतियों का पालन करते हैं।


संसदीय समिति ने ट्व‍िटर से दो-टूक ने कहा कि कानून का शासन ही सर्वोच्च है।


ट्विटर की ओर से प्राइवेसी पॉलिसी का हवाला दिए जाने पर समिति ने कहा कि देश का कानून बड़ा है, आपकी नीति नहीं।


जानकारी के अनुसार ट्विटर इंडिया की लोक नीति प्रबंधक शगुफ्ता कामरान और विधिक परामर्शदाता आयुषी कपूर ने समिति के सामने अपना पक्ष रखा।


सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय पैनल के सदस्यों ने ट्विटर से यह भी पूछा कि उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए क्योंकि उसे नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है।


संसदीय समिति में शामिल सदस्यों ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों से जो सवाल पूछे तो उनका जवाब अस्पष्ट था। ट्विटर इंडिया के अधिकारी संसदीय समिति के सवालों पर बगलें झांकते नजर आए।


केंद्र सरकार ने आईटी नियमों का पालन नहीं करने को लेकर ट्विटर कंपनी से कानूनी संरक्षण छीन लिया।



ट्विटर पर बढ़ावा मिला भड़काऊ वीडियो को

ट्विटर की भारत विरोधी हरकत का सबसे ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का है। जहां बगैर वीडियो की सत्यता जांचे ट्विटर ने ऐसे वीडियो को वायरल होने दिया जिससे प्रदेश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ते बिगड़ते बचा। इस मामले में भड़काऊ वीडियो ट्रेंड होने को लेकर पुलिस ने ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को नोटिस भेजा है जिसमें कहा गया है कि उन्हें सात दिन के अंदर लोनी बॉर्डर थाने में अपना बयान दर्ज कराना होगा। नोटिस जांच अधिकारी की ओर से जारी किया गया है। यह मुंबई स्थित कार्यालय के पते पर भेजा गया है।


भड़काऊ वीडियो ट्रेंड होने को लेकर पुलिस ने ट्विटर के मुख्यालय को भी एक नोटिस भेजा है। पुलिस ने धार्मिक उन्माद फैलाने के केस में नामजद किए गए आरोपियों की जानकारी मांगी है। साथ ही आपत्तिजनक ट्वीट को री-ट्वीट करने वाले लोगों की सूची उपलब्ध कराने भी कहा है।


इससे पहले ट्विटर की भूमिका गणतंत्र दिवस के दिन किसान आंदोलन की आड़ में हुए उपद्रव को भी हवा देने में संदिग्ध रही है।


हालही में भारत के उपराष्ट्रपति समेत देश की प्रमुख हस्तियों के अकाउंट से वैरीफाई टिक हटाकर भी ट्विटर ने अपने दुस्साहस का परिचय दिया था।



संदिग्ध हैं ट्विटर के अधिकारी


भारत में ट्विटर के जो अधिकारी संसदीय समिति के सामने अपना पक्ष रखने पहुंचे थे वो भी कुछ संदिग्ध ही नजर आ रहे हैं। शगुफ्ता कामरान नाम की जो अधिकारी संसदीय समिति के सामने पेश हुईं उनके निजी ट्विटर हैंडल पर जो ट्वीट सबसे ऊपर दिखा वो किसी गॉड नाम का एकाउंट है जिस पर लिखा है आई डिसलाइक यू। इसे शगुफ्ता ने रीट्वीट किया है। इसी अकांउट को वैरीफाई करने का आदेश भी शगुफ्ता ने रीट्वीट किया है।



ये अकाउंट आस्तिक या नास्तिक को स्पष्ट रुप से प्रकट तो नहीं करता साथ ही इसके ट्वीट भी अजीबो गरीब हैं। भारत जैसे आस्थावान देश में ट्विटर के एक अधिकारी के ये रीट्वीट धार्मिक भावनाओं और विचारों को किसी ना किसी रुप में चोट पहुंचाने वाले ही हैं। क्योंकि अगर ये नास्तिक का अकाउंट है तो सीधे सीधे आस्था पर चोट की जा रही है और अगर ये नास्तिक का अकाउंट है तो वामपंथी विचारों को बढ़ावा दिया जा रहा है।


दोनों ही सूरतों में ये एक किस्म का आंदोलनजीवी अकाउंट है जो ट्विटर और उसके अधिकारियों के जरिए भारतीय जनभावनाओं को उकसा रहा है। क्योंकि जिस अकाउंट को ट्विटर ने वैरीफाई करने से इंकार किया और जिसकी गतिविधियां ट्विटर की पालिसी से मेल नहीं खाती उसे सिर्फ वैराफाई करने से इंकार कर ट्विटर इंडिया के अधिकारी इस अकाउंट की पोस्ट रीट्वीट कर इसे बढ़ावा भी दे रहे हैं।


बहुत संदिग्ध और शातिर है ट्विटर। साल 2019 में अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने ट्विटर के सीईओ और प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को तलब किया था तब ट्विटर का जवाब था - टाइम नहीं है नहीं आ पाएंगे और वो नहीं हाजिर हुए।

इस बार ट्विटर इंडिया के अधिकारी जिस संसदीय समिति के सामने पेश हुए हैं उसकी अध्यक्षता कांग्रेस सांसद शशि थरुर कर रहे थे।


टीम स्टेट टुडे











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