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यूएन के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की तर्ज पर यूपी में होगा 'काप यूपी 2022'


लखनऊ, 2 जून 2022 : संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन 'कांफ्रेंस आफ पार्टीज' (काप) की तर्ज पर अब योगी आदित्यनाथ सरकार कांफ्रेंस आफ पंचायत (काप) यूपी 2022 का आयोजन करने जा रही है। यह कार्यक्रम विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून को होगा। इस सम्मेलन में ग्राम पंचायतों को जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही गांव में ऐसे उपाय अपनाए जाएंगे जिससे जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से बचा जा सके। सरकार ग्राम पंचायतों को 'क्लाइमेट स्मार्ट' बनाने जा रही है।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग जर्मन डेवलपमेंट कोआपरेशन (जीआइजेड) भारत एवं स्विस एजेंसी फार डेवलपमेंट एंड कोआपरेशन (एसडीसी) के सहयोग से पांच जून को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में काप यूपी 2022 का आयोजन करने जा रही है। इस कांफ्रेंस का उद्देश्य प्रदेश की 58 हजार ग्राम पंचायतों को जलवायु परिवर्तन प्रभावों से बचने के लिए विभिन्न उपायों के बारे में जागरूक करना है। इसका उद्घाटन केंद्रीय पंचायत राज मंत्री गिरिराज सिंह करेंगे।

विभाग के सचिव आशीष तिवारी ने बताया कि इस कांफ्रेंस में जलवायु परिवर्तन पर उत्तर प्रदेश की कार्य योजना भी जारी की जाएगी। जल संरक्षण एवं नदियों के पुनर्जीवन पर राजस्थान के ग्राम पिपलांतरी के पद्म श्री श्याम सुंदर पालीवाल अपने अनुभव साझा करेंगे। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जम्मू के पल्लीग्राम के प्रधान ब्रिजेन्द्र पाल सिंह सफलता की कहानी बताएंगे। यह पहला ऐसा गांव है जिसमें 500 किलोवाट का सोलर पावर सिस्टम लगा हुआ है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सहारनपुर के किसान पद्म श्री सेतपाल सिंह अपने अनुभव बताएंगे।

कांफ्रेंस को चार तकनीकी सत्रों में बांटा गया गया है। पहला सत्र 'ग्राम पंचायत स्तर पर जलवायु परिवर्तन अनुकूलन एवं आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यों के लिए वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था : चुनौतियां एवं अवसर' विषय पर होगा। दूसरा सत्र 'उत्तर प्रदेश में जलवायु परिवर्तन कार्रवाई: पंचायत-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) की संभावनाएं एवं अवसर' विषय पर होगा। इसमें पंचायतों में कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत किस तरह से वित्तीय मदद मिल सकती है इस पर चर्चा होगी। तीसरा सत्र 'केवल एक पृथ्वी : प्राकृतिक संपदा का पर्यावरणीय अनुकूल उपभोग एवं पुनर्चक्रण' होगा। इसी प्रकार चौथा सत्र 'स्थानीय कार्रवाई के लिए वैश्विक भागीदारी' विषय पर होगा।

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