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AI (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) में आगे बढ़ता उत्तर प्रदेश, शिक्षा, सुरक्षा और कृषि में बन रहा तकनीकी मॉडल

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में आगे बढ़ता उत्तर प्रदेश, शिक्षा, सुरक्षा और कृषि में बन रहा तकनीकी मॉडल


महिला सुरक्षा से लेकर स्मार्ट खेती और न्याय प्रणाली तक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का किया जा रहा उपयोग


लखनऊ बनेगा देश का पहला आर्टिफिशियल सिटी, ₹10,732 करोड़ के निवेश से विकसित हो रहा इकोसिस्टम


एआई प्रज्ञा योजना से युवाओं, किसानों, शिक्षकों और सरकारी कर्मियों को मिल रही नई तकनीकी दिशा


माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, इंटेल जैसे टेक दिग्गजों के सहयोग से 10 लाख से अधिक लोग हो रहे प्रशिक्षित


इंडिया एआई मिशन के तहत ₹10,732 करोड़ से लखनऊ में तैयार हो रहा नेशनल एआई इंफ्रास्ट्रक्चर


UP advances in AI, emerging as a tech model in education, security, and agriculture

लखनऊ, 26 जुलाई। उत्तर प्रदेश अब केवल देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में देश का भविष्य गढ़ने वाला अग्रणी प्रदेश बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने तकनीक को शासन, शिक्षा, कृषि, सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में समावेशित कर जनकल्याण के नए आयाम गढ़े हैं। 'एआई प्रज्ञा' से लेकर 'यूपी एग्रीज', आईबीएम और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के सहयोग से शुरू हुई पहल से लेकर लखनऊ को एआई सिटी बनाने की तैयारी तक उत्तर प्रदेश एक ऐसी डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, जहां नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता, उत्पादकता और दक्षता को नया आयाम मिल रहा है। भारत सरकार विजन के विजन 2047 के साथ समन्वित राज्य की एआई नीति और कौशल विकास जैसे प्रयास यह दर्शाते हैं कि यूपी केवल तकनीकी उपभोक्ता नहीं, बल्कि नवाचार का केंद्र बन रहा है।


नीति स्तर पर तैयार हो रही है एआई की स्थायी रूपरेखा

उत्तर प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि शासन और विकास की रीढ़ बनती जा रही है। युवाओं से लेकर किसानों और सरकारी तंत्र से लेकर शिक्षा तक, एआई के विविध आयामों को नीति और योजना से जोड़ा जा रहा है। अगले कुछ वर्षों में यूपी न केवल एआई स्किल्ड पॉपुलेशन का निर्माण करेगा, बल्कि राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर तकनीकी नेतृत्व की भूमिका में भी दिखाई देगा। प्रदेश सरकार विजन 2047 के अनुरूप एआई नीति के ड्राफ्ट पर काम कर रही है। साथ ही एआई बूटकैम्प के जरिए 30 विभागों के सरकारी अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे सरकारी प्रक्रियाओं में एआई का प्रभावी उपयोग कर सकें। इसके अतिरिक्त डीबीटी प्रणाली को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाने के लिए कुछ मामलों में एआई आधारित फ्रॉड डिटेक्शन और डेटा एनालिटिक्स को शामिल किया गया है।


देश का पहला एआई सिटी बनने की ओर अग्रसर लखनऊ

मार्च 2024 में स्वीकृत IndiaAI मिशन के अंतर्गत लखनऊ में ₹10,732 करोड़ के निवेश से एक विशाल एआई इकोसिस्टम विकसित किया जा रहा है। इसमें 10,000 जीपीयू, मल्टी-मॉडल लैंग्वेज मॉडल्स और एआई इनोवेशन सेंटर शामिल हैं। यह निवेश देश के किसी भी अन्य तकनीकी ढांचे की तुलना में 67% अधिक है। इसके अतिरिक्त लखनऊ में एआई ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के प्रस्ताव अनुमोदन प्रक्रिया में हैं, जबकि वाराणसी में एआई-सक्षम स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम कार्यान्वयन के चरण में है।


एआई प्रज्ञाः डिजिटल दक्षता की आधारशिला

उत्तर प्रदेश सरकार की प्रमुख योजना एआई प्रज्ञा के अंतर्गत माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, गूगल और गुवी जैसे टेक दिग्गजों के साथ साझेदारी में 10 लाख से अधिक युवाओं, शिक्षकों, ग्राम प्रधानों, सरकारी कर्मियों और किसानों को AI, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षित किया जा रहा है। हर माह 1.5 लाख लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है और प्रशिक्षण में इंडस्ट्री-रेडी सर्टिफिकेशन भी शामिल हैं।


महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था में एआई की नई भूमिका

प्रदेश के 17 नगर निगमों और गौतमबुद्धनगर में एआई-सक्षम सीसीटीवी, फेशियल रिकग्निशन, नंबर प्लेट ट्रैकिंग, और SOS अलर्ट सिस्टम जैसी सुविधाएं लागू की गई हैं। इनका 112 हेल्पलाइन और पुलिस कंट्रोल रूम से सीधा एकीकरण है। 70 जेलों में ‘जार्विस’ एआई निगरानी प्रणाली सक्रिय है, जिससे कैदियों की गतिविधियों पर 24x7 नजर रखी जा रही है।


एआई से सशक्त हो रहा कृषि तंत्र

यूपी एग्रीज प्रोजेक्ट के तहत विश्व बैंक के सहयोग से ₹4,000 करोड़ के निवेश से 10 लाख किसानों को एआई आधारित स्मार्ट सिंचाई, ड्रोन मैपिंग, कीट पहचान और डिजिटल मार्केट एक्सेस जैसी तकनीकों से जोड़ा गया है। इस पहल में 10,000 महिला समूहों को भी भागीदार बनाया गया है।


प्रशासनिक सुधार में एआई और सैटेलाइट इमेजिंग का इस्तेमाल

राजस्व विभाग में चकबंदी और भूमि अभिलेखों के लिए सैटेलाइट इमेजिंग और एआई एल्गोरिद्म का उपयोग किया जा रहा है। इससे डिजिटल मैपिंग, विवाद रहित भूमि वितरण और पारदर्शिता को बढ़ावा मिल रहा है। खनिज संपदा की रक्षा के लिए 25 जिलों में 57 मानव रहित एआई/आईओटी चेकगेट्स स्थापित किए गए हैं। इसके साथ आरएफआईडी टैग, जियोफेंसिंग, और एआई कैमरे युक्त वेटब्रिज के माध्यम से अवैध खनन पर नजर रखी जा रही है।


स्वास्थ्य, शोध और शिक्षा में एआई की व्यापक भागीदारी

फतेहपुर में देश का पहला AI आधारित ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर स्थापित किया गया है। यही नहीं, एकेटीयू और आईबीएम के एमओयू के तहत 500 कॉलेजों में मुफ्त एआई व क्लाउड कंप्यूटिंग कोर्सेस शुरू किए गए हैं। फार्मा रिसर्च और हेल्थ डेटा एनालिटिक्स में एआई और मशीन लर्निंग का प्रयोग बढ़ रहा है। एआई आधारित प्रश्न बैंक के जरिए पुलिस भर्ती परीक्षा को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है।



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