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उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल ने BJP घोषणापत्र समिति की सदस्य रीता बहुगुणा जोशी को सौंपा मांग पत्र



चुनाव नजदीक आते ही हर दल अपना घोषणा पत्र तैयार करने में जुटा है। दूसरी तरफ अलग अलग वर्गों से राजनीतिक दलों के पास अपनी अपनी मांगों को घोषणा पत्र में शामिल कराने का क्रम भी जारी है। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल प्रांतीय अधअयक्ष संजय गुप्ता के नेतृत्व में बीजेपी घोषणा पत्र समिति की सदस्य रीता बहुगुणा जोशी से मिला और अपना मांग पत्र सौंपा। व्यापारियों की ओर से 14 मांगे बीजेपी के सामने रखी गई हैं। रीता बहुगुणा जोशी ने व्यापारियों को आश्वासन दिया है कि उन्हें निराश नहीं किया जाएगा।



उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने घोषणापत्र समिति की सदस्य रीता बहुगुणा जोशी को जो मांग पत्र सौंपा है वो इस प्रकार है -


ई-कॉमर्स :-

1.

प्रदेश में ई "कॉमर्स नीति" बनाई जाए


विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा देश के नियम कानूनों का उल्लंघन करते हुए विभिन्न प्रकार के छदम तरीके अपनाते हुए किए जा रहे व्यापार पर अंकुश लगाने हेतु तथा उन्हें नियम कानूनों का अनिवार्य रूप से पालन कराने हेतु प्रदेश में "ई कॉमर्स नीति" बनाई जाए( ई-कॉमर्स नीति निर्मात्री समिति में प्रमुख व्यापारी संगठनों के व्यापारी प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से शामिल किए जाएं)


2. प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के व्यापारियों के व्यापार को ई-कॉमर्स के माध्यम से बढ़ाने हेतु राज्य स्तर पर सरकार द्वारा स्वयं अथवा पीपीपी मॉडल पर व्यापारियों के सहयोग से पूर्ण रूप से स्वदेशी "ई-कॉमर्स पोर्टल" तैयार किया जाए जिसमें प्रदेश के व्यापारियों को निशुल्क व्यापार करने की सुविधा हो ( यह पोर्टल व्यापारियों को केवल मार्केटप्लेस उपलब्ध कराने के मॉडल पर आधारित हो, पोर्टल द्वारा स्वयं बिक्री न की जाए) पोर्टल के प्रचार प्रसार के लिए सरकार अपने बजट में प्रावधान करें


व्यापारी नीति आयोग:-


3.प्रदेश में व्यापारियों के व्यापार को बढ़ाने हेतु "व्यापारी नीति आयोग" का गठन किया जाए तथा इसमें प्रदेश के प्रमुख अनुभवी व्यापारियों को मुख्य भूमिका में रखा जाए तथा अधिकारियों को सदस्य के रूप में ही रखा जाए एवं "व्यापारी नीति आयोग" को सशक्त करते हुए प्रभावी अधिकार दिये जाए ,जिससे प्रदेश के व्यापार को बढ़ावा देने वाली नीतियां बन सके



गुड्स एंड सर्विस टैक्स :-


4.प्रदेश स्तरीय "जी एस टी सुझाव समिति "का गठन हो जिसमें प्रदेश के प्रमुख व्यापारिक संगठनों के अनुभवी विशेषज्ञ व्यापारी प्रतिनिधियों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाए जिन के सुझावों को जी एस टी परिषद में राज्य सरकार की ओर से भेजा जाए तथा भेजें गए सुझावों के क्रियान्वयन की जी एस टी परिषद में राज्य सरकार की तरफ से मजबूत पैरवी की जाए


बीमा :-


5.जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों के लिए 10 लाख रुपए का "व्यापारी स्वास्थ्य बीमा" सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से दिया जाए 6.जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों के लिए दुर्घटना बीमा योजना की परिभाषा में बदलाव करते हुए दुर्घटना बीमा योजना का दायरा बढ़ाते हुए 15 लाख रुपए करते हुए उसके दायरे में कोविड- 19 व अन्य महामारी एवं प्राकृतिक आपदा से होने वाली मृत्यु को भी जोड़ा जाए


कॉमर्शियल विद्युत:-


7.कॉमर्शियल विद्युत कनेक्शन की दरें कम हो तथा कॉमर्शियल उपभोक्ता द्वारा जितनी विद्युत का उपयोग किया गया हो, सिर्फ उतनी विद्युत के मूल्य ही लिए जाएं डिमांड चार्ज, फिक्स चार्ज ,मिनिमम चार्ज आदि समाप्त हो, अर्थात जितनी बिजली उतने दाम


कामर्शियल हाउस टैक्स:-


8.कामर्शियल हाउस टैक्स की दरें आवासीय हाउस टैक्स की दर से मात्र दुगनी निर्धारित की जाए वर्तमान में आवासीय दर से 5 गुना तक यह दरे प्रभावी हैं)


जलकर:-


9.जिन व्यापारियों द्वारा अपने प्रतिष्ठानों पर वाटर कनेक्शन नहीं लिया गया हो तथा उनके प्रतिष्ठान में शौचालय मूत्रालय का प्रयोग ना हो रहा हो उन वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को जल कर के भुगतान से मुक्त रखा जाए केवल उन्हीं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से जलकर वसूला जाए जो जल का कनेक्शन अथवा शौचालय मूत्रालय का प्रयोग करते हो


नगर विकास:-

10.जनता की आवश्यकता के अनुसार स्वाभाविक रूप से प्रदेश के महानगरों में 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर जिन आवासीय क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में 80% से अधिक व्यवसायिक गतिविधियां हो रही हो उन बाजारों को बाजार मार्ग/ मार्केट स्ट्रीट घोषित किया जाए


11.प्रदेश के महानगरों में मिक्स लैंड यूज की व्यवस्था लागू की जाए


12. व्यापारी सुरक्षा:-


प्रदेश के व्यापारियों की सुरक्षा के लिए "व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ" को वास्तविक रूप से प्रभावी बनाया जाए तथा प्रदेश के हर थाने पर व्यापारी हेल्पडेस्क बने


इंस्पेक्टर राज:-


13.व्यापारियों के वहां किसी भी तरह के सर्वे छापे की कार्यवाही पर पूर्णतया प्रतिबंध हो,विशेष परिस्थितियों में केवल मुख्यमंत्री की अनुमति से ही छापे पड़े (कुछ प्रदेशों में यह व्यवस्था लागू है)


14.-पैकेट बंद खाद्य पदार्थों के सैंपल उत्पादन इकाई से ही लिए जाए व्यापारिक प्रतिष्ठानों से नहीं लिया जाए नाही उन्हें मुकदमे में पार्टी बनाया जाए एवं खाद्य पदार्थ विक्रेताओं के सैंपल की हुई द्विस्तरीय जांच की व्यवस्था हो तथा प्रदेश के सभी जिलों में टेस्ट लैब की स्थापना की जाए।


टीम स्टेट टुडे

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