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chandrapratapsingh

क्या स्मृति दिल्ली में होंगी BJP का चेहरा? क्या देंगी केजरीवाल को चुनौती?


नई दिल्ली, 3 जून 2022 : दिल्ली के स्वास्थ्यमंत्री सत्येंद्र जैन कीप्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारीके बाद सेकेंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानीकी सक्रियता देखकरयह अंदाजा लगायाजा रहा हैकि वे दिल्लीमें भाजपा काचेहरा हो सकतीहैं। पिछले दोदिनों के दौरानजिस तरह सेस्मृति ईरानी दिल्ली केमुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल परसत्येंद्र जैन केबहाने हमला बोलरही हैं उससेकयास लगाए जानेलगे हैं किवह आगामी चुनावोंको भाजपा काचेहरा भी बनसकती हैं।

दिल्ली की राजनीतिकमें गहरी समझरखने वाले भीइस बात सेइत्तेफाक रखते हैंकि अगर स्मृतिईरानी दिल्ली मेंभारतीय जनता पार्टीकी कमान संभालतीहैं तो लगातारतीन बार सेऐतिहासिक जीत केसाथ सत्तासीन आमआदमी पार्टी कोकड़ी चुनौती दीजा सकती है। इसकेसाथ दिल्ली नगरनिगम चुनाव औरआगामी ढाई सालके दौरान होनेवाले लोकसभा चुनाव 2024 और दिल्ली विधानसभा चनाव 2025 में भी भाजपाको बड़ा राजनीतिकलाभ मिलना तयहै।

आम जनतातक आसानी सेपहुंचाती हैं अपनीबात

स्मृति ईरानी कीदिल्ली में बढ़रही सक्रियता कोलेकर डा. राजीवरंजन सिन्हा (विजिटिंगफैकेल्टी, दिल्ली विश्वविद्यालय) काकहना है किस्मृति ईरानी में राजनीतिकके वह सभीगुण हैं, जोएक दक्ष राजनेतामें होने चाहिए।वह प्रखर वक्ताहोने के साथअपनी बातों कोजनता तक पहुंचानेमें कामयाब होतीहैं। इसी कानतीजा है किलोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंनेकांग्रेस की परंपरागतसीट अमेठी सेराहुल गांधी काबड़े अंतर सेधूल चटाई। राहुलगांधी की यहहार और स्मृतिईरानी की जीतइतिहास में दर्जहो गई है।

महिलाओं में औरबढ़ेगी भाजपा की स्वीकार्यता

डा. राजीवरंजन सिन्हा कायह भी कहनाहै कि दिल्लीजैसे शहर मेंबड़ी संख्या मेंमहिलाएं हैं, जोस्मृति ईरानी को बतौरराजनेता पसंद करतीहैं। अगर भाजपादिल्ली में स्मृतिईरानी को अरविंदकेजरीवाल के खिलाफचेहरा बनाती हैतो इसका लाभपार्टी को निश्चितरूप से मिलेगा।दिल्ली में महिलाएंपरिवार की पसंदनहीं, बल्कि खुदअपने स्तर परमतदाताओं को वोटकरती हैं-चुनतीहैं।

वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालयके अंतर्गत आनेवाले श्याम लालकालेज में बतौरसहायक प्रोफेसर अपनीसेवाएं दे रहेलक्ष्मण यादव भीइस बात सेसहमत हैं किस्मृति ईरानी अगर दिल्लीमें भारतीय जनतापार्टी का चेहराबनती हैं तोइसका लाभ पार्टीको मिलेगा। स्मृतिईरानी को लोगजानते हैं औरसमझते हैं, यहीवजह है किउनकी पूरे भारतमें मान्यता औरलोकप्रियता है।

भाजपा की स्टारप्रचारक बन चुकीहैं स्मृति ईरानी

पहले स्मृतिईरानी को जननेता नहीं मानाजाता था, लेकिनपिछले लोकसभा चुनावमें राहुल गांधीको हराकर उन्होंने इसकमी को भीदूर कर दिया।वह अब आमजन की नेताबन गई हैं।यही वजह हैकि भारतीय जनतापार्टी राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनावोंमें प्रचार केलिए स्टार कैंपेनरमें शामिल करतीरही है।

अरविंद केजरीवाल कोचुनौती देने मेंसक्षम हैं स्मृतिइरानी

भाजपा या फिरकांग्रेस, दोनों ही राजनीतिकदलों में स्थानीयनेताओं में आपसीमतभेद होते हैं।यह अलग बातहै कि किसीपार्टी में यहअंदरूनी होता हैतो कुछ पार्टियोंमें नेता मुखरहो जाते हैं।ऐसे में दिल्लीकी राजनीति कोबेहद करीब सेजानने-समझने वालेयह बात जानतेहैं कि अगरस्मृति इरानी दिल्ली मेंभाजपा का चेहराबनती हैं तोनेताओं में आपसीमतभेद बेमानी होजाते हैं। तुलनात्मकरूप से स्मृतिइरानी आम आदमीपार्टी के नेताऔर मुख्यमंत्री अरविंदकेजरीवाल के समक्षबेहतर नेता औरप्रतिद्वंद्वी साबित होंगी।

दिल्ली की रहनेवाली हैं स्मृति, इसका भी मिलेगालाभ

23 मार्च, 1976 को दिल्लीमें जन्मी स्मृतिईरानी को स्थानीयहोने का लाभभी मिलेगा। इस लिहाजसे अरविंद केजरीवालखुद बाहरी होजाएंगे, क्योंकि वह मूलरूपसे हिसार (हरियाणा) के रहने वालेहैं। वैसे दिल्लीमें बाहरी अथवास्थानीय मुद्दा नहीं रहताहै, लेकिन वहस्मृति ईरानी को दिल्लीनिवासी होने कालाभ मिलना तयहै। यह बातदिल्ली की राजनीतिको समझने वालेभी जानते हैं।दरअसल, उन्होंने शिक्षाग्रहण की।

जुझारू छवि काभी मिलेगा लाभ

स्मृति ईरानी कोजुझारु छवि कानेता माना जाताहै। इसका नमूनाअमेठी लोकसभा चुनावहै। कांग्रेस कीपरंपरागत सीट परभाजपा को जितानेवाली स्मृति कोबतौर जुझारू नेताअमेठी की जनताने देखा औरशायद इसी वजहसे उन्हें चुनाभी। एक बातऔर बेहद रुढ़िवादीपंजाबी-बंगाली परिवार कीतीन बेटियों मेंसे एक स्मृतिने सारी बंदिशेंतोड़कर ग्लैमर जगत मेंकदम रखा। स्मृतिईरानी ने 1998 मेंमिस इंडिया प्रतियोगितामें हिस्सा लिया।इसके बाद टेलीवजनपर उनके अभिनयको देश-दुनियाने देखा औरसराहा।

मनोज तिवारीभी नहीं दिलासके 2015 दिल्ली विधानसभा चुनावमें कामयाबी

राजनीति के जानकारभी मानते हैंकि जिस तरहसे सोनिया गांधीऔर राहुल गांधीको उनके घरमें घेरा औरराहुल को हरानेमें भी सफलरहीं, इससे पार्टीमें उनका कदपहले से हीबढ़ा हुआ है।वे दिल्ली कीरहने वाली हैं।यही पली बढ़ी औरशिक्षा ग्रहण की। इसकेसाथ ही वहखत्री पंजाबी हैंऔर सेलिब्रिटी भीहैं। दूसरी तरफ, भाजपा को दिल्लीमें एक चेहरेकी भी जरूरतहै क्योंकि मनोजतिवारी का प्रयोगसफल नहीं रहाऔर आदेश गुप्ताभी चेहरा बननेकी स्थिति मेंनहीं हैं।


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