लखनऊ, 13 अप्रैल 2022 : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का रिकार्ड बनाया तो विधान परिषद स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र के चुनाव (एमएलसी चुनाव) में भी 40 वर्ष बाद उच्च सदन में पूर्ण बहुमत का इतिहास रच दिया। नेतृत्व, रणनीति और संगठन के परिश्रम का परिणाम है कि पांच वर्ष पहले विधान परिषद में भाजपा के सदस्यों की संख्या मात्र सात थी, जो कि अब 66 पर पहुंच गई है।
ऐसा 40 साल में पहली बार हुआ है जब यूपी विधान परिषद में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है। ये रिकॉर्ड भाजपा के नाम दर्ज हो गया है। इसके पहले 1982 में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत था। यूपी विधान परिषद में 100 सीटें हैं। इनमें से 36 सीटों के लिए चुनाव हुए।
नौ सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत हासिल की। जिन 27 सीटों पर मतदान हुआ, उनमें से 24 पर भाजपा को जीत मिली। दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते और एक सीट पर पूर्व मंत्री और विधायक रघुराज प्रताप सिंह की नवगठित पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को जीत मिली है। विधान परिषद में बहुमत का आंकड़ा 51 का है। अब भाजपा के 67 एमएलसी हो चुके हैं। यानी बहुमत के आंकड़े से भी 16 ज्यादा।
भाजपा को 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिला। योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री, जबकि केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। तब यह तीनों ही किसी प्रदेश में किसी सदन के सदस्य नहीं थे। छह महीने के अंदर उन्हें विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनाने की अनिवार्यता थी।
वहां से भाजपा ने अपनी रणनीति पर काम शुरू किया। सपा और बसपा के छह सदस्यों का परिषद से इस्तीफा कराकर उन्हें भाजपा में शामिल किया गया। इसके बावजूद पहले कार्यकाल में योगी सरकार पांच वर्ष तक उच्च सदन में अल्पमत में ही रही।
यह दीगर बात है कि कोई प्रस्ताव या विधेयक इस कारण से लटका नहीं। खैर, इसके बावजूद भाजपा के रणनीतिकारों की नजर विधान परिषद में भी बहुमत प्राप्त करने पर थी। इसके लिए लगभग एक वर्ष पहले ही मेहनत शुरू कर दी गई। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा के सात एमएलसी भाजपा ने तोड़ लिए। प्रत्याशी तय करने में भी तमाम समीकरण देखे गए। इस तरह विधान परिषद स्थानीय प्राधिकरण क्षेत्र की 36 में से 33 सीटें भाजपा ने जीत ली हैं। इसके साथ ही परिषद में भाजपा के सदस्यों की संख्या 33 से बढ़कर 66 हो गई है। यह उपलब्धि भी पार्टी ने सीएम योगी के नेतृत्व में चालीस वर्ष बाद दर्ज की है।
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