chandrapratapsingh
Sep 11, 20222 min
मेरठ, 11 सितंबर 2022 : पश्चिमी उप्र के तेजतर्रार भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वह स्कूटी पर सवार हैं। वह काफी गुस्से में नजर आ रहे हैं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
सादगी से जीवन जीते हुए राज्यसभा में मुख्य सचेतक व पार्टी के झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात करने सर्किट हाउस पहुंचे थे, मुख्य गेट पर तैनात सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया ने उन्हें रोक लिया तो वह भड़क गए। उन्होंने कहा कि, 'फकीरी छोड़ दी तो जान बचाना भारी पड़ जाएगा।'
अपनी ही सरकार की पुलिस के रोकने पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि 'इनको गाड़ी वाले सांसद पसंद हैं क्योंकि वह माल खाते हैं और खिलाते हैं। हम न तो माल खिलाते हैं। हम न ही पैसे लेते हैं और न ही देते हैं।' नाराज बाजपेयी आगे कहते हैं, 'जिस दिन मैंने अपनी फकीरी छोड़ दी तो जान बचानी मुश्किल हो जाएगी। मैंने कई बड़े-बड़े तीस मार खां देखे हैं, ये मेरठ है, रावण का ससुराल, अच्छे-अच्छे उलट कर चले गए यहां से। इतना कुछ कहने के बाद पुलिस अधिकारी ने खेद जताते हुए उन्हें अंदर जाने दिया।
कई पुलिस अधिकारी ठीक नहीं
बाजपेयी ने पुष्टि करते हुए कहा कि यह वीडियो उनकी है। वह जब अपने मेरठ में होते हैं तो पहले स्कूटर पर चलते थे। कुछ दिन साइकिल पर भी चले। बाद में मोटर साइकिल पर भी चले। अब वह स्कूटी से चलते हैं। उपराज्यपाल से मिलने का उनके पास न्योता था, इसके बाद भी पुलिस अधिकारी ने उन्हें रोक दिया। सवाल उठता है कि क्या गाड़ी में चलने वाला जनप्रतिनिधि या नेता ही वीआइपी से मिल सकता है। कम से कम पुलिस अधिकारी को तो उन्हें पहचाना चाहिए था। वैसे भी उन्हें जिस अधिकारी ने रोका, वह एक मामले की जांच कर रहे हैं। पीड़ित की ओर से उनके द्वारा उस अधिकारी से बातचीत भी हुई है, इसके बाद भी इस अधिकारी ने रोका, तो स्पष्ट है कि यहां कई पुलिस अधिकारी अच्छे नहीं है। यह अधिकारी भी जानबूझकर जांच लटकाये हुए हैं।