लखनऊ, 29 नवंबर 2022 : उत्तर प्रदेश की आबोहवा अब निवेशकों के मनमाफिक बह रही है। यही वजह है कि फरवरी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 से पूर्व ही निवेशकों लंबी कतार प्रदेश में पूंजी निवेश को इच्छुक नजर आ रही है। इसकी बानगी एसोसिएटेड चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज आफ यूपी द्वारा मंगलवार को होटल ताज में आयोजित उत्तर प्रदेश लीडरशिप समिट में देखने को मिली।
उत्तर प्रदेश लीडरशिप समिट में पंजाब, हरियाणा व अन्य प्रांतों से आए उद्यमियों ने प्रदेश में 1.25 लाख करोड़ रुपये के निवेश का न सिर्फ भरोसा दिलाया, बल्कि इससे संबंधित विस्तृत ब्योरा भी सरकार को सौंपा। इन निवेशकों के साथ जल्द ही सरकार के स्तर पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी भी उपस्थित थे।
लीडरशिप समिट में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निवेशकों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। कानून-व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। सरकार ने निवेशकों के समाधान के लिए अलग सेल बनाया है।
उद्योग मंत्री नंद गोपाल नंदी ने निवेशकों के बढ़ते भरोसे को प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया। कहा, 2017 से 2022 तक उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश बना और अब यह सर्वोत्तम प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हम सबसे अच्छी औद्योगिक नीति लेकर आएं हैं। उद्योग लगाने की प्रक्रिया सरल हो, यह हमारी नीति के केंद्र में है। हमारी उपलब्धि एमओयू करने तक सीमित नहीं है, नए रोजगार का सृजन हमारा एजेंडा है।
इस मौके पर उन्होंने प्रदेश की आधारभूत संरचना का विशेष तौर पर उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 1.66 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर सहमति बन चुकी है। विश्वास जताया कि वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 मील का पत्थर साबित होगी।
मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि हमारी टेक्सटाइल और एमएसएमई पालिसी देश में सबसे बेहतर है। उन्होंने उद्यमियों से निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से प्रस्ताव देने को कहा। समिट में एसोसिएटेड चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष एलके झुनझुनवाला, स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक अजय खन्ना ने भी अपने विचार रखे।
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