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14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया निधि का हत्यारा सूफियान


लखनऊ, 19 नवम्बर 2022 : मतांतरण कर विवाह करने का दबाव बनाने फिर चौथी मंजिल से धक्का देकर निधि की हत्या करने के आरोपित सूफियान को अदालत ने तीन दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दुबग्गा पुलिस ने शनिवार को आरोपित को ट्रामा सेंटर से लेकर सीजेएम की अदालत के समक्ष पेश किया।

इस मामले की एफआइआर निधि गुप्ता की मां ने 16 नवंबर को दुबग्गा थाने में दर्ज कराई थी। आरोपित को एंबुलेंस से पुलिस कड़ी सुरक्षा में कोर्ट परिसर लेकर पहुंची थी। इस दौरान अधिवक्ताओं को सूफियान के कोर्ट परिसर में आने की भनक लग गई। थोड़ी ही देर में अधिवक्ताओं की भीड़ जमा हो गई।

वकीलों ने एंबुलेंस को घेर लिया और हंगामा करने लगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल बुलानी पड़ी। पुलिस ने किसी तरह अधिवक्ताओं को शांत कराया। सीजेएम रवि कुमार गुप्ता ने एंबुलेंस के पास जाकर रिमांड मंजूर की। आरोपित ने 15 नवंबर की रात में निधि गुप्ता की हत्या कर दी थी।

आरोपित निधि पर मतांतरण का दबाव बनाता था। निधि के घरवालों ने मामले की जानकारी होने पर उसे साथ लेकर सूफियान के घर गए थे। इस दौरान विवाद हो गया था और आरोपित ने चौथे तल से निधि को धक्का दे दिया था। निधि की ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

प्रभारी निरीक्षक दुबग्गा सुखवीर सिंह भदौरिया ने बताया कि सूफियान को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम ने शुक्रवार को घेराबंदी की थी। इस दौरान पुलिस पर आरोपित ने फायरिंग कर दी थी। जवाबी कार्यवाही में आरोपित के दाएं पैर में घुटने के नीचे गोली लगी थी।

भ्रष्टाचार के 30 साल पुराने मामले में बैंक अधिकारियों को सजा : भ्रष्टाचार के 30 साल पुराने एक मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक, कानपुर की शाखा स्वरूप नगर के तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक एके सिंह व इंडियन ओवरसीज बैंक मेस्टन रोड, कानपुर के तत्कालीन बिल कलेक्टर एसपी त्रिपाठी को दोषी करार दिया है। विशेष जज मनोज पांडेय ने इन दोनों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही अभियुक्त एके सिंह पर 60 हजार जबकि एसपी त्रिपाठी पर 80 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

सीबीआइ के वरिष्ठ लोक अभियोजक अजय पाल के मुताबिक, 12 मार्च 1992 को भ्रष्टाचार के इस मामले की एफआइआर दर्ज हुई थी। इसके मुताबिक, अभियुक्तों पर आपसी सांठगांठ से पंजाब नेशनल बैंक व यूनियन बैंक आफ इंडिया, कानपुर की कौशलपुरी शाखा को 46 लाख 90 हजार का आर्थिक नुकसान पहुंचाने का इल्जाम है।

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