लखनऊ, 14 सितंबर 2022 : बैनर पर समाजवादीपार्टी के मुखियाअखिलेश यादव केसाथ बिहार केमुख्यमंत्री नीतीश कुमार काचेहरा और 'यूपीबिहार = गई मोदीसरकार!' का लिखानारा। समाजवादी पार्टीके इस उत्साहके पीछे उनसमीकरणों की संभावनाहै, जो वहसपा और जदयूके मिलन सेजातियों के गठजोड़के रूप मेंदेख रही है।मगर, भाजपा इससेकतई बेफिक्र है।
अव्वल तो भाजपाकी अपनी तैयारीहै और दूसरायह कि उसकेसहयोगी दल अपनादल (एस) औरनिषाद पार्टी जिसतरह से ताकतजुटाते नजर आरही है, उससेभगवा खेमा आशान्वितहै कि निकायचुनाव और फिरलोकसभा चुनाव में उसकीयह 'बाजुएं' विपक्षके जातियों केतानेबाने को उधेड़नेमें सक्षम साबितहोंगी।
पूर्वांचल में प्रभावशालीमाने जाने वालेअपना दल (एस) का प्रभाव लगातारबढ़ रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव मेंभाजपा के साथआई इस पार्टीका तालमेल सततचल रहा है।दो सांसदों वालीपार्टी की राष्ट्रीयअध्यक्ष अनुप्रिया पटेल मोदीसरकार में केंद्रीयराज्यमंत्री हैं। प्रदेशमें भी वहभाजपा के सहयोगीदल के रूपमें 2017 के विधानसभाचुनाव से है।
अबकी अपनादल के 12 विधायकजीते और हालही में निर्वाचनआयोग ने अपनादल (एस) कोराज्य पार्टी कादर्जा दे दिया।इससे उत्साहित दलअब पूर्वांचल तकसीमित न रहतेहुए प्रदेशभर मेंसंगठन को मजबूतकरने में जुटाहै। पार्टी केप्रदेश अध्यक्ष व योगीसरकार के प्राविधिकशिक्षा मंत्री आशीष पटेलअपनी रणनीति साझाकरते हुए बतातेहैं कि एककरोड़ सदस्य बनानेका लक्ष्य है।
दो सितंबरको प्रतापगढ़ सेशुरू हुआ सदस्यताअभियान दो अक्टूबरतक चलेगा। 25 सामान्यसदस्य बनाने परएक सक्रिय सदस्यबनेगा। 20 सक्रिय सदस्य बनानेवाला समर्पित सदस्यऔर पांच समर्पितसदस्य बनाने वालाआजीवन सहयोगी सदस्यबनाया जा रहाहै। इसके लिएहर एक विधानसभाक्षेत्र को चारजोन में बांटउसका सदस्यता प्रभारीप्रदेश या राष्ट्रीयपदाधिकारी को बनायागया है।
इसी तरहनिषाद पार्टी भीकेंद्र और राज्यमें भाजपा कीसहयोगी है। इसकीभी पूर्वांचल मेंखास तौर परअति पिछड़ी जातियोंपर पकड़ मानीजाती है। निषादपार्टी मझवार जाति समूहमें शामिल 17 अतिपिछड़ीजातियों को अनुसूचितजाति में शामिलकरने की मांगलंबे समय सेउठा रही है।
उच्च न्यायालयसे पुरानी अधिसूचनाएंरद होने केबाद भाजपा सरकारने इस दिशामें प्रक्रिया शुरूकी है। मानाजा रहा हैकि यदि 17 जातियोंको अनुसूचित जातिका आरक्षण मिलताहै यह बड़ादांव होगा। इससेभाजपा के साथही निषाद पार्टीकी भी इसजाति वर्ग मेंपकड़ और मजबूतहोगी।
भाजपा की नजरसुहेलदेव भारतीय समाज पार्टीपर भी है।उसके अध्यक्ष ओमप्रकाशराजभर सपा सेनाता तोड़ चुकेहैं और उनकेसंगठन में बगावतभी हो गईहै। ऐसे मेंइनके सहारे भीभाजपा छोटी जातियोंपर नजर जमाएहुए है। इसतरह भाजपा चाहतीहै कि उसकेगठबंधन सहयोगी और मजबूतहों, ताकि बिहारमाडल पर यदियहां विरोधी एकजुटहो भी जाएंतो खास प्रभावन डाल सकें।
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